बड़ा फरमान ! मुसलमान गरबों और नवरात्रि मेले से रहें दूर, आखिर किसने दी मुस्लिम समाज को ऐसी हिदायत
रतलाम में एक फरमान को लेकर काफी चर्चा हो रही है। यह फरमान कालिकामाता मेले और जगह-जगह हो रहे गरबों को लेकर है। इसमें मुस्लिम समुदाय के नौजवानों, महिलाओं और बेटियों को ऐसे आयोजनों से दूर रहने और घर में ही रहने की हिदायत दी गई है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । मुस्लिम नौजवान, महिलाएं और बेटियां नवरात्रि पर्व पर न ही मेले में जाएं और न ही गरबे देखने जाएं। बाजार और मेलों में घूमना दीन-ए-इस्लाम में जायज नहीं हैं।
यह हिदायत रतलाम के शहर काजी मौलवी सय्यद अहमद अली ने जारी की है। उनके इस पत्र को लेकर काफी चर्चा हो रही है। शहर काजी द्वारा यह हिदायत एक पत्र के रूप में जाहिर की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि तमाम रतलाम की मुस्लिम आवाम से पुरखुलूस गुज़ारिश है कि वे नवरात्र पर्व के मेले और गरबे देखने न जाएं। उन्होंने यह भी कहा है कि वक्त और हालात को मद्देनजर रखते हुए सभी अपने घरों में रहें। शहर काजी अहमद अली के अनुसार दीन-ए-इस्लाम में बाजार और मेलों में घूमना जायज नहीं है लिहाजा ऐसे गैरदीनी मामलात से सख्ती से बचें।
शहर काजी का पत्र
बता दें कि इस बार नवरात्रि मिले में दुकानें लगाने वालों के लिए भी नगर निगम प्रशासन द्वारा यह व्यवस्था दी गई है कि सभी व्यवसायियों को दुकान पर अपना नाम लिखना होगा। इसे अलग-अलग तरह से प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है। इसके साथ ही इस बार कुछ स्थानों पर बैनर भी लगा दिए गए हैं जिनमें मुस्लिम समाज के लोगों से ऐसे आयोजनों से दूर रहने के लिए लिखा गया है। बताया जा रहा है कि शहर काजी ने इन्हीं कारणों के चलते उन्होंने एहतियात के तौर पर मुस्लिम समाज से यह अनुरोध किया है ताकि किसी प्रकार के टकराव आदि की स्थिति नहीं बने।
गणेश प्रतिमा पर पथराव के बाद से बढ़ी दूरी
माना जा रहा है कि मेलों और गरबा स्थलों से गैर हिंदुओं की दूरी को लेकर हो रही बातों के पीछे गणेश चतुर्थी के दिन गणेश प्रतिमा पर हुई पथराव की घटना है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पथराव किसने किया। चूंकि घटना ऐसे इलाके में हुई जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है। यह बात अच्छी है कि इस घटना को लेकर रतलामवासियों ने संयम और समझदारी का परिचय देते हुए सौहार्द कायम रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। फिर भी शहरवासी एहतियात बरत रहे हैं।