मप्र में एस्मा लागू : शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य और चिकित्सकीय संस्थाओं से जुड़े कार्य अनिवार्य, काम करने से इनकार करना गैरकानूनी
मप्र सरकार ने प्रदेश के सभी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संस्थानों पर एस्मा लागू कर दिया है। इनकी 10 सेवाओं से जुड़े कर्मचारीअब किसी भी कार्य के लिए इनकार नहीं कर सकेंगे। ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एसीएन टाइम्स @ भोपाल । मप्र सरकार द्वारा प्रदेश में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा से जुड़ी सेवाओं पर एस्मा लागू कर दिया है। अब इससे जुड़ा कोई भी अधिकारी-कर्मचारी अधिसूचित कार्य करने से इनकार नहीं कर सकेगा। कार नहीं करने या इनकार करने पर संबंधित के विरुद्ध एस्मा के तहत वैधानिक कार्रवाई कर दंडित किया जाएगा।
मप्र शासन के गृह मंत्रालय द्वारा राजपत्र जारी किया गया है। इसमें प्रदेश के समस्त शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय संस्थानों के सेवाओं को अनिवार्य किया गया है। राजपत्र के अनुसार राज्य सरकार इस निर्णय पर पहुंची है कि लोकहित में चिह्नित आवश्यक सेवाओं के बारे में इनकार किए जाने को प्रतिबंधित किया जाना जरूरी हो गया है। इसके चलते मप्र अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विछिन्नता निवारण अधिनियम 1979 (क्रमांक 10, सन 1979) की धारा चार की उपधारा (1) में दिए गए अधिकारों का उपयोग करते हुए शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय संस्थानों और उनके संचालन से जुड़े कार्यों को अतिआवश्यक घोषित किया गया है।
अतः अब इन संस्थानों में कार्यरत कोई भी अधिकारी-कर्मचारी निर्धारित कार्यों को करने से इनकार नहीं कर सकेगा। स्वास्थ्य सुविधा प्रभावित हो सकें ऐसी कोई भी सुविधा और व्यवस्था से जुड़े लोग भी इसके दायरे में शामिल होंगे।
ये कार्य शामिल हैं अतिआवश्यक सेवाओं में
- समस्त स्वास्थ्य सुविधाएं।
- डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मचारी।
- स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता कार्यकर्ता।
- मेडिकर उपकरणों की बिक्री, संधारण एवं परिवहन।
- दवाइयों एवं ड्रग्स की बिक्री, परिवहन एवं विनिर्माण।
- एम्बुलेंस सेवाएं।
- पानी एवं बिजली की आपूर्ति।
- सुरक्षा संबंधी सेवाएं।
- खाद्य एवं पेयजल प्रावधान एवं प्रबंधन।
- बॉयो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन।