77 वर्ष पूर्व शिक्षण संस्था की स्थापना और समाज की सहभागिता से संचालन करना व मेरा इस सेवा का निमित्त बनना गौरव की बात  - विधायक काश्यप

जैन विद्या निकेतन एवं जैन बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का वार्षिकोत्सव संपन्न हुआ। इसमें 475 विद्यार्थियों ने दी प्रस्तुतियां।

77 वर्ष पूर्व शिक्षण संस्था की स्थापना और समाज की सहभागिता से संचालन करना व मेरा इस सेवा का निमित्त बनना गौरव की बात  - विधायक काश्यप
वार्षिकोत्सव को संबोधित करते विधायक चेतन्य काश्यप।

देशभक्ति तरानों के के साथ मना जैन स्कूल का वार्षिकोत्सव, विधायक काश्यप ने स्कूल के 77 साल के इतिहास पर डाला प्रकाश 

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । समाज स्तर पर 77 वर्ष पूर्व शिक्षा संस्थान की स्थापना करना और उसे संपूर्ण जैन समाज की सहभागिता से चलाना गौरवपूर्ण है। इसमें निश्चित ही हमारे पूर्वजों का अहम योगदान था। मुझे इस बात का गर्व है कि मेरे दादाजी कन्हैयालालजी काश्यप स्कूल के संस्थापकों में से एक थे और तीसरी-चौथी पीढ़ी के साथ मैं भी जुड़कर इस सेवा का निमित्त बना हूं।

यह बात शहर विधायक चेतन्य काश्यप ने जैन विद्या निकेतन एवं जैन बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का संयुक्त वार्षिक उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में कही। काश्यप ने इस मौके पर कहा कि बच्चों में रुचि लेना, उन्हें संस्कारित करना और उनके संपूर्ण विकास के लिए पालक और शिक्षक द्वारा मिलकर विकास की अवधारणा को आगे बढ़ाना स्कूल को महत्वपूर्ण बनाता है। इसमें शिक्षकों का योगदान महत्वपूर्ण है, वहीं बच्चों के निर्माण में अभिभावकों की भूमिका भी सबसे अहम है।

यहां के बच्चों ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया नाम

विधायक ने कहा कि चेतन्य काश्यप फाउंडेशन के प्रतिभा सम्मान समारोह में स्कूल के बच्चों की सहभागिता अच्छी संख्या में रही है। खेल चेतना मेला के माध्यम से भी यहां के बच्चों ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर रतलाम का नाम रोशन किया है। समाज के बंधुओं के माध्यम से हम इसे श्रेष्ठतम स्कूल की और ले जाने के लिए तत्पर रहेंगे।

देशभक्ति व वीर शिवाजी से प्रेरित प्रस्तुतियां दी

वार्षिकोत्सव में विद्यार्थियों ने देशभक्ति, महिला सशक्तिकरण एवं वीर शिवाजी से ओतप्रोत प्रस्तुतियां ने समां बांध दिया। वार्षिकोत्सव में 475 बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में अपनी प्रतिभा का प्रर्दशन किया। आरंभ में संस्था अध्यक्ष रंगलाल चौरड़िया, सचिव महेंद्र चाणोदिया, सचिव जयंत बोहरा, निर्मल लुनिया एवं प्राचार्य मृदुला शर्मा ने स्वागत किया। स्वागत उद्बोधन सचिव चाणोदिया ने दिया। प्राचार्य मृदुला शर्मा ने संस्था के प्रतिवेदन का वाचन करते हुए सभी संस्थापकों को याद किया। संचालन मंजू पंवार व अनुराधा भोसले ने किया। आभार जैन विद्या निकेतन के सचिव जयंत बोहरा ने माना।