धर्म के प्रति श्रद्धा एवं आस्था बढ़ाने में मेले प्रासंगिक, कोरोना प्रोटोकॉल के साथ आयोजित होगा त्रिवेणी मेला- काश्यप

रतलाम में इस वर्ष त्रिवेणी मेले का आयोजन होगा। इसमें कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। मेले की स्वीकृति कराने के लिए सनातन धर्म सभा ने विधायक चेतन्य काश्यप का सम्मान किया

धर्म के प्रति श्रद्धा एवं आस्था बढ़ाने में मेले प्रासंगिक, कोरोना प्रोटोकॉल के साथ आयोजित होगा त्रिवेणी मेला- काश्यप
त्रिवेणी मेले की स्वीकृति करवाने के लिए सनातन धर्म सभा ने रतलाम विधायक चेतन्य काश्यप का स्मान किया।

त्रिवेणी मेला की स्वीकृति कराने पर सनातन धर्म महासभा ने किया विधायक काश्यप का सम्मान

एसीएन टाइम्स @ रतलाम ।  कोविड-19 के कारण बंद हुआ त्रिवेणी मेले (Triveni Fair) इस वर्ष लगेगा। इसकी स्वीकृति कराने के लिए सनातन धर्म महासभा ने विधायक चेतन्य काश्यप (Chetanya Kashyap) का सम्मान कर आभार ज्ञापित किया। काश्यप को त्रिवेणी मेला ग्राउंड संरक्षित करने के लिए ज्ञापन भी सौंपा। काश्यप ने मेलों को धर्म के प्रति श्रद्धा एवं आस्था बढ़ाने को प्रासंगिक बताया। उन्होंने कहा कि मेला कोरोना प्रोटोकॉल (corona protocol) के साथ आयोजित होगा।

विधायक काश्यप ने कहा कि मेले के माध्यम से हर व्यक्ति के मन में श्रद्धा जागती है। इसलिए मेले का आयोजन प्रासंगिक है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए प्रशासन भीड़ भरे आयोजन करने के पक्ष में नहीं है। लेकिन उज्जैन में भी मेले को सीमित स्वरूप में आयोजित किया गया है। इसलिए रतलाम में कोविड नियमों का पालन करते हुए मेले के आयोजन की स्वीकृति मिली है। उन्होंने कहा कि मेले के आयोजन से इससे जुड़े व्यवसायियों को रोजगार मिलेगा।

काश्यप के अनुसार समाज के विकास के लिए प्रत्येक आयामों की जरूरत होती है। सिर्फ भौतिक विकास एवं औद्योगिकीकरण ही विकास के प्रतीक नहीं होते। खेल, धर्म, संस्कृति आदि से जुड़े आयाम भी समाज में होते रहने चाहिए। सनातन धर्म महासभा संयोजक अशोक मिंडिया ने भी संबोधित किया महासभा के राजू केलवा ने विचार रखे।

शाल-श्रीफल व साफे से किया सम्मान

इस अवसर पर काश्यप का शाल-श्रीफल एवं साफे से सम्मान किया गया। संचालन गोविन्द काकानी ने किया। आभार राजेन्द्रसिंह गोयल ने माना। मनोहर पोरवाल, मनोज शर्मा, सतीश भारतीय, बालमुकुन्द चावड़ा, मोहनलाल धभाई, कमल भाटी, गोपाल शर्मा, जगदीश हरारिया, रमेशचन्द्र पांचाल, भूपेन्द्र सोनी, गोपाल सोनी, नन्दकिशोर सोनी, टीकमसिंह सोलंकी, मनोहरसिंह चौहान, मुकेश खरे, राजू कल्याणे, अनिल सोनी, पुनीत गिरजे, शिवांश क्षप्री, डाडमसिंह राठौर आदि मौजूद थे।