बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार ने किया युवा कौशल शिविर का आयोजन
गायत्री परिवार द्वारा युवा कौशल शिविर का आयोजन जावरा में किया गया। इस दौरान शिविरार्थियों को सेवा, संयम, स्वाध्याय व साधना तथा गायत्री मंत्र का महत्व बताया गया।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । अखिल विश्व गायत्री परिवार की जावरा शाखा द्वारा बच्चों के ग्रीष्मकालीन अवकाश का सदुपयोग करते हुए एवं बच्चों को संस्कारवान बनाने के उद्देश्य से युवा कौशल शिविर का आयोजन किया गया। बुधवार को गायत्री शक्ति पीठ जावरा पर आयोजित शिविर में 180 बालक-बालिकाओं ने सम्मिलित होकर स्वस्थ एवं संस्कारयुक्त जीवन जीने की कला का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसमें जावरा एवं आसपास के क्षेत्र के युवाओं ने भागीदारी की।
शिविर का शुभारंभ देवावाहनम्, माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। उद्घाटन सत्र अतिथि योगाचार्य जितेन्द्र सिंह थे। उन्होंने बच्चों का मार्गदर्शन करते हुए बताया कि नियमित दिनचर्या से स्वास्थ्य उत्तम रहता है। सिंह ने बच्चों को अध्ययन में उपयोगी एकाग्रता के सूत्र भी बताए। द्वितीय सत्र में चिकित्सक डॉ. प्रकाश उपाध्याय ने 'तन स्वस्थ तो मन स्वस्थ एवं संतुलित भोजन' पर प्रेरणाप्रद उद्बोधन दिया। पथ्य-अपथ्य एवं शैक्षणिक जीवन में स्वास्थ्य संरक्षण के सूत्र समझाए।
समय प्रबंधन, सदसाहित्य व सकारात्मकता पर डाला प्रकाश
तृतीय सत्र में जावरा क्षेत्र के अग्रज बाबूलाल नाहर ने बच्चों को समय प्रबंधन व परम पूज्य गुरुदेव के सदसाहित्य का नियमित स्वाध्याय द्वारा जीवन में सकारात्मक बदलाव का महत्व समझाया। जीवन अच्छे साहित्य के अध्ययन के महत्व पर प्रकाश डाला। दोपहर के भोजनावकाश के बाद सभी बच्चों के बीच खेल व बौद्धिक प्रश्नोत्तरी करवाई गई।
व्यसन मुक्त अभियान की दी जानकारी
इसके पश्चात गायत्री परिवार के प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ प्रभारी विवेक चौधरी ने गायत्री परिवार के व्यसन मुक्ति अभियान की जानकारी दी। उन्होंने बच्चों को सभी प्रकार के नशे से स्वयं तथा परिवारजन के साथ-साथ अपने मित्रों को भी दूर रहने हेतु प्रेरणा दी। उन्होंने इस सत्र में भारतीय संस्कृति के गौरव करने की प्रेरणा के साथ इंटरनेट एवं मोबाइल के सदपुयोग व दुरपयोग के बारे बच्चों को सचेत किया। बच्चों को साइबर अपराध से सतर्क रहने की जानकारी भी दी गई।
सेवा, संयम, स्वाध्याय व साधना की अनिवार्यता बताई
समापन सत्र में मंदसौर के पवन गुप्ता ने नियमित ध्यान व गायत्री मंत्र जप की उपयोगिता के बारे में बताया। जीवन में सेवा, संयम, स्वाध्याय और साधना की अनिवार्यता को समझाया। प्रत्येक सत्र के बाद शिविरार्थी बच्चों से सत्र के बारे में प्रश्नोत्तरी एवं प्रस्तुति ली गई। प्रत्येक सत्र में बच्चों को उनकी प्रस्तुति के आधार पर प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार भी दिए गए। निर्णायक राधेश्याम धनोतिया, ओम त्रिवेदी एवं राधेश्याम बोड़ाना रहे। संचालन गायत्री परिवार जावरा के संजय गुप्ता एवं महेंद्र बोड़ाना ने किया। निशा धनोतिया ने प्रत्येक सत्र में प्रेरणास्पद प्रज्ञा गीतों की प्रस्तुति दी।
इनका रहा सहयोग
कार्यक्रम में क्षेत्र के अग्रज गायत्री परिजन डी. पी. चौधरी की गरिमामयी उपस्थिति रही। युवा कौशल शिविर आयोजन में गायत्री परिवार जावरा के परिजन बद्रीलाल चौहान, बहादुर सिंह सोनगरा, श्रीनाथ शर्मा, मोहनलाल पाटीदार, निर्भयराम पाटीदार, चंद्रशेखर शर्मा, अनोखीलाल प्रजापत, महिला मंडल की किरण चौहान, स्नेहलता रॉय सहित अन्य परिजन का विशेष सहयोग रहा।