एक और झूठा केस : जमीन का झगड़ा था, महिला ने भतीजे के खिलाफ दर्ज करवा दिया बलात्कार का केस, न्यायालय ने महिला के विरुद्ध FIR दर्ज करने का दिया आदेश
रतलाम के पंचम अपर सत्र न्यायाधीश शैलेष भदकारिया ने एक और महिला के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। महिला ने अपने भतीजा के विरुद्ध बलात्कार का झूठा केस दर्ज कराया था जबकि उनके विरुद्ध जमीन को लेकर विवाद था।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । पंचम अपर सत्र न्यायाधीश शैलेष भदकारिया ने बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज कराने वाली एक और महिला के विरुद्ध एफआईर दर्ज करने का आदेश दिया है। महिला ने जमीन के झगड़े में अपने ही भतीजे के खिलाफ बलात्कार का झूटा केस दर्ज करवाया था। पंचम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में इस तरह का यह तीसरा मामला है।
अपर लोक अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता समरथ पाटीदार ने बताया कि दिनांक 17 जून, 20 20 को रावटी थाना क्षेत्र की निवासी एक महिला ने अपने भतीजे के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज कराया था। महिला ने पुलिस को बताया था कि वह खेती और घरु कार्य करती है। होली के तीन दिन बाद 12 मार्च 2020 को उसका पति मजदूरी करने रतलाम गया था और उसके तीनों लड़के स्कूल गए थे। इससे वह घर में अकेली थी। इसी दौरान दोपहर करीब 12:00 बजे आरोपी उसका उसका भतीजा आया और उससे पूछा कि- काका कहां हैं। महिला ने बताया कि वे मजदूरी के लिए रतलाम गए हैं। आरोपी भतीजे ने महिला से उसके साथ मकान के अंदर चल उसने के लिए लेकिन उसने मना कर दिया। इससे आरोपी उसे जबरदस्ती पकड़ कर अपने मकान के अंदर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया।
बलात्कार और धमकाने का लगाया था आरोप
महिला ने पुलिस को बताया था कि उसने बचने का प्रयास किया और चिल्लाई भी लेकिन आरोपी ने उसका मुंह दबा दिया। आरोपी ने उसे धमकाया कि यदि चिल्लाई और इस बारे में किसी को बताया तो वह उसे जान से खत्म कर देगा। इसके बाद आरोपी चला गया। आरोपी की धमकी से वह डर गई थी, इसलिए उसने घर पर किसी को भी घटना नहीं बताई थी। इसी दौरान पति जैसलमेर मजदूरी करने चला गया लेकिन जब वहां से लौटा तब उसने उसे जानकारी दी। महिला पति के साथ रावटी थाने पहुंची और आरोपी भतीजे के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध भारतीय दंड सहित की धारा 450, 376, 506 में केस दर्ज किया। पुलिस ने महिला के बयान लिखे और न्यायालय में भी धारा 164 के बयान दर्ज करवाए। महिला ने दोनों बयानों में बलात्कार होने की ही बात कही।
सुनवाई के दौरान बताया कि विवाद जमीन का है, बलात्कार नहीं हुआ
पुलिस ने प्रकरण की जांच के बाद चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत की। इसकी सुनवाई पंचम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय हुई। केस की सुनवाई के दौरान महिला ने न्यायालय में बयान दिया कि उसका भतीजे के साथ जमीन को लेकर झगड़ा हो गया था। विवाद जमीन का था लेकिन उसने आरोपी के विरुद्ध बलात्कार और जान से मारने की धमकी देने की लिखवा दी। शासकीय अधिवक्ता पाटीदार के अनुसार महिला के बयान के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को बरी कर दिया। न्यायालय ने महिला पर मिथ्या साक्ष्य देने के मामले में उसके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 182, 193, 211 में दर्ज करने का आदेश दिया है। बता दें कि आरोपी भतीजा उक्त मामले में 107 दिन तक जेल में भी रहा।