RSS : अद्भुत! अद्वितीय!! अविस्मरणीय!!! रतलाम में 24 वर्ष बाद RSS का ऐसा भव्य पथ संचलन, शहर हुआ सेवा, राष्ट्रीयता और समरसता के भाव से सराबोर

24 साल बाद रतलाम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का विराट पथ संचलन निकला। घोष, ढोल और अनुशासन के संग स्वयंसेवकों का कदमताल ऐसा कि हर वर्ग ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। शहर सेवा, राष्ट्रीयता और समरसता के भाव से सराबोर रहा।

RSS : अद्भुत! अद्वितीय!! अविस्मरणीय!!! रतलाम में 24 वर्ष बाद RSS का ऐसा भव्य पथ संचलन, शहर हुआ सेवा, राष्ट्रीयता और समरसता के भाव से सराबोर
रतलाम में निकला आरएसएस का भव्य पथ संचलन।
  • अनुशासन, सेवा और राष्ट्रीयता की मिसाल बना RSS का भव्य आयोजन

  • पुष्प वर्षा और जयघोष के बीच निकला रतलाम में अद्भुत RSS संचलन

  • RSS शताब्दी वर्ष में रतलाम में दिखा संगठन का विराट रूप

  • पांच उपनगरों से निकले संचलनों का महाराणा प्रताप चौराहे पर महासंगम

  • घोष, ढोल, पुष्प वर्षा और रंगोलियों से सजा राष्ट्रभक्ति का वातावरण

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । करीब 24 वर्ष के अंतराल के बाद रतलाम एक बार फिर आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) मय हो गया। रविवार को महा पथ संचलन निकाल कर सेवा, राष्ट्रीयता और अनुशासन की ऐसी मिसाल पेश की कि लोग कह उठे ‘यह तो अद्भुत, अद्वितीय और अविष्मरणीय है।’ कांधें सीने में देश-प्रेम का जज्बा, जेहन में सेवा का संकल्प और कांधे पर दंड लिए करीब 20 हजार स्वयं सेवकों का कारवां घोष और ढोल की धुन पर कदमताल करते निकला तो हर धर्म-संप्रदाय के लोगों ने खुले मन से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। जय श्री और भारत माता के जयघोष ने तो माहौल को रोमांचित ही कर दिया।

संघ द्वारा शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। इसके तहत सेवा प्रकल्पों सहित अनेक आयोजन हो रहे हैं। शताब्दी वर्ष के अंतर्गत संघ द्वारा 5 अक्तूबर 2025 (रविवार) को शहर में पांच अलग-अलग स्थानों से पथ संचलन निकाले गए। पथ संचलन शुरू होने से पूर्व सभी जगह बौद्धिक भी हुआ। इसके बाद सभी स्थानों से निकले पथ संचलनों का महाराणा प्रताप स्टेच्यू चौराहे पर महासंगम हुआ। यहां से संयुक्त पथ संचलन कदमताल करते हुए कृषि उपज मंडी, पावर हाउस दोबत्ती होते हुए नेहरू स्टेडियम पहुंच कर विसर्जित हुआ। रास्ते में विभिन्न संस्थाओं, संगठनों ने फूलों की वर्षा कर स्वागत किया। मातृशक्ति द्वारा पथ संचलन के रास्ते पर स्वागत के लिए रंगोलियां भी बनाई गईं थी।

एंबुलेंस को रास्ता देकर दिया बड़ा संदेश

महाराणा प्रताप स्टेच्यू चौराहे पर महासंगम के बाद जैसे ही पथ संचलन आगे बढ़ा वहां एक एम्बुलेंस आ गई। यह देख सैलाना रोड से आ रहे अनुशासनप्रिय स्वयं सेवकों तत्काल अपने कदमों पर नियंत्रण किया और पहले एम्बुलेंस को जाने दिया और इस दौरान बनें गैप को फुर्ती के साथ खत्म कर फिर मुख्य धारा में शामिल हो गए। इस नजारे को जिसने भी देखा, सराहे बिना नहीं रह सका। यह सराहना इसलिए भी है क्योंकि पथ संचलन से पूर्व स्वयं सेवक कई दिन तक सड़कों को नापते हैं और एक समय पर संचलन शुरू कर एक ही समय पर संगम स्थल पर पहुंच कर एक साथ आगे बढ़ते हैं। यह परंपरा तब से चली आ रही जब आज जैसे मोबाइल फोन या अन्य संचार साधन नहीं थे। ऐसे में कदमों से दूरी मापना और अचानक आए ऐसे आपात अवसरों के बाद भी गति, लय और कदमताल नहीं बिगड़ने देना अप्रतिम है।

