बड़ी खबर : देश भर में CAA लागू, केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना, जानिए- किसे क्या पड़ेगा फर्क
भारत में बहुचर्चित नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) 11 मार्च 2023 से लागू हो गया। गृह मंत्रालय ने इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है।
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एसीएन टाइम्स @ नई दिल्ली । तमाम विरोधों और अवरोधों के बावजूद 11 मार्च 2024 (सोमवार) से देशभर में नागरिकता संसोधन अधिनियम (CAA) लागू हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्रीलय ने इसके नियमों को लेकर देर शाम अधिसूचना भी जारी कर दी। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नियमों की अधिसूचना जारी होना केंद्र सरकार का एक और मास्टर स्टोक बताया जा रहा है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही नागरिकता संशोधन कानून की अधिसूचना जारी कर सभी को चौंका दिया है। गृह मंत्रालय के ऑफिशयल x हैंडल पर इसकी जानकारी भी साझा कर दी गई है। गौरतलब है कि सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था। इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी। तब इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन होने के कारण इस कानून को लागू नहीं हो किया गया था, लेकिन सोमवार देर शाम इसकी अधिसूचना जारी होते ही यह देशभर में प्रभावशील हो गया। मिनिस्ट्री ऑफ होम अपेयर्स के अनुसार इसके तहत नागरिकता के लिए आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन जमा होंगे। इसके लिए एक वेब पोर्टल तैयार किया गया है। कहा जा रहा है कि नागरिकता के लिए आवेदन करने वालों को उस साल का जिक्र करना होगा जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बगैर भारत में प्रवेश किया था।
Ministry of Home Affairs (MHA) will be notifying today, the Rules under the Citizenship (Amendment) Act, 2019 (CAA-2019). These rules, called the Citizenship (Amendment) Rules, 2024 will enable the persons eligible under CAA-2019 to apply for grant of Indian citizenship. (1/2)
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) March 11, 2024
बता दें कि- भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में भी सीएए लागू करने को लेकर जिक्र किया था। यानी यह भाजपा के घोषणा-पत्र का अभिन्न अंग रहा है। चूंकि संसदीय कार्य की नियमावली में यह स्पष्ट है कि कोई भी कानून का नियम राष्ट्रपति की मंजूरू के छह माह के भीतर तैयार ह जाने चाहिए अथवा सरकार को लवोकसभा और राज्यसभा के अधीन विधान समितियों से उसके लिए विस्तार हेतु समय मांगना होता है। इसलिए 2020 में गृह मंत्रालय द्वारा नियम बनाने के लिए लगातार संसदीय समिति से थोड़े-थोड़े अंतराल पर विस्तार हेतु समय लिया जा रहा था।
CAA लागू होने से किसे क्या फर्क पड़ेगा
-सीएए लागू होने से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक जो लोग भारत आ चुके हैं उन्हें केंद्र सरकार द्वारा भारतीय राष्ट्रीयता दी जाएगी।
- CAA में छह गैर-मुस्लिम समुदायों को शामिल किया गया है। इनमें हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोग शामिल हैं। यानी सिर्फ इन्हीं धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता मिलेगी।
- इस कानून में मुसलमानों का जिक्र नहीं होने से विरोधी इसे लेकर विवाद खड़ा कर रहे हैं। केंद्र सरकार पर इसी आधार पर धार्मिक भेदभाव करने का आरोप लगा। विरोध प्रदर्शन के दौरान 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
सीएम ममता ने कहा पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने दूंगी
सीएए को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि पहले मुझे नियमों को ठीक से देखने दीजिए। अगर लोगों को नियमों के तहत उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है, तो हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। यह चुनाव के लिए बीजेपी का प्रचार है और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा है कि वे इस कानून को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी।