विधायक काश्यप का अवैध और अविकसित कॉलोनियों को वैध करने व विभाजित भूखण्डों पर निर्माण की अनुमति दिलाने का एक और प्रयास

रतलाम शहर की अवैध और अविकसित कॉलोनियों में निर्माण की अनुमति को लेकर विधायक चेतन्य काश्यप ने एक और प्रयास किया है। उन्होंने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह को पत्र सौंप कर इस संबंध में आदेश जारी करवाने की मांग की।

विधायक काश्यप का अवैध और अविकसित कॉलोनियों को वैध करने व विभाजित भूखण्डों पर निर्माण की अनुमति दिलाने का एक और प्रयास
नगरीय प्रशासन विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह को पत्र सौंपते रतलाम विधायक चेतन्य काश्यप।

रतलाम विधायक विधायक चेतन्य काश्यप ने नगरीय आवास एवं विकास मंत्री भूपेन्द्रसिंह से  मुलाकात कर मांग पत्र सौंपा

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । विधायक चेतन्य काश्यप गुरुवार को भोपाल में नगरीय आवास एवं विकास मंत्री भूपेंद्रसिंह से मिले। उन्होंने आवासीय कॉलोनियों में विभाजित भूखण्डों पर निर्माण की स्वीकृति तथा अवैध और अविकसित कॉलोनियों में विकास कार्य करवाए जाने के संबंध में मंत्री सिंह को पत्र भी सौंपा। विधायक काश्यप को मंत्री सिंह ने इस संबंध में उचित निर्णय लिए जाने को लेकर आश्वस्त किया।

विधायक काश्यप ने शहर में निवासरत मध्यम वर्ग के परिवारों के हितों को ध्यान में रखते हुए नियमों में संशोधन की मांग की। उन्होने नियमों का हवाला देते हुए बताया कि म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के नियम 22 (ख) के उपनियम (3) व (6) में उल्लेखित है कि केवल सार्वजनिक तथा अर्धसार्वजनिक अथवा औद्योगिक उपयोग के परिसरों वाले भूखण्डों का विभाजन अनुज्ञेय होगा। मिश्रित या किसी अन्य उपयोग वाले भूखण्ड की दशा में विभाजन के आवेदन पर विचार नहीं किया जाता है। उपरोक्त नियम के अनुसार आवासीय भूखण्डों का विभाजन किया जाना मान्य नहीं है।

काश्यप ने कहा कि प्रदेश के अन्य नगरों के साथ-साथ रतलाम में भी नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से स्वीकृत अभिन्यास वाली कॉलोनियों के भूखण्डों के विभाजन बड़ी संख्या में होकर आम रहवासियों द्वारा विभाजित भूखण्ड खरीदे गए हैं। इन विभाजित भूखण्डों पर उपरोक्त नियम के अनुसार भवन निर्माण अनुज्ञा नहीं हो रही है तथा नगर एवं ग्राम निवेश विभाग द्वारा भी अनुमति नहीं दी जा रही है। भवन अनुज्ञा नहीं मिलने से आमजन द्वारा अवैध निर्माण किया जा रहा है। इससे शासन को राजस्व की हानि हो रही है, भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिल रहा है।

मध्यम वर्ग से जुड़े परिवार हो रहे प्रभावित

उनका कहना था कि इस नियम के कारण मध्यम वर्ग के लोग जो कि विकसित कॉलोनियों में छोटे-छोटे भूखण्ड क्रय कर आवास निर्माण करना चाहते है। वे सभी इन नियमों के कारण बैंक ऋण नहीं मिलने से आवास निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में मध्यम वर्ग से जुडे़ परिवारों के हितों को ध्यान में रखते हुए उक्त नियम में संशोधन किया जाए।

अविकसित कॉलोनियों को मान लिया जाए अवैध

विधायक काश्यप ने अवैध और अविकसित कॉलोनियों में विकास को लेकर कहा कि प्रदेश के साथ रतलाम में स्थित सभी अविकसित कॉलोनियों को भी अवैध कॉलोनी मान लिया जाए और इन कॉलोनियों में भी अवैध कॉलोनी के लिए बने नियम लागू कर विकास कार्य करवाने की स्वीकृति दी जाए। जिन कॉलोनियों में बंधक भूखण्ड उपलब्ध हो उनका विक्रय कर प्राप्त राशि को विकास व्यय में सम्मिलित करने का प्रावधान करते हुए स्वीकृति दी जाए। शासन के इस आदेश से प्रदेश के अन्य नगरों के साथ रतलाम नगर के भी हजारों मध्यमवर्गीय, गरीब परिवार लाभान्वित हो सकेंगे।

रतलाम में 58 अविकसित कॉलोनियां

काश्यप ने बताया रतलाम नगर में लगभग 58 अविकसित कॉलोनियां हैं, जिसमें से 48 कॉलोनियां वर्ष 1998 के पूर्व की है, जबकि 10 कॉलोनियां बाद की है। इन कॉलोनियोें में करीब 11 से 12 हजार परिवार रहते हैं। उक्त कॉलोनियों में आवश्यक मूलभूत विकास कार्य नहीं होने से यहां निवासरत परिवार नारकीय जीवन व्यतीत करने को मजबूर है।

1998 से पहले कलेक्टर कार्यालय  द्वारा ती जाती थी अनुमति

विधायक ने चर्चा में बताया कि प्रदेश में वर्ष 1998 से पहले कलेक्टर कार्यालय द्वारा कॉलोनी विकास अनुमति प्रदान की जाती थी। उस समय के नियमों में कॉलोनी के विकास कार्य पूर्ण करने के लिए कॉलोनाईजर पर कोई सुस्पष्ट नियम नहीं था, जिससे कॉलोनाईजरों द्वारा अधिकांश कॉलोनियों में विकास कार्य पूरे किए बगैर ही भूखण्डों का बेच दिए गए थे। अपूर्ण विकास कार्यों के कारण ये कॉलोनियां नगर निगमों को हेण्डओवर नहीं हुई और वर्तमान में अविकसित कॉलोनी की श्रेणी में है।