अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष : नारी तुम हो शौर्य, तुम ही नम्रता ! - प्रो. अज़हर हाशमी
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रो. अज़हर हाशमी के ये विचार आपको जरूर प्रेरित करेंगे।
नारी तुम हो शौर्य, तुम ही नम्रता !
है तुम्हारी ही वजह से सभ्यता,
है तुम्हारी ही वजह से संस्कृति।
तुम ही विचार की नहर, तुम ही लहर
तुम ही शक्तिरूपा, तुम ही प्रकृति।
तुम ही युग की वीणापाणि, भद्रता!
नारी तुम हो शौर्य, तुम ही नम्रता!
***
चेतना के गीत की हो बाती तुम,
तुम सदा ही प्रेरणा, तुम्हारी जय।
तुम दया भी हो, तुम ही तो हो दुआ
संतान को देती स्नेह और अभय।
तुम विराट्ता हो, तुम ही सूक्ष्मता!
नारी तुम हो शौर्य, तुम ही नम्रता!
***
तुम सचेत और सजग हो लक्ष्य में,
भले ही बात धर्म अथवा ध्यान की।
वह चिकित्सा क्षेत्र हो या अंतरिक्ष,
तुम हो प्रवीण हर विधा में ज्ञान की
तुम ही से धीरता सहित सहिष्णुता!
नारी तुम हो शौर्य, तुम ही नम्रता!
***
-प्रो. अज़हर हाशमी
(दैनिक समाचार पत्र पत्रिका से साभार)