कलेजे के टुकड़ों को दूसरा जीवन देने के लिए माताएं और पालनहार पिता को बेटा दे रहा किडनी, प्राधिकार समिति के दी स्वीकृति

रतलाम के शासकीय मेडिकल कॉलेज ने तीन मरीजों के लिए उनके परिजन को किडनी दान करने की अनुमति दी।

कलेजे के टुकड़ों को दूसरा जीवन देने के लिए माताएं और पालनहार पिता को बेटा दे रहा किडनी, प्राधिकार समिति के दी स्वीकृति
किडनी डान करने की स्वीकृति का पत्र प्रदान करते संभागीय प्राधिकार समिति के सदस्य।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय शासकीय मेडिकल कॉलेज रतलाम की मेडिकल कॉलेज की संभागीय अंगदान प्रत्यारोपण प्राधिकार समिति की बैठक में रतलाम से अंगदान के तीन प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। इनमें दो माताओं को अपने बेटों की जान बचाने के लिए तो एक मामले में बेटे द्वारा पिता को किडनी देने का मामला शामिल हैं। तीनों ही प्रकरण में संभागीय प्राधिकार समिति ने अंगदान की स्वकृति दे दी।

समाजसेवी गोविंद काकानी ने बताया बैठक शुरू होने पर समिति सदस्यों ने किडनी दान देने व लेने वालों की जानकारी आवश्यक दस्तावेज के साथ पटल पर रखे। सदस्यों ने सभी कागज चैक किए और कमियों को दूर कराते हुए अंग प्रत्यारोपण की स्वीकृति प्रदान की। काकानी के अनुसार तीनों प्रकरणों में 2 में माता द्वारा अपने बेटों को अंगदान करने का पुनः अवसर देखने में आया। पिछली बार एक प्रकरण में परिवारजन द्वारा आवश्यक प्रमाण देने पर स्वीकृति प्रदान की गई थी। 

इस प्रकार प्रकरण पहले में दिनेश गायरी (32) निवासी ग्राम मकान तहसील पिपलौदा जिला रतलाम को उनकी माता श्यामा (52) द्वारा एवं मुकेश धनक (46) निवासी उज्जैन को पुत्र अर्जुन (32) द्वारा किडनी दी जा रही है। वहीं तीसरा प्रकरण बालचंद पाटीदार (40) निवासी ग्राम गार्डिया प्रताप तहसील सुवासरा जिला मंदसौर को माता वालीबाई (65) द्वारा किडनी दी जा रही है। इन सभी प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की गई।

प्राधिकर समिति की बैठक में ये रहे उपस्थित

डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय मेडिकल कॉलेज रतलाम की संभागीय अंगदान प्रत्यारोपण प्राधिकार समिति सदस्य के सदस्य डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता, मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. आनंद चंदेलकर, विभागाध्यक्ष मेडिसिन विभाग डॉ. महेंद्र चौहान, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. नीलम चार्ल्स, समाजसेवी गोविंद काकानी, समाजसेवी मनीषा ठक्कर, नोडल अधिकारी डॉ. अतुल कुमार व सहायक ओमप्रकाश गौर उपस्थित रहे। सभी प्रकरणों में बिना कोई व्यवधान आए स्वीकृति देने पर मरीज और उनके परिजन ने समिति सदस्यों के प्रति धन्यवद ज्ञापित किया।