Solar Eclipse : साल का आखिरी सूर्यग्रहण 02 अक्टूबर को, भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन राशियों पर क्या होगा असर यह जानने के लिए पढ़ें खबर
इस 2 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा जो कंकणाकार (वलयाकार) होगा। यह भारत में नजर नहीं आएगा और जिससे इसका सूतक भी यहां नहीं लगेगा। हालांकि- ग्रहण का अगले 45 दिन तक विभिन्न राशियों पर अलग-अलग असर पड़ सकता है।
एसीएन टाइम्स @ डेस्क । इस साल का आखिरी सूर्यग्रहण 2 अक्टूबर को होगा। यह पूर्ण ग्रहण न होकर कंकणाकृति (वलयाकार) होगा। रिंग ऑफ फायर के नाम से जाना जाने वाला यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, किंतु इसका विभिन्न राशियों पर प्रभाव अवश्य पड़ेगा।
भारतीय समयानुसार 02 अक्टूबर को रात 09 बजकर 13 मिनट से ग्रहण शुरू होगा जो रात 03 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इस तरह यह ग्रहण करीब 6 घंटे 3 मिनट का रहेगा। इस साल में दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण लग चुके हैं। 02 अक्टूबर को लगने वाला ग्रहण साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण प्रशांत महासागर, दक्षिणी अमेरिका, अर्जैटीना, फिजी, चिली, इंडोनेशिया सहित अन्य इलाकों में दिखाई देगा। यानी यह भारत में दिखाई नहीं देगा।
बता दें कि, इससे पहले 26 दिसंबर 2019 को भारत में आखिरी बार सूर्य ग्रहण दिखाई दिया था। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण था जो 5 बजकर 18 मिनट 53 सेकंड पर शुरू हुआ था। यह कुल 3 मिनट 39 सेकंड रहा था। अगला वलयाकार सूर्य ग्रहण भारत में 21 मई 2031 को और पूर्ण सूर्य ग्रहण 20 मार्च 2034 को देखा जाएगा।
भारत में हो सकेंगे धार्मिक और शुभ कार्य- अज़हर हाशमी
ज्योतिषी अज़हर हाशमी के अनुसार सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले से और इसके समापन तक का समय सूतक काल माना जाता है। इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। चूंकि यह भारत में दृश्य नहीं रहेगा इसलिए इसका सूतक भी भारत व उन इलाकों जहां यह नजर नहीं आएगा, वहां भी मान्य नहीं होगा। अतः इस दौरान भारत में धार्मिक और शुभ कार्य आदि वर्जित नहीं होंगे, और मंदिरों के कपाट भी बंद नहीं होंगे।
30 से 45 दिन तक राशियों पर रहेगा प्रभाव
ज्योतिषी अज़हर हाशमी के अनुसार भले ही साल का आखिरी ग्रहण भारत या कुछ अन्य देशों में नहीं दिखेगा सूर्य का प्रभाव वैश्विक होता है अतः इस ग्रहण का प्रभाव राशियों पर जरूर रहेगा। हाशमी के मुताबिक यह कंकणाकृति या वलयाकार ग्रहण है जिसका प्रभाव 30 से 45 दिन तक रहता है। जबकि खग्रास ग्रहण का 60 से 90 दिन तक और खंडग्रास ग्रहण का 45 से 60 दिन तक प्रभाव पड़ता है। चूंकि सूर्य और चंद्रमा कन्या राशि में रहेगा अतः इसके आसपास की राशियों के जातकों को 30 से 45 दिन तक सावधानी बरतना होगी।
राशि और प्रभाव
मेष, मिथुन, कर्क और वृश्चिक राशि
इन के लिए यह ग्रहण बहुत अच्छा रहेगा। इन राशियों के जातकों के लिए यह पुरस्कार, धन और यश की प्राप्ति करवा सकता है। इस दौरान रुका हुआ रुपया-पैसा भी मिल सकता है।
वृषभ, धनु, मकर और कुंभ राशि
इन राशियों के लिए यह ग्रहण अच्छा रहेगा। इस दौरान इन राशियों के जातकों को पदोन्नति, कार्य विशेष में प्रसिद्धि और धन / भूमि संबंधी लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
सिंह और तुला राशि
ग्रहण का इन राशियों पर प्रभाव अपेक्षाकृत औसत रहेगा। इन दोनों राशियों के जातकों को उनकी आवश्यकता के अनुसार धन की पूर्ति होती रहेगी। यदि जातक किसान है तो उसे फसलों से लाभ संभावित है।
कन्या और मीन राशि
इन राशियों के जातकों को अगले 30 से 45 दिन तक लापरवाही बरतना नुकसानदेह साबित हो सकता है, खासकर जिनके नाम प, पी, पे, पो, प्र अक्षरों से शुरू होते हैं। ऐसे जातकों को अपनी सेहत का ध्यान रखने के साथ ही वाहन चलाते समय भी सावधानी बरतनी है।