आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त पद से जैन को हटाया, सिन्हा को सौंपी जिम्मेदारी, बिजली कंपनी के ईई वर्मा भी निशाने पर

कलेक्टर ने संतोषजनक काम नहीं होने से आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त पारुल जैन को पद से हटा दिया है।

आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त पद से जैन को हटाया, सिन्हा को सौंपी जिम्मेदारी, बिजली कंपनी के ईई वर्मा भी निशाने पर
आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त को हटाया।

लंबे समय से नाराज कलेक्टर सूर्यवंशी ने लिया एक्शन, अब बिजली कंपनी के अधीक्षण यंत्री की बारी

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने पारल जैन को आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त पद से हटा दिया है। उनके स्थान पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा को जिम्मेदारी सौंपी गई है। माना जा रहा है कि अगली बारी बिजली वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री की है।

हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और काम को लेकर सभी जिलों की रेटिंग जारी की गई थी। हालांकि रतलाम सबसे खराब रेटिंग वाला टॉप टेन जिलों में रतलाम का नहीं था बावजूद एक-दो विभागों का काम पैमाने में खरा नहीं उतरा। इसके अलावा कलेक्टर सूर्यवंशी द्वारा भी लगातार सरकारी महकमों की कार्यप्रणाली की मॉनिटरिंग की जा रही है। इसमें कुछ विभाग लगातार फिसड्डी साबित हो रहे हैं। ऐसे विभागों के प्रमुखों को बार-बार चेतावनी देने के बाद भी स्थिति नहीं सुधरने से कलेक्टर खासे नाराज हैं। ऐसी ही नाराजगी के चलते उन्होंने सोमवार को हुई टीएल बैठक में नहीं आईं आदिवासी विकास विभाग का सहायक आयुक्त पारुल जैन को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। उन्होंने विभाग की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा को सहायक आयुक्त का प्रभार सौंपा है।

अगला निशाना बन सकते हैं बिजली कंपनी के अधीक्षण यंत्री

समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने बिजली वितरण व्यवस्था को लेकर भी असंतोष जताया था। खासकर आदिवासी बहुल इलाके सैलाना और बाजना से बिजली वितरण व्यवस्था खराब होने को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इसके चलते उन्होंने वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री सुरेश वर्मा पर भी नाराजगी जताई थी। सहायक आयुक्त पारुल जैन पर हुई कार्रवाई के बाद माना जा रहा है कि कलेक्टर की नाराजी का अगला शिकार अधीक्षण यंत्री वर्मा हो सकते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जन समस्याओं को लेकर ज्यादा गंभीर हैं। उनका फोकस अभी आदिवासी अंचल की व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर है।