Taxpayer सावधान ! अगर आपने 31 दिसंबर तक नहीं किया यह काम तो लगेगा 10 लाख रुपए तक जुर्माना, जेल भी जाना पड़ सकता है
अगर आपके पास किसी भी तरह की विदेशी परिसंपत्ति या आय का स्रोत है और उसका खुलासा नहीं किया है तो आप ब्लैक मनी एक्ट-2015 के प्रावधान के दोषी ठहराए जा सकते हैं। इसके लिए 10 लाख रुपए तक जुर्माना और जेल हो सकती है।
एसीएन टाइम्स @ डेस्क । अगर आपने अभी तक अपनी विदेशी परिसंपत्तियों (विदेशी शेयर, कंपनी और म्यूचुअल फंड आदि) की जानकारी आयकर विभाग को नहीं बताई है तो सावधान हो जाएं। आयकर विभाग के प्रावधानों के अनुसार इसके लिए आप दोषी ठहराए जा सकते हैं और 10 लाख तक की पेनल्टी हो सकती है। इसके लिए आपको जेल भी जाना पड़ सकता है। यदि इससे बचना है तो 31 दिसंबर 2024 तक हर हाल में ITR में इसका खुलासा कर दें।
आयकर अधिनियम 1961 निवासियों और सामान्य रूप से निवासी भारतीयों को अपनी विदेशी आय, परिसंपत्तियों, खातों और शेयरों की जानकारी अपने आईटीआर में शेड्यूल-ए में देने का प्रावधान है। यानी यदि किसी व्यक्ति द्वारा सीधे विदेशी परिसंपत्तियों (विदेशी शेयर, विदेशी कंपनी म्यूचुअल फंड आदि) में निवेश किया गया है या विदेशी कंपनियों के कर्मचारी स्टॉक विकल्प (ईएसओपी) चुन रखे हैं, तो उसके लिए आईटीआर 2 या आईटीआर 3 दाखिल करते समय अनुसूची शेड्यूल-ए में खुलासा करना अनिवार्य है। चाहे यह आय भारत में कर के दायरे में आती हो अथवा न आती हो।
इस धारा में है अपराध
यदि कोई अपनी विदेशी परिसंपत्तियों का खुलासा अपने आयकर रिटर्न में नहीं करता है तो यह ब्लैक मनी एक्ट-2015 का उल्लंघन माना जाएगा और आप गैर-प्रकटीकरण के दोषी माने जाएंगे। इसके लिए आपको 10 लाख रुपए तक जुर्माना भरना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, एक्ट के उल्लंघन के लिए अभियोजन की कार्रवाई का भी प्रावधान है। आपकी अघोषित विदेशी आय और संपत्ति काले धन के रूप में मानी जाएगी। इसके लिए आपको जेल भी जाना पड़ सकता है।
...ताकि न हो कर चोरी, अनावश्यक टैक्स न देना पड़े
इस अनुसूची के माध्यम से अपतटीय मार्गों से होने वाली कर चोरी रोकी जा सकती है। इसके अलावा DTAA (डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट) के तहत राहत का दावा कर के एक ही आय पर दोहरे कर से भी बचा जा सकता है। DTAA दो देशों के बीच हस्ताक्षरित एक प्रकार का समझौता है। यह प्रावधान इसलिए है ताकि करदाता को अलग-अलग देशों में करों का भुगतान न करना पड़े।
बचने के लिए यह करें
वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेट गोपाल काकानी का कहना है कि यदि आपने अभी तक अपनी विदेशी संपत्ति और आय जाहिर नहीं की है तो घबराने की जरूरत नहीं है। यदि उक्त जुर्मानें और जेल जाने से बचना चाहते हैं तो अप बिना देर किए ITR-2 या ITR-3 दाखिल कर शेड्यूल-ए में अपनी विदेशी परिसंपत्ति और आय आदि का खुलासा कर दीजिए। ध्यान रहे, यह 31 दिसंबर 2024 तक हर हाल में कर लें।
ITR में इस विदेशी संपत्ति का करना है खुलासा
- रियल एस्टेट
- बैंक खाते
- शेयर
- बीमा पॉलिसियाँ
- अन्य वित्तीय संपत्तियाँ
विदेशी आय की रिपोर्टिंग में यह है शामिल
- कर्मचारी स्टॉक विकल्पों से आय
- नियोक्ताओं से शेयर
- अन्य विदेशी आय के स्रोत