महानगर की ओर बढ़ते कदम : रतलाम निवेश क्षेत्र के लिए अब तक मिले 3000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, UTL सोलर उपकरण व बैटरी तो ZEEL लगाएगी छाता बनाने की फैक्ट्री
रतलाम के निवेश क्षेत्र में आने वाले प्रोजेक्ट की जानकारी क्षेत्र के आसपास के लोगों को देने के लिए प्रशासन द्वारा बैठक आहूत की गई। इसमें दी गई जानकारी के अनुसार निवेश क्षेत्र के लिए अब तक 3000 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव मिल चुके हैं।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम निवेश क्षेत्र का दिशा और दिशा आकार लेने लगी है। 1466 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित होने वाले निवेश क्षेत्र के लिए अब तक 3000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। यहां TUL कंपनी सोलर उपकरण और बैटरी जबकि ZEEL द्वारा छाता निर्माण इकाई लगाना प्रभावित है। गोल्ड क्रस्ट कंपनी ने भी यहां फैक्ट्री शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। आगामी दिनों में निवेश का यह आंकड़ा करीब 10 हजार करोड़ तक जाने का अनुमान है।
किसी भी नगर को महानगर बनाने के लिए वहां मूलभूत अधोरंचना के विकास के साथ ही औद्योगिक विकास का होना जरूरी है। रतलाम शहर इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप की रतलाम को महानगर बनाने की संकल्पना का ही हिस्सा है रतलाम का निवेश क्षेत्र। मंत्री काश्यप की सक्रिय पहल से ही रतलाम निवेश क्षेत्र की 1466 हेक्टर भूमि में बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होने होने जा रहा है। एक मोटे अनुसार के अनुसार निवेश क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से तकरीबन 35 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। यह शहर के चहुमुखी विभाग के लिए अहम् साबित होगा।
...ताकि न रहे कोई दुविधा और शंका
इस मिशन को लेकर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर राजेश कुमार बाथम, मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौर की मौजूदगी में एक बैठक आहूत की गई। बैठक का आयोजन निवेश क्षेत्र में आ रहे विभिन्न प्रोजेक्ट की वास्तविक जानकारियां स्थानीय बाशिंदों को उपलब्ध कराने एवं शंकाओं का समाधान करने के लिए किया गया। इसमें अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव और एसडीएम अनिल भाना के साथ ही निवेश क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पलसोड़ी, बिबड़ोद, जुलवानिया, सरवनीखुर्द, जामथून, रामपुरिया आदि ग्राम पंचायतों के सरपंच, पंच, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सचिव, पटवारी आदि मौजूद रहे। इस दौरान अधिकारियों स्पष्ट कहा कि निवेश क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति की निजी भूमि नहीं ली जाएगी। इसलिए किसी को भी चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
6 गांवों में 260 करोड़ से विकिसत हो रहा इन्फ्रास्ट्रक्चर
एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक राठौर ने बैठक में बताया कि निवेश क्षेत्र के 6 ग्रामों में 1466 हेक्टेयर भूमि में अभी 260 करोड़ रुपए का इंफ्रास्ट्रक्चर विकास किया जा रहा है। निवेश क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट को उचित ढंग से उपचारित एवं निष्पादित किया जाएगा जिसमें पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित किया गया है। बैठक में बताया गया कि औद्योगिक निवेश क्षेत्र में अनुमानित रूप से कम से कम 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश आ रहा है। करीब 350 विभिन्न औद्योगिक इकाइयां क्षेत्र में स्थापित होंगी। इनसे क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के साथ वृहद स्तर पर रोजगार का सृजन होगा।
इन कंपनियों के आए प्रस्ताव
क्षेत्र में जील, यूटीएल सोलर, गोल्ड क्रस्ट आदि कंपनियों के लगभग 3 हजार करोड रुपए के निवेश के प्रस्ताव तो अब तक मिल भी चुके हैं। इनके लगने से करीब 5 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। राठौर के अनुसार यूटीएल द्वारा सोलर उपकरण और बैटरी आदि बनाने की फैक्ट्री स्थापित की जाएगी। इसी प्रकार जील द्वारा छाता निर्माण इकाई लगाने का प्रस्ताव है। साइट्रिक एसिड बनाने वाली गोल्ड क्रस्ट कंपनी भी फैक्ट्री स्थापित करेगी।