24 साल पुरानी याद हो गई ताजा

यूं तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपने सेवा प्रकल्पों और आपात परिस्थितियों में सेवाएं देने के मामले में हमेशा ही अग्रणी रहता है लेकिन उसके पथ संचलन अनुशासन की मिसाल होते हैं। रविवार को निकले वृहद पथ संचलन ने 15 दिसंबर 2002 को निकले वृहद पथ संचलन की याद ताजा कर दी। तब तत्कालीन सर संघ चालक के. सी. सुदर्शन (स्व. कुप्पाहाली सीतारमय्या सुदर्शन) की उपस्थिति में विशाल एकत्रीकरण हुआ था जिसमें हजारों की संख्या में स्वयं सेवक शामिल हुए थे। हमेशा की तरह इस बार निकले पथ संचलन का भी रतलाम के सभी वर्गों ने स्वागत कर सौहार्द, भाईचारे की मिसाल पेश की। पथ संचलन निकलने से पूर्व पूर्व कलेक्टर मीशा सिंह, एसपी अमित कुमार सहित प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने पूरे रूट का खुद अवलोकन किया।

कहां-कहां से निकले पथ संचलन, किसने दिया बौद्धिक

लोग कहते थे हमें पागल कह लो पर हिंदू मत करो- डॉ. प्रकाश शास्त्री

हनुमान उपनगर : इस उपनगर का एकत्रीकरण जैन स्कूल सगोद रोड पर हुआ। अतिथि अनीश पोद्दार, मुख्य वक्ता डॉ. प्रकाश शास्त्री (मालवा प्रांत संघ चालक) एवं नगर सह कार्यवाह मनोज सगरवंशी मंचासीन रहे। डॉ. शास्त्री ने स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि संघ की स्थापना के समय हिंदू समाज की स्थिति बहुत दयनीय थी। लोग कहते थे कि हमें पागल कह लो पर हिंदू मत कहो। ऐसे समय में डॉ. हेडगेवार ने पूर्ण आत्मविश्वास के साथ घोषणा की कि "भारत एक हिंदू राष्ट्र है।" स्वतंत्रता आंदोलन में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को 11 माह का कारावास भी हुआ। 1940 में अपने जीवन के अंतिम क्षणों में उन्होंने कहा था कि संघ अब देश के कोने-कोने में पहुंच गया है। संघ के शिक्षा वर्ग में मैं आज लघु भारत के दर्शन कर रहा हूं। उनके पश्चात गुरुजी 32 वर्ष तक सर संघ संचालक रहे और समाज के हर क्षेत्र में संघ को व्यापक बनाया।

के. सी. सुदर्शन जानते थे संघ और हिंदू समाज का भविष्य- बलवंतसिंह हाड़ा

अंबेडकर उपनगर : इस उपनगर का एकत्रीकरण आईटीआई ग्राउंड में हुआ। मंच पर अतिथि के रूप में डॉ. दिनेश भूरिया, मुख्य वक्ता प्रांत सह व्यवस्था प्रमुख बलवंत सिंह हाड़ा व नगर सह कार्यवाह शैलेंद्र सिंह उपस्थित रहे। हाड़ा ने बौद्धिक देते हुए कहा कि डॉ. हेडगेवार ने 1925 में संघ की स्थापना की। उनके पश्चात माधव सदाशिव राव गोलवलकर ने संघ का विस्तार कर समाज को संगठित कर ऐसा रूप दिया कि जब भी समाज पर कोई आपदा विपदा आए तो सबसे पहले समाज का सहयोग करने के लिए संघ का स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

हाड़ा ने बताया कि देश के विभाजन काल, 1962 का चीन युद्ध, आपातकाल का भयानक समय और कांग्रेस द्वारा प्रायोजित 84 में सिख दंगा, राम जन्म भूमि की कार सेवा, रामसेतु तोड़ने का षड्यंत्र, लक्षित हिंसा अधिनियम 2011इन सब कार्यों में संघ ने समाज को संगठित कर राष्ट्रहित में सेवा कार्य और समाज जागरण का उदाहरण प्रस्तुत किया। के. सी. सुदर्शन ((स्व. कुप्पाहाली सीतारमय्या सुदर्शन) ) संघ तथा हिंदू समाज का भविष्य जानते थे और उन्होंने कहा था कि 2011 के बाद नया भारत उदित होगा। आज हम मां भारती को परम वैभव पर पहुंचने का सपना साकार होते हुए देख रहे हैं।

