वित्त मंत्री डॉ निर्मला सीतारमण का ऐलान- टैक्सपेयर्स को दो साल तक रिवाइज्ड ITR भरने की छूट... लेकिन *शर्ते लागू, जानिए क्या हैं ये शर्तें
सरकार ने टैक्सपेयर्स को दो साल तक रिवाइज्ड ITR भरने की छूट तो दे दी है लेकिन साथ में कुछ शर्तें भी लगा दी हैं। इससे इस छूट का फायदा अब सभी टैक्सपेयर्स को नहीं मिल सकेगा। एक भी शर्त के दायरे में आने पर वे इससे वंचित हो जाएंगे।
बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने किया था छूट का ऐलान, जानका्रों के अनुसार शर्तों के बिना मिले छूट
एसीएन टाइम्स @ नई दिल्ली : वित्त मंत्री डॉ. निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने टैक्सपेयर्स को दो साल तक रिवाइज ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) भरने की छूट देने का ऐलान किया है। प्रथमदृष्टया तो यह राहत वाली घोषणा जान पड़ती है लेकिन इस छूट का लाभ सभी टैक्सपेयर्स नहीं उठा पाएंगे। इसकी वजह इस सुविधा का लाभ लेने के लिए सरकार द्वारा लागू की गई शर्तें हैं।
वित्तमंत्री सीतारमण ने रिवाइज ITR में छूट देने की घोषणा संसद में बजट प्रस्तुत करने के दौरान की थी। उनका कहना कहना था कि- 'अगर किसी वजह से ITR में कोई गलती हो गई है अथवा टैक्स चुकाने में फेल हो गए हों तो करदाता अगले दो वित्तीय वर्ष तक रिवाइज ITR भर सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें टैक्स पर ब्याज के रूप में 25 से 50 फीसदी तक अतिरिक्त भुगतान करना होगा। इसके अलावा भी सरकार ने कई शर्तें लागू हैं जिसके चलते अब उक्त छूट का लाभ सभी टैक्सपेयर्स नहीं उठा पाएंगे। अगर आप एक भी शर्त के दायरे में आते हैं तो आपको इसका फायदा नहीं मिलेगा। जबकि यह फायदा उन सभी टैक्सपेयर्स को मिलना चाहिए जो ITR भरने की आखिरी तारीख चूक जाते हैं।
इन्हें नहीं होगी रिवाइज ITR भरने की पात्रता
- यदि आप ऐसे टैक्सपेयर हैं जिनकी आमदनी नुकसान में है तो आप रिवाइज ITR नहीं भर पाएंगे।
- यदि आपके रिफंड की राशि पूर्व में फाइल किए गए ITR में कम था और रिवाइज ITR में बढ़ रहा है तो आपका रिवाइज ITR मान्य नहीं होगा।
- आपने पहले अपनी टैक्स देनदारी ज्यादा बताई थी और अब कम आ रही है तो भी आपको इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा।
- यदि आयकर विभाग द्वारा आपके विरुद्ध स्क्रूटनी प्रारंभ कर दी है तब भी आप वित्त मंत्री द्वारी की गई घोषणा का फायदा नहीं उठा पाएंगे।
- यदि आप ऐसे करदाता हैं जिनके यहां आयकर विभाग द्वारा छापे की कार्रवाई की गई हो अथवा आपका नाम सर्चिंग के दौरान अघोषित आय उजागर होने में आया हो तो आप रिवाइज ITR फाइल नहीं कर पाएंगे।
अब ‘जो भी करें परफेक्ट करें’ वाली एप्रोच जरूरी
टैक्स से जुड़े मामलों के जानकारों के अनुसार वित्त मंत्री की यह घोषणा सभी टैक्सपेयर्स को फायदा पहुंचाने वाली प्रतीत नहीं होती। शर्तें लागू होने से बहुत से टैक्सपेयर्स को परेशानी का सामना कर पड़ सकता है। प्रसिद्ध कर सलाकार गोपाल काकानी भी मानते हैं अब यदि कोई जल्दी में ITR भर दे और वह रिवाइज्ड ITR भरना चाहे तो यह संभव नहीं होगा। यानी अब ‘जो भी करें परफेक्ट करें’ वाली एप्रोच जरूरी हो गई है। काकानी के मुताबिक रिवाइज्ड ITR में सही गणना में कम करने ऑप्शन टैक्सपेयर्स को मिलना चाहिए। यह एक प्रकार का मौलिक अधिकार भी है।