टू-व्हीलर एजेंसी ने रख ली मृत व्यक्ति की बाइक, मृतक के बेटे से 15 हजार रुपए भी ले लिए लेकिन वाहन नहीं लौटाया, अब कलेक्टर दिलवाएंगे

रतलाम में जिला स्तरीय जनसुनवाई में शिकायती आवेदन प्राप्त हुए जिन्हें निराकरण के लिए विभिन्न विभागों में भेजा गया।

टू-व्हीलर एजेंसी ने रख ली मृत व्यक्ति की बाइक, मृतक के बेटे से 15 हजार रुपए भी ले लिए लेकिन वाहन नहीं लौटाया, अब कलेक्टर दिलवाएंगे
जन सुनवाई के दौरान लोगों की शिकायत सुनते कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी।

कलेक्टर की जनसुनवाई में आए 96 आवेदन, निराकरण के लिए संबंधित विभागों को भेजे

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी की संवेदनशीलता ने उन पर जिलेवासियों का भरोसा बढ़ा दिया है। यह भरासो दिनोंदिन मजबूत होता जा रह है। इस मंगलवार को भी उनकी जनसुनवाई में ऐसे ही कई लोग पहुंचे और अपनी समस्याएं बतनाईं। झरखेड़ी गांव के आनंदीलाल ने एक दोपहिया वाहन एजेंसी के खिलाफ शिकायत कर अपने पिता के नाम के नाम फाइनेंस हुई बाइक वापस दिलवाने की गुहार लगाई। कलेक्टर ने उन्हें बाइक दिलवाने का भरोसा दिलाया।

कलेक्ट्रेट की जिला स्तरीय जन सुनवाई में 96 आवेदन प्राप्त हुए। कलेक्टर सूर्यवंशी के साथ ही सीईओ जिला पंचायत अमन वैष्णव ने भी जनसुनवाई की। उन्होंने सभी आवेदन कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों को अग्रेषित किए। इसमें एक आवेदन ग्राम झरखेड़ी के आनंदीलाल पिता मोहनलाल ने प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि रतलाम के छत्रीपुल स्थित एजेंसी से उनके पिता के नाम से मोटर साइकिल फाइनेंस करवाई थी। एजेंसी से गाड़ी प्राप्त होने के बाद चार-पांच किस्तें जमा हुईं। इसी दौरान उनके पिता का निधन हो गया। पिता के निधन के बाद दो किस्त प्रार्थी आनंदीलाल ने जमा कराई और पिता के सारे दस्तावेज भी जमा करवाए। तब कंपनी की ओर से कहा गया कि आपकी शेष किस्तें माफ हो चुकी हैं। इसी दौरान प्रार्थी का रतलाम आना हुआ तो उक्त वाहन कंपनी ने मोटरसाइकल वापस ले ली। कंपनी द्वार कहा गया कि 15 हजार रुपए दे दो और वाहन ले जाए। आनंदीलाल ने 15 हजार जमा भी कर दिए लेकिन कंपनी ने न तो इसकी रसीद दी गई और न ही वाहन वापस किया। इस बारे में बात करने पर लगातार टालमटोल की जा रही है। कलेक्टर सूर्यवंशी ने डिप्टी कलेक्टर संजय शर्मा को मामले की जांच कर आवेदक को न्याय और गाड़ी दिलवाने के निर्देश दिए।

पट्टा नवीनीकरण कराने की लगाई गुहार

उसरगार निवासी काशीराम बागरी ने आवेदन देते हुए बताया कि 2002 में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा उसे पट्टा प्रदान किया गया था। तब से उक्त भूमि प्रार्थी के आधिपत्य में है। प्रार्थी पट्टे की भूमि पर कृषि कार्य करता आ रहा है। प्रार्थी को पट्टे के नामान्तरण के सम्बन्ध में आवेदन देने पर पता चला कि पट्टा एक वर्ष के लिए ही प्रदाय किया गया था। भूलवश उक्त पट्टे का नवीनीकरण नहीं करवाया। अतः नवीनीकरण करते हुए प्रार्थी को पुनः नवीन पट्टा प्रदान किया जाए। आवेदन निराकरण के लिए तहसीलदार ग्रामीण को भेजा।

पहले स्कूल से कहा फीस माफ हो गई, अब मांग रहे 14 हजार रुपए से अधिक

इंदिरा नगर निवासी नलिनी यादव ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है। उनका पुत्र निजी विद्यालय में कक्षा 10वीं में अध्ययनरत है। जब पुत्र का विद्यालय में प्रवेश करवाया गया था तब शासन की योजनानुसार फीस मुक्त की गई थी। अब स्कूल प्रबंधन द्वारा कक्षा 9वीं की 12 हजार 190 रुपए तथा कक्षा 10 वीं की 2450 रुपए की मांग की जा रही है। प्रार्थी उक्त राशि का भुगतान करने में असमर्थ है, कृपया सहायता की जाए। दरअसल,  आवेदन निराकरण के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित किया गया।

दिव्यांग कृष्णपाल ने मांग आवास योजना का लाभ

कृष्णपाल निवासी मण्डावल ने जनसुनवाई में आवेदन देते हुए बताया कि प्रार्थी दिव्यांग है तथा उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तथा मकान भी जीर्ण-शीर्ण हो चुका है। प्रार्थी द्वारा पंचायत में आवास योजना हेतु आवेदन दिया गया था परन्तु आज दिनांक तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कृपया प्रार्थी को मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ प्रदान किया जाए। आवेदन निराकरण के लिए संबंधित विभाग को भेजा गया है।

स्कूल प्रबंधन नहीं दे रहा छात्रा को सीएलसी 

सरवन निवासी अर्चिता तोतला ने बताया कि उसने एक निजी स्कूल से कक्षा 12वीं परीक्षा 93 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की है। उसकी किसी भी प्रकार की स्कूल फीस बाकी नहीं है फिर भी स्कूल प्रबंधन उसे एसएलसी नहीं दे रहा है। प्रबंधन द्वारा कहा जा रहा है कि पहले फीस जमा कराओ तो एसएलसी प्रदान की जाएगी, कृपया सहयोग करें। आवेदन निराकरण के लिए शिक्षा अधिकारी को प्रेषित किया गया है।