जनजातीय कार्य विभाग की संस्थाओं का निरीक्षण आज, 100 से अधिक नोडल अधिकारी नियुक्त
जन सेवा पखवाड़े के तहत सभी शासकीय कार्यालयों और अन्य स्थानों पर सेवा कार्य जारी हैं। इसी के चलते शनिवार को जनजाति विभाग द्वारा संचालित रतलाम जिले की सभी संस्थाओं का निरीक्षण कर सेवा कार्य किए जाएंगे।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जन सेवा पखवाड़े के तहत जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित जिले की सभी संस्थाओं का 24 सितंबर को निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बालक, कन्या आश्रम एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों तथा विशिष्ट संस्थाओं में होगा। इस दौरान सेवा गतिविधियों आयोजन कर प्रकाश, सुविधाघर और वाटर प्यूरीफायर की उपलब्धिता सुनिश्चित की जाएगी।
24 सितंबर को समस्त छात्रावासों के भ्रमण तथा निरीक्षण के लिए विभाग के 100 से अधिक नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। इन अधिकारियों द्वारा आवंटित संस्था का निरीक्षण किया जाएगा तथा वहां मौजूद छात्रावास, अधीक्षक, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों के साथ श्रमदान साफ सफाई का आयोजन करवाया जाएगा। संस्था की आवश्यकताओं का आकलन तथा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी विद्यार्थियों को प्रदान की जाएगी।
17 सितंबर से जारी हैं जन सेवा अभियान की गतिविधियां
जनजातीय कार्य विभाग की सहायक संचालक पारुल जैन ने बताया सेवा पखवाड़े के अंतर्गत 17 सितंबर से विभिन्न गतिविधियां विभाग द्वारा संचालित संस्थाओं में की जा रही है। इन गतिविधियों के द्वारा विभाग की योजनाओं की जानकारी के साथ परिसर की स्वच्छता एवं सेवा कार्य को महत्व प्रदान किया जा रहा है।इसी क्रम में संस्थाओं के निरीक्षण के लिए नियोजित समस्त नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सभी नोडल अधिकारी आवंटित छात्रावास का भ्रमण करें। इस दौरान छात्रावास में विद्यार्थियों,अधीक्षक एवं कर्मचारियों के साथ श्रमदान के द्वारा परिसर एवं खरपतवार की सफाई की जाएगी। छात्रावास में दैनिक होने वाली साफ सफाई और भोजन के गुणवत्ता की समीक्षा होगी। छात्रावासीय विद्यार्थियों के साथ सभा कर उनकी आवश्यकताओं और शिकायतों का निराकरण किया जाएगा। विद्यार्थियों की सभा में विभिन्न विभागों की शासकीय योजनाओं से विद्यार्थियों को अवगत कराया जाएगा।
नोडल अधिकारी जिला कार्यालय में देंगे जांच प्रतिवेदन
सुविधाघर की सफाई के साथ ही प्रत्येक कक्ष मे पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। ओवेरहेड पानी की टंकियों की सफाई व स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता पर भी फोकस रहेगा। इस दौरान वाटर प्यूरीफायर क्रियाशील स्थिति में हैं या नहीं, इसकी जांच भी की जाएगी। समस्त नोडल अधिकारी अपने निरीक्षण का प्रतिवेदन जिला कार्यालय को प्रस्तुत करें।