भोपाल की बंद फैक्ट्री में बन रही थी ‘मौत’, गुजरात व दिल्ली की ATS और NCB ने जब्त की 1814 करोड़ की MDMA ड्रग्स, दो आरोपी गिरफ्तार
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) और गुजरात एटीएस (Gujarat ATS) ने भोपाल में MDMA ड्रग बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। बंद पड़ी फैक्ट्री में 1814.18 करोड रुपए का MDMA ड्रग जब्त हुआ है। मामले में दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
एसीएन टाइम्स @ भोपाल / दिल्ली । मध्य प्रदेश मादक पदार्थ बनाने और उसके अवैध परिवहन का अड्डा बन गया है। महज दो दिन के भीतर प्रदेश में घतक ड्रग MDMA जब्ती की दो बड़ी कार्रवाई हुई हैं। गुजरात व दिल्ली एटीएस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा प्रदेश की राजधानी में MDMA बनाने की फैक्ट्री पकड़ी है। यहां से लगभग 1814.18 करोड़ रुपए से अधिक का मादक पदार्थ जब्त हुआ है। मामले में दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
गुजरात एटीएस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर शनिवार को भोपाल के बागरोदा औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक बंद पड़ी फैक्ट्री में छापेमारी की। इस कार्रवाई से स्थानीय पुलिस को दूर रखा गया। गुजरात एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी के अनुसार गुजरात एटीएस को सूचना मिली थी कि भोपाल के रहने वाला अमित चतुर्वेदी और नासिक के रहने वाले सान्याल प्रकाश बाने ने भोपाल में एक ड्रग्स फैक्ट्री लगाई है। इसमें ये एमडीएमए ड्रग्स बना रहे हैं।
सूचना सही पाए जाने पर एक टीम बनाई गई जिसकी जानकारी एनसीबी से साझा की गई। इसके आधार पर संयुक्त टीम ने कार्रवाई कर भारी मात्रा में एमडीएमए ड्रग के साथ अमित चतुर्वेदी (57) और नासिक निवासी सान्याल प्रकाश बाने (40) को गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर एमडीएमए के अवैध निर्माण और परिवहन में शामिल हैं। इसकी पुष्टि गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सिंघवी ने भी की है। उन्होंने ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में बड़ी जीत के लिए गुजरात एटीएस और एनसीबी, दिल्ली को बधाई दी है।
907 किलो MDMA हुआ जब्त
फैक्ट्री से 907 किलो एमडीएमए ड्रग जब्त हुआ। इसका अंतरराष्ट्रीय मूल्य 1814.18 करोड़ रुपए है। इसके साथ ही टीम ने 5000 किलो मेफेड्रोन (एमडीएमए) के उत्पादन के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री भी जब्त हुई है। इसके अलावा ग्राइंडर, मोटर, कांच के फ्लास्क, हीटर और अन्य उपकरण भी मिले हैं। सामग्री आगे की जांच के लिए जब्त की गई है।
बाहर दवाई का बोर्ड, लाइसेंस फर्टिलाइजर का, बन रहा था नशा
फैक्ट्री का संचालन करीब 2500 गज के शेड में किया जा रहा था। प्रारंभिक जानकारी में पता चला है यहां रोज करीब 25 किलोग्राम MDMA का निर्माण होता है। यहां बाहर तो दवाई बनाने का बोर्ड लगा मिला जबकि लाइसेंस फर्टिलाइजर्स निर्माण के नाम का बताया जा रहा है। जबकि अंदर बन रहा था घातक नशा।
5 साल जेल में रह चुका है सान्याल बाने
जानकारी के अनुसिर गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि मुंबई की अंबोली थाना पुलिस ने 2017 में आरोपी सान्याल प्रकाश बाने को MDMA के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद वह 5 साल तक जेल में रहा था। इसी तरह दूसरा आरोपी अमित चतुर्वेदी MDMA ड्रग बनाने का काम करता था। इन्होंने भोपाल में ड्रग बनाने का काम शुरू कर दिया था।