'सुनें सुनाएं' का 26वां सोपान 3 नवंबर को, इस बार 11 रचनाएं पढ़ी जाएंगी, ...तो आप आ रहे हैं न सुनने के लिए
दो वर्ष से निरंतर रचनात्मक कार्यों को बढ़ावा दे रहे सुनें सुनाएं का 26वां का सोपान 3 नवंबर को होगा। इस पर इसमें 11 रचनाधर्मी प्रस्तुत देंगे।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शहर में रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बीते दो सालों से निरंतर जारी आयोजन 'सुनें सुनाएं' का 26वां सोपान 3 नवंबर (रविवार) को सुबह 11 बजे जी डी अंकलेसरिया रोटरी हाल रतलाम पर होगा। इस आयोजन में ग्यारह साथियों द्वारा अपने पसंदीदा रचनाकारों की रचनाओं का पाठ किया जाएगा।
आयोजन में कु. दिव्यांशी दीक्षित द्वारा सुभद्रा कुमारी चौहान की रचना 'कोयल' का पाठ, कमलेश पाटीदार द्वारा डॉ. कुँवर बेचैन की रचना 'अंक गणित सी सुबह है मेरी' का पाठ, इन्दु सिन्हा द्वारा प्रो. रतन चौहान की रचना "धागे" का पाठ, नरेंद्र त्रिवेदी द्वारा एम. जी. हशमत की रचना 'मेरा जीवन कोरा कागज़' का पाठ, नीलिमा उपाध्याय द्वारा बाबूलाल जैन 'जलज' की रचना 'सत्यं, शिवम्, सुंदर भावों की हम शांति, क्रांति चिंगारियां' का पाठ का पाठ किया जाएगा।
इसी प्रकार अभिषेक दीक्षित द्वारा गोपालदास 'नीरज' की रचना 'छिप छिप कर अश्रु बहाने वालों' का पाठ, अनमोल सुरोलिया द्वारा दुष्यन्त कुमार की रचना 'इस नदी की धार से' का पाठ, अनंत शुक्ला द्वारा रमेश मिश्र 'आनंद' की रचना 'फटे चीथड़े तन में डाले' का पाठ, डॉ. गीता दुबे द्वारा डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला की रचना "बेटी आई हुई है इन दिनों" का पाठ, स्मिता शुक्ला द्वारा अज्ञात रचनाकार की रचना 'तुम सी हो गई हूं' का पाठ, दिनेश परिहार 'मुंदड़ी वाला' द्वारा माखनलाल चतुर्वेदी की रचना 'सुलग सुलग री जोत' का पाठ किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस आयोजन में कोई अपनी रचना नहीं पढ़ता है। अपने प्रिय रचनाकार की रचना का पाठ होता है। 'सुनें सुनाएं' ने शहर के सुधिजनों से आयोजन में उपस्थित रहने का आग्रह किया है। ...तो आप आ रहे हैं न इस अनूठे आयोजन में सुनने के लिए और सुनाने के लिए।