साहित्य विमर्श : 'सुनें सुनाएं' का 29वां सोपान 2 फरवरी को, रचनाप्रेमियों द्वारा दस रचनाएं पढ़ी जाएंगी

औपचारिकताओं से परे समयबद्धता की मिसाल सुनें सुनाएं का 29वां सोपान 2 फरवरी को होगा। इस बार कौन किस रचनाकार की रचना पढ़ने वाले हैं, यह जानने के लिए यह खबर पढ़ें और आयोजन में शिरकत भी करें।

साहित्य विमर्श : 'सुनें सुनाएं' का 29वां सोपान 2 फरवरी को, रचनाप्रेमियों द्वारा दस रचनाएं पढ़ी जाएंगी
2 फरवरी को आयोजित होने वाले सुनें सुनाएं के 29वें सोपान में रचनापाठ करने वाले रचनाप्रेमी।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शहर में रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय 'सुनें सुनाएं' का 29वां सोपान 2 फरवरी (रविवार) को होगा। इसमें रचनाप्रेमियों द्वारा अन्य रचनाकारों की 10 रचनाएं पढ़ी जाएंगी।

सुनें सुनाएं के 29वें सोपान का आयोजन 11 बजे जी. डी. अंकलेसरिया रोटरी हॉल रतलाम पर होगा। इस सोपान में आई. एल. पुरोहित द्वारा इक़बाल अशर की रचना 'बे-फै़ज़ एक चराग बताया गया मुझे' का पाठ, ऋषिकेश शर्मा द्वारा डॉ. सुनील जोगी की कविता ‘हम हिन्दू सत्य सनातन हैं' का पाठ, दुष्यंत कुमार व्यास द्वारा वीरेन्द्र मिश्र की रचना 'गीतमेघ : आत्मकथ्य' का पाठ, डॉ. रवीन्द्र उपाध्याय द्वारा जगदीश सोलंकी की रचना "यूं तो साथ देने को हजारों हाथ और हैं" का पाठ करेंगी।

इसी प्रकार कीर्ति कुमार शर्मा द्वारा यूसुफ़ जावेदी की रचना 'नौजवां ओ नौजवां' का पाठ, आयुष्मान देसाई द्वारा डॉ. ओम राज की रचना 'सोन नदी बहती रही' का पाठ, डॉ. गायत्री तिवारी द्वारा रामनरेश त्रिपाठी की रचना 'अन्वेषण' का पाठ, संजय परसाई 'सरल' द्वारा कबीर की रचना 'देखो रे जग बौराना' का पाठ, नरेंद्र त्रिवेदी द्वारा गुलज़ार की रचना 'क्या है ज़िन्दगी' का पाठ, वयोवृद्ध श्रीराम दिवे द्वारा वी. के. घाटे की रचना 'वीर सावरकर' का पाठ किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि इस आयोजन में कोई अपनी रचना नहीं पढ़ता है। अपनी पसंद की रचना का पाठ किया जाता है वह भी बिना किसी भूमिका के। 'सुनें सुनाएं' ने शहर के सुधिजन से उपस्थिति होने का आग्रह किया है।