रक्तदान महादान : पुणे की जन कल्याण रक्त पेढ़ी ने किया शतकवीर रक्तदाता गोविंद काकानी का सम्मान, काकानी ने साझा की पुणे से जुड़ी यादें

रतलाम के समाजसेवी एवं रक्तवीर गोविंद काकानी का पुणे की जन कल्याण रक्त पेढ़ी की ओर से सम्मान किया गया। काकानी ने अपने रक्तदान मिशन की शुरुआत 1980 में पेढ़ी से ही की थी।

रक्तदान महादान : पुणे की जन कल्याण रक्त पेढ़ी ने किया शतकवीर रक्तदाता गोविंद काकानी का सम्मान, काकानी ने साझा की पुणे से जुड़ी यादें
समाजसेवी शतकवीर रक्तदाता गोविंग काकानी का सम्मान करते जन कल्याण रक्त पेढ़ी पुणे के सदस्य।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । समाजसेवी और शतकवीर रक्तदाता गोविंद काकानी का पुणे की जन कल्याण रक्त पेढ़ी द्वारा अभिनंदन किया गया। इस मौके पर काकानी ने पुणे में बिताए दिनों और उससे जुड़ी यादों को साझा किया।

पूर्व एमआईसी सदस्य एवं समाजसेवी गोविंद काकानी और पुणे की जन कल्याण रक्त पेढ़ी का जुड़ा वर्ष 1980 से है। तब पेढ़ी द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में काकानी द्वारा रक्तदान किया गया था। यह रक्त संबंध आज भी कायम है। पेढ़ी की ओर से काकानी का यहां मानव सेवा समिति द्वारा संचालित ब्लड बैंक परिसर में सम्मान किया गया है। सम्मान करने वालों में पेढ़ी के विट्ठल कानड़े, राकेश पाटिल, डॉ. दीपक परबत, माधव चौधरी, नीलेश टिंगरे एवं प्रशांत पाटिल ने विश्व रक्तदाता दिवस के  उपलक्ष में किया।

काकानी के सेवा मिशन को सराहा

पुणे के मित्र मंडल ने व्हाट्सएप के माध्यम से लगातार जानकारी एकत्रित की और अपने यहां से रक्तदान करने की शुरुआत करने वाले समाजसेवी काकानी के मिशन की सराहना की। पेढ़ी के सदस्यों ने कहा कि काकानी ने पुणे से जो सेवा कार्य की शुरुआत की थी वह आज भी जारी है। इसमें रक्तदान, नेत्रदान, लावारिसों का अंतिम संस्कार, मानसिक रोगी को ठीक कर उन्हें घर भिजवाना, बिछड़े हुओं को घर पहुंचना, धार्मिक कार्यों में सक्रिय योगदान शामिल हैं। ये सारी गतिविधियां और सक्रियता वीडियो एवं समाचार-पत्रों के माध्यम से न सिर्फ पुणे, बल्कि हर जगह पहुंच रही हैं। यह सभी सदस्यों के लिए प्रसन्नता की बात है। पेढ़ी के सदस्यों ने कहा कि ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता का सम्मान कर वे अपने आप को गौरवशाली महसूस कर रहे हैं।

रतलाम आने का किया आग्रह

अपने सम्मान के प्रत्युत्तर में समाजसेवी काकानी ने सभी दोस्तों का हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने पुणे से जुड़ी अपनी यादों को भी साझा किया। उन्होंने रतलाम की विशेषताओं के बारे में भी अवगत कराया। साथ ही पेढ़ी के सदस्यों से सभी साथियों से पुनः रतलाम आने का आग्रह किया।