Tag: समता शीतल पैलेस रतलाम

धर्म-संस्कृति
‘हृदय में डोर, नहीं तो इनडोर बनाओ, पर दीवार मत बनाओ, दुर्मति तो दुश्मनी पैदा करती और सन्मति मित्रता बढ़ाती है’

‘हृदय में डोर, नहीं तो इनडोर बनाओ, पर दीवार मत बनाओ, दुर्मति...

आचार्य श्री विजयराजजी म.सा. के चातुर्मासिक प्रवचन रतलाम के समता शीतल पैलेस में जारी...

धर्म-संस्कृति
बनना है तो रेस का घोड़ा बनो, जंगल, सर्कस और जुलूस का नहीं - आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा.

बनना है तो रेस का घोड़ा बनो, जंगल, सर्कस और जुलूस का नहीं...

शहर में चातुर्मास के लिए आए आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी और श्री विजयराजजी...