इस ठग ने अपना घर भी नहीं छोड़ा ! निलंबित पटवारी हेमंत बागड़ी ने अपने मृत पिता के नाम पर भी निकाल लिया था लोन, रविंद्र चक्रवर्ती बनकर आलोट में छिपा था शातिर ठग
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से लोन निकाल कर लोगों से ठगी करने में माहिर पूर्व पटवारी हेमंत बागड़ी को न्यायालय द्वारा जेल भेज दिया गया है। चार दिन की रिमांड के दौरान आरोपी ठग से पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। पुलिस ने एक सहयोगी को भी हिरासत में लिया है।

नीरज कुमार शुक्ला
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शातिर ठग और निलंबित पटवारी हेमंत बागड़ी को चार दिन की पुलिस रिमांड पूरी होने पर न्यायालय ने शुक्रवार को जेल भेज दिया। इस दौरान हुई पूछताछ में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। आरोपी बागड़ी ने दूसरों को ठगा ही, अपने मृत पिता तक को भी नहीं छोड़ा। उसने उनके नाम पर भी लोन निकाल लिया था। पुलिस इसकी गिरफ्तारी के लिए चप्पा-चप्पा छान रही थी और यह ग्वालियर के रविंद्र चक्रवर्ती के नाम से जिले के आलोट में ही छिपा हुआ था। पुलिस ने फर्जी दस्तावेज बनाने वाले एक सहयोगी को भी हिरासत में लिया है।
अपने परिचितों की मदद से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी कर बैंकों से लोन निकालने में माहिर ठग हेमंत बागड़ी को औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस ने चार दिन पूर्व उज्जैन से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। जहां से उसे चार दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपने के आदेश हुए थे। यह अवधि शुक्रवार को पूरी हो गई। पुलिस ने रिमांड अवधि पूरी होने पर आरोपी बागड़ी को न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेजने के आदेश हुए।
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पुलिस सूत्रों के अनुसार 4 दिन चली पूछताछ के दौरान ठग हमेंत बागड़ी ने कई चौंकाने वाले राज उगले। पूछताछ में सामने आया कि फर्जी दस्तावेज बनाने और दूसरों के दस्तावेजों में छेड़छाड़ करने के मामले में बशारत अली पिता जुल्फीकार अहमद (30) निवासी मिल्लतनगर रतलाम भी इसका मददगार था। पुलिस ने शुक्रवार सुबह बशारत को भी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। आरोपी बशारत के कब्जे से प्रिंटर, कम्प्यूटर, फोटोकॉपी मशीन आदि भी बरामद की है। बशारत इन उपकरणों का उपयोग फर्जी दस्तावेज बनाने में करता था।
आधार कार्ड पर फोटो हेमंत का, नाम रविंद्र का
इतना ही नहीं हेमंत की निशानदेही पर पुलिस ने आलोट स्थित एक मकान में सर्चिंग की जहां से एक फर्जी आधार कार्ड मिला। इस पर फोटो तो आरोपी हेमंत बागड़ी का लगा हुआ है, जबकि उसमें नाम रविंद्र चक्रवर्ती निवासी ग्वालियर लिखा है। आरोपी बागड़ी ने इसी फर्जी पहचान पत्र के आधार आलोट में कमरा किराये पर ले रखा था और पुलिस की आंख में धूल झोंक रहा था। पुलिस ने उक्त आधार कार्ड के साथ ही कुछ अन्य दस्तावेज भी जब्त कर जांच में लिए हैं।
ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे इसने ठगा नहीं !
आरोपी बागड़ी को उसके माता-पिता एक बेहतर इंसान बनाने के लिए ताउम्र प्रयास करते रहे लेकिन उसने ठगी करने का रास्ता अख्तियार किया। कभी प्रतियोगी कक्षाओं की कोचिंग चलाने वाला और फुलटर्न फाइनेंस कंपनी में चैनल मैनेजर रह चुके हेमंत की ठगी की भूख इतनी बढ़ गई कि उसने अपने मृत पिता महेंद्र बागड़ी तक को नहीं बख्शा। हेमंत के पिता शासकीय कर्मचारी थे, उनकी सेवा में रहते हुए गत 24 जुलाई 2023 को मृत्यु हो गई थी। हेमंत को पिता की ही जगह अनुकंपा के तौर पर पटवारी की नियुक्ति मिली थी और यह आलोट तहसील में पदस्थ था। आरोपी ने अपने पिता महेंद्र की वेतन-पर्ची का उपयोग कर के भी फिनकॉर्प लिमिटेड कंपनी से पांच लाख रुपए का लोन भी हासिल कर लिया था। इसके लिए उसने कंपनी के कर्मचारियों को रिश्वत भी बांटी थी। इस साजिश में उसकी मदद शहर के स्टेशन रोड थाना क्षेत्र स्थित एक एमपी ऑनलाइन शॉप चलाने वाले व्यक्ति ने की थी।
एसपी ने घोषित किया था इनाम, न्यायालय ने जारी किया था नोटिस
बता दें कि, हेमंत बागड़ी की ठगी का शिकार हुए लोगों की संख्या आधा दर्जन से ज्यादा बताई जाती है। इन मामलों में फरार हेमंत की गिरफ्तारी के लिए एसपी ने दिसंबर 2024 में 5 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। इसके बाद भी जब सफलता नहीं मिली तो पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के समक्ष आरोपी को भगोड़ा घोषित करने और उसकी चल-अचल संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। इस पर न्यायालय ने उद्घोषणा जारी की थी और आरोपी को 12 फरवरी 2025 को पेश होने के लिए निर्देशित किया था।
न्यायालय में पेश किए गलत दस्तावेज
पुलिस की सक्रियता और पहुंच बढ़ते देख आरोपी हेमंत बागड़ी ने एक और पैंतरा खेला। उसने न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका भी प्रस्तुत की। यहां भी वह छल करने से बाज नहीं आया और फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए। जब न्यायालय के संज्ञान में यह बात आई तो उसका अग्रिम जमानत का आवेदन खारिज हो गया।