संविदा कर्मचारियों ने CM को खून से लिखे खत, कहा- ‘मामाजी हम भी आपके भांजे-भांजी हैं, हमारे साथ भेदभाव क्यों?' देखें वीडियो...

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल पांचवें दिन भी जारी रही। इस दिन कर्मचारियों ने सीएम के नाम खून से पत्र लिखे।

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की पांचवें दिन जारी रही अनिश्चितकालीन हड़ताल

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । एक तरफ नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधि अपना मानदेय और भत्ता दो गुना होने से खुशी मना रहे हैं वहीं दूसरी ओर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में मायूसी का आलम है। संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने सोमवार को अपने खून से मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखे। इसमें उन्होंने कहा है कि- ‘मामाजी हम भी आपके भांजे-भांजी हैं, हमारे साथ भेदभाव क्यों ? 

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की रतलाम जिला इकाई तीन सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। हड़ताल पांचवें दिन सोमवार को भी जारी रही।  पांचवे दिन अपने खून से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खत लिखे हैं। कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर विभिन्न प्रकार से मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए नियमितीकरण की मांग की है।

स्वीकृति संविदा नीति अनुसार भी मानदेय नहीं मिल रहा

हड़ताल में महिलाकर्मी भी शामिल हैं। कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर सुधा पाटीदार ने  कहा कि जब मामाजी प्रदेश की लड़कियों को अपनी भांजी कहते हैं तो हमारे साथ में यह संविदा नामक शोषण की व्यवस्था क्यों है? उन्होंने कहा कि मामाजी ने खुद संविदा को शोषण की व्यवस्था बताया है। इसके उलट शासन एवं प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री की मंशानुसार कर्मचारियों को स्वीकृत संविदा नीति 5 जून 2018 के अनुसार लाभ एवं मानदेय भी नहीं दिया जा रहा है। इसलिए हमें एकत्र होकर मुख्यमंत्री से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए हड़ताल पर जाना पड़ा है। 

ये मांगें हैं संविदा कर्मचारियों की

  • वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नीति बनाकर उनका नियमितीकरण किया जाए।
  • 05 जून 2018 की संविदा नीति लागू की जाए।
  • विभिन्न योजनाओं में पद समाप्त कर निकाले गए कर्मचारियों की बहाली की जाए।