ये कैसा RAPE ? महिला ने तीन लोगों के विरुद्ध दर्ज कराई ज्यादती की रिपोर्ट, न्यायालय में मुकर गई, न्यायालय ने दिया महिला पर FIR दर्ज करने का आदेश
रतलाम के एक न्यायालय ने तीन लोगों के विरुद्ध ज्यादती करने की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने और झूठे बयान देने वाली एक महिला के विरुद्ध एफआईर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने तीनों आरोपों को भी बरी कर दिया है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । पंचम अपर सत्र न्यायाधीश शैलेश भड़कारिया ने ज्यादती की झूठी रिपोर्ट से जुड़े मामले में महत्वपूर्ण आदेश दिया है। उन्होंने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने और न्यायालय में मिथ्या बयान देने पर उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। वहीं तीनों आरोपियों को बरी भी कर दिया दिया है।
अपर लोक अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता समरथ पाटीदार ने बताया कि 24 अगस्त 2021 को एक महिला ने पति के साथ नामली थाने पहुंच कर गांव के ही तीन लोगों के विरुद्ध उसके साथ ज्यादती करने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। अधिवक्ता पाटीदार के अनुसार महिला ने पुलिस को बताया था कि वह पल्दूना गांव में परिवार सहित रहती है और घर के कार्य करती है। उसकी शादी करीब 10 साल पहले महेश से हुई थी। शादी के बाद उसे एक लड़का भी है जिसकी उम्र 08 साल है। उसका ससुराल व मायका पल्दूना में ही है।
महिला ने सुनाई थी ज्यादती की ये कहानी
महिला ने बताया था कि वह 22 अगस्त 2021 को राखी का त्योहार मनाने ससुराल से मायके आई थी। एक दिन पिता के घर रुकी और दूसरे दिन रात को करीब 8:00 बजे वह ससुराल जाने के लिए निकली थी। वह जब गांव के ही पप्पू पिता जगदीश धाकड़ के घर के सामने से निकल रही थी तो पप्पू ने उसे आवाज देकर रोका और पूछा कि कहां जा रही हो। उसने कहा कि ससुराल जा रही हूं। इतने में पप्पू धाकड़ का भाई पृथ्वीराज धाकड़ व उसका दोस्त जितेंद्र धाकड़ भी वहां आ गए। तीनों लोग पप्पू के घर के दरवाजे के पास खड़े होकर उससे बात कर रहे थे। अचानक तीनों ने उसे पकड़ कर पप्पू के घर के दरवाजे के अंदर कर दिया, जिससे उसके गले पर नाखून लग गए।
पति ने पूछा तो यह बताया था
महिला के अनुसार जितेंद्र और पृथ्वीराज उसे पप्पू के घर के अंदर छोड़कर वापस घर चले गए थे। पप्पू ने घर का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। वह चिल्लाई तो पप्पू उसे खींचकर दूसरे कमरे में ले गया और बोला कि चिल्लाई तो उसे जान से खत्म कर देगा। पप्पू ने उसके साथ दो बार बलात्कार किया और उसे धमकी दी कि घर जाकर किसी को बताया तो वह उसके पति को जान से खत्म कर देगा। इससे वह डर गई। डर के कारण उसने घटना किसी को नहीं बताई। दूसरे दिन शाम को पति उससे पूछने लगा कि कल से डरी-सहमी क्यों है और गले पर नाखून के निशान भी देखे। तब महिला ने पति को घटना बताई।
इन धाराओं में दर्ज हुआ था आरोपियों पर केस
इसके बाद महिला पति के साथ नामली पुलिस थाना पहुंची और आरोपी जितेंद्र, पृथ्वीराज व पप्पू के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई। इस आधार पर पुलिस ने तीनों आरपियों के विरुद्ध धारा 366, 342, 376डी, 376 (2)(N), 506 भारतीय दंड सहिता में केस दर्ज किया। पुलिस द्वारा जाँच के दौरान महिला के बयान लिए व न्यायालय में भी धारा 164 के बयान करवाए। तब भी महिला ने तीनों आरोपियों द्वारा उसके साथ ज्यादती करने का आरोप लगाया।
न्यायालय में ज्यादती की बात से किया इनकार
पुलिस ने जाँच कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां प्रकरण में विचारण के दौरान महिला ने घटना के विपरीत और विरोधाभाषी कथन किए। उसने कहा कि आरोपियों द्वारा उसके साथ बलात्कार नहीं किया किया गया है और न ही जान से मारने की धमकी ही दी गई थी। इसके बाद न्यायालय ने तीनों आरोपियों को बरी करते हुए फरियादिया को न्यायालय के समक्ष शपथ पर मिथ्या साक्ष्य देना प्रमाणित मानकर उसके विरूद्ध धारा 182, 193, 211 में प्रकरण पंजीबद्ध करने का आदेश दिया। अपल लोक अभियोजक पाटीदार के अनुसार यदि न्यायालय में किसी व्यक्ति द्वारा मिथ्या साक्ष्य दिया जाता है तो उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 182, 193, 211 में सात वर्ष तक की सजा हो सकती है।