शासकीय मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सोमवार को हड़ताल पर, दो घंटे तक नहीं करेंगे कोई काम, जानिए- उन्हें क्यों उठाना पड़ रहा है हड़ताल जैसा अप्रिय कदम
रतलाम मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों और स्टाफ को वेतन नहीं मिल पा रहा है। दो माह से वेतन नहीं मिलने के कारण जीवन यापन में परेशानी हो रही है। अन्य मांगों का निराकरण भी अब तक नहीं हो सका है। इसके चलते चिकित्सा शिक्षक संघ ने सांकेतिक हड़ताल का निर्णय लिया है।
मेडिकल कॉलेज के पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों को दो महीने से वेतन नहीं मिला, ऐसी लेटलतीफी पहले भी हुई
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च करके रतलाम में मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग तो खड़ी कर दी गई। सैकड़ों कोरोना पीड़ितों का उपचार भी हुआ लेकिन जिन्होंने जान जोखिम में डालकर इलाज किया उन्हें वेतन ही नहीं मिल पा रहा है। सरकार चिकित्सा शिक्षकों और पैरामेडिकल स्टाफ नियमित रूप से वेतन ही नहीं दे पा रही है। इससे परेशान चिकित्सा शिक्षक संघ ने सोमवार को सांकितक हड़ताल का ऐलान किया है।
शासकीय मेडिकल कॉलेज रतलाम के के चिकित्सा शिक्षक संघ द्वारा मेडिकल कॉलेज के डीन को पत्र सौंपा गया है। इसमें 7 मार्च (सोमवार) को सांकेतिक हड़ताल का ऐलान किया गया है। यह हड़ताल दो घंटे की रहेगी। इसे संघ ने ‘ना वेतन - ना काम’ नाम दिया है। चिकित्सा शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण सिंह बघेल एवं महासचिव डॉ. आशीष दामा ने बताया कि चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को दो माह से वेतन नहीं मिला है। ऐसी ही स्थिति दो महीने पहले भी निर्मित हुई थी। इसके चलते चिकित्सकों और स्टाफ द्वारा कई बार मांग की गई थी। इसके बाद दो महीनों का वेतन दिया गया था। पदाधिकारीद्वय के अनुसार मेडिकल कॉलेज प्रशासन के समक्ष कई बार वेतन भुगतान का मामला उठाया जा चुका है बावजूद इस ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
वेतन नहीं मिलने से जीवन यापन में आ रही परेशानी
डॉ. बघेल एवं डॉ. दामा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में प्रदेश के कई स्थानों से आकर नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में वेतन नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर पैरामेडिकल स्टाफ ज्यादा परेशान है। उन्हें जीवन यापन करने में परेशानी हो रही है। इसके अलावा भी स्टाफ और संघ की कई मांगों का निराकरण नहीं हो पा रहा है। संघ ने मंगों के निराकरण को लेकर मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिया गया था लेकिन अभी तक उन पर ध्यान नहीं दिया गया है। यही वजह है कि स्टाफ और संघ को हड़ताल जैसा कदम उठाने को बाद्य होना पड़ रहा है।
इमरजेंसी इलाज की सुविधा नहीं होगी प्रभावित
संघ अध्यक्ष डॉ. बघेल और महासचिव डॉ. दामा ने बताया मांगों और वेतन भुगतान में हो रही देरी के चलते ही सोमवार को दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल का निर्णय चिकित्सा शिक्षक संघ द्वारा लिया गया है। सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक चिकित्सा शिक्षकों द्वारा कोई भी रुटीन कार्य नहीं किया जाएगा। इस दौरान इमरजेंसी इलाज की सुविधा प्रभावित नहीं होगी। अध्यक्ष डॉ. बघेल के अनुसार संघ के इस निर्णय के बारे में मेडिकल कॉलेज प्रशासन को लिखित में अवगत करा दिया गया है।
बता दें कि- पिछले दिनों संभागायुक्त का रतलाम आगमन हुआ था। वे मेडिकल कॉलेज भी गए थे। तब नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा उन्हें भी ज्ञापन देकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया था। संभागायुक्त ने उनकी समस्याओं के निराकरण को लेकर अवगत कराया था।