असंगठित होने के कारण पराधीन रहा भारत- आशुतोष शर्मा

संत रविदास उपनगर : यहां स्वयं सेवकों का एकत्रीकरण सरस्वती शिशु मंदिर काटजू नगर में हुआ। अतिथि सरदार अवतार सिंह, जिला संघ चालक सुरेंद्र सुरेका एवं मुख्य वक्ता प्रांत घोष प्रमुख आशुतोष शर्मा मंचासीन रहे। शर्मा ने कहा कि भारत धन, शक्ति और ज्ञान में परिपूर्ण होने के बाद भी असंगठित होने के कारण विदेशियों द्वारा पराधीन हुआ। अपने संघ के 100 वर्षों के इतिहास से सभी को अवगत कराया।

संघ विश्व के सबसे बड़े संगठनों में सुमार- किशन माहेश्वरी

प्रताप उपनगर : इस उप नगर में एकत्रीकरण 80 फीट रोड पर हनुमान ताल के पास मैदान में हुआ। अतिथि आदित्य वोहरा, मुख्य वक्ता प्रांत प्राध्यापक प्रमुख शैलेश त्रिपाठी एवं नगर कार्यवाहक किशन माहेश्वरी मंचासीन थे। मुख्य वक्ता त्रिपाठी ने कहा कि आज संघ अपने विराट रूप में है। एक छोटे से स्थान से प्रारंभ किया गया संघ आज विश्व के अनेक देशों में अपना विस्तार कर चुका है। आज 50 से अधिक हमारे सम वैचारिक संगठन समाज सेवा के और जागरण के कार्य में लगे हुए हैं। विश्व के सबसे बड़े संगठन के रूप में आज संघ की गिनती होती है।

जहां स्वयंसेवक वहां शाखा, सामाजिक समरसता और संस्कार- सोहन परमार

विक्रम उपनगर : एकत्रीकरण सेठिया मैरिज गार्डन पर हुआ। मंच पर अतिथि डॉ. योगेंद्र सिंह चाहर, नगर संघ चालक राजेश पटेल एवं मुख्य वक्ता प्रांत ग्राम विकास प्रमुख सोहन परमार रहे। परमार ने कहा कि जहां स्वयंसेवक है, वहाँ शाखा होती है, जहां शाखा है, वहां सामाजिक समरसता होती है। ऐसा स्थान समाज में संस्कार के केंद्र होते हैं। उन्होंने बताया कि संघ के शताब्दी वर्ष में वर्षभर अनेक तरह के कार्यक्रम होंगे। इनमें हिंदू सम्मेलन, सद्भाव बैठकें, युवा सम्मेलन आदि होंगे।

मंत्री चेतन्य काश्यप ने पुष्पों से किया स्वागत

मप्र के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप ने पॉवर हाउस रोड पर पथ संचलन का स्वागत किया। उन्होंने स्वयं सेवकों पर पुष्प वर्षा की। इस दौरान काश्यप खुद भी आरएसएस की गणवेश में नजर आए। उनके साथ पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा, सनातन सोशल ग्रुप के अध्यक्ष अनिल पुरोहित, मुन्नालाल शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।

कान्यकुब्ज और श्रीमाली ब्राह्मण समाज ने किया स्वागत

पथ संचलन का विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों ने भी स्वागत किया। कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज ने सैलाना रोड पर आईटीआई के पास मंच बना कर स्वयं सेवकों पर पुष्प बरसाए। इसी प्रकार श्रीमाली ब्राह्मण समाज ने पैलेस रोड पर पथ संचलन का भव्य स्वागत किया। 

अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन कमेटी ने किया स्वागत

अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन कमेटी ने सैलाना बस स्टैंड चौराहा और मोचीपुरा चौराहा पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पथ संचलन का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत कियाI इस अवसर पर कमेटी सदर इब्राहीम शेरानी, मंसूर जमादार, फ़य्याज़ खान, प्रो. इमरान हुसैन, सलीम कुरैशी, मुबारिक शेरानी, शाहिद अंसारी, शेरू पठान, इसरार रहमानी, इमरान रहमानी, शेख अज़हरुद्दीन, राशिद आलम, लतीफ बा अंसारी, सलामत हुसैन, रज्जाक खान, ज़ेबा रहमानी, रशीद शेरानी, सरफराज़ हुसैन, जुनेद खान, करामत हुसैन, शरीफ खान आदि उपस्थित रहे।