नरेंद्र सूर्यवंशी होंगे रतलाम के नए कलेक्टर, कुमार पुरुषोत्तम का खरगोन तबादला, रतलाम कलेक्टर का तबादला निरस्त करने की उठी मांग

रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम का तबादला खरगोन किया गया है। उनके स्थान पर निवाड़ी से नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी रतलाम आएंगे।

नरेंद्र सूर्यवंशी होंगे रतलाम के नए कलेक्टर, कुमार पुरुषोत्तम का खरगोन तबादला, रतलाम कलेक्टर का तबादला निरस्त करने की उठी मांग
नरेंद्र सूर्यवंशी एवं कुमार पुरुषोत्तम।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम / भोपाल । मध्यप्रदेश शासन ने रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम सहित चार आईएएस अधिकारियों का तबादला आदेश जारी किया है। कुमार पुरुषोत्तम को खरगोन और निवाड़ी  निवाड़ी के कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी को रतलाम का नया कलेक्टर बनाया गया है। आदेश आते ही कुमार पुरुषोत्तम का तबादला निरस्त करने की मांग उठने लगी।

मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के हस्ताक्षर से शनिवार को तबादला आदेश जारी हुआ। इसमें 4 आईएएस अधिकारी प्रभावित हुए हैं।  खरगोन कलेक्टर अनुग्रह पी. का तबादला दिल्ली किया गया है। उनके स्थान पर रतलाम कलेक्टर पुरुषोत्तम को भेजा जा रहा है। जबकि जबलपुर के अपर आयुक्त तरुण भार्गव निवाड़ी कलेक्टर होंगे। निवाड़ी कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी अब रतलाम कलेक्टर होंगे। निवाड़ी से स्थानांतरित होकर रतलाम आ रहे नए कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी उज्जैन एडीएम रह चुके हैं। इसके अलावा भी वे विभिन्न प्राशनिक पदों पर रह चुके हैं। 

तबादला निरस्त करने के लिए मुख्यमंत्री को किए ट्वीट

महज एक साल में कुमार पुरुषोत्तम को रतलाम से हटाकर खरगोन का कलेक्टर बनाए जाने से सरकार के फैसले के विरोध में आवाज उठना शुरू हो गई है। तबादला आदेश जारी होने के बाद ही लोगों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ट्वीट भेज कर कुमार पुरुषोत्तम का रतलाम से खरगोन तबादला तत्काल निरस्त करने का अनुरोध किया।

अपनी कार्यशैली के कारण लोगों के दिलों में बनाई जगह

बता दें कि 2012 बैच के अधिकारी कुमार पुरुषोत्तम कोरोना काल में रतलाम भेजे गए थे। अपनी सूझ-बूझ से न सिर्फ उन्होंने रतलाम में कोरोना पर नियंत्रण पाया बल्कि शहर में विकास के चक्र की चाल भी तेज कर दी। सरकारी जमीनों पर कब्जा कर बैठे भूमाफियाओं पर कुमार पुरुषोत्तम का चक्र चला तो सैकड़ों हेक्टेयर जमीन अतिक्रमण से मुक्त हो गई। यही नहीं ट्रांसपोर्टनगर के निर्माण का जो काम 30 साल में नहीं हो पाया था वह भी शुरू होने की स्थिति में आ गया। यही वजह है कि आमजन में एक कलेक्टर के रूप में कुमार पुरुषोत्तम ने अपनी अलग पहचान बनाई। इसके चलते ही लोगों ने उनका तबादला रुकवाने के लिए कवायद शुरू कर दी।