चर्चित खबर ! RPF के पूर्व जवान ने तहसीलदार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, शिकायती पर्चा कलेक्ट्रेट की दीवार पर चिपकाया, तहसीलदार ने दर्ज कराई संपत्ति विरूपण मामले की FIR

रतलाम में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरपीएफ के एक पूर्व जवान ने शहर तहसीलदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एक शिकायती पर्चा कलेक्ट्रेट की दीवार पर ही चिपका दिया जिसे कर्मचारियों ने हटा दिया। तहसीलदार ने पर्चा चिपकाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।

चर्चित खबर ! RPF के पूर्व जवान ने तहसीलदार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, शिकायती पर्चा कलेक्ट्रेट की दीवार पर चिपकाया, तहसीलदार ने दर्ज कराई संपत्ति विरूपण मामले की FIR
स्टेशन रोड थाना प्रभारी स्वराज डाबी को शिकायत प्रस्तुत करते शहर तहसीलदार ऋषभ ठाकुर।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । आरपीएफ से सेवानिवृत्त एक जवान ने रतलाम शहर के तहसीलदार ऋषभ ठाकुर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उसके द्वारा आरोप वाला एक पर्चा भी कलेक्ट्रेट की दीवार पर चस्पा किया गया है। तहसीलदार ठाकुर ने मामले में पर्चा चिपकाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध स्टेशन रोड थाने पर संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करवाई है।

जानकारी के अनुसार शहर तहसीलदार ऋषभ ठाकुर ने गुरुवार रात स्टेशन रोड थाने पहुंच कर एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की। तहसीलदार ने पुलिस को बताया कि शासकीय संपत्ति पर बिना किसी सक्षम अनुमति के शासकीय कर्मचारी के विरुद्ध अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए पर्चा चस्पा किया गया है। इसमें मेरी शासकीय छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। तहसीलदार ने कहा कि बिना किसी साक्ष्य के मेरी नकारात्मक छवि पेश करने से मैं आहत हूं और मुझे मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी है। तहसीलदार की रिपोर्ट पर स्टेशन रोड थाना पुलिस ने भ्रष्टाचार के आरोप का पर्चा चिपकाने वाले नंदकिशोर चौहान के खिलाफ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया है।

यह है मामला

संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरण में आरोपी नंदकिशोर चौहान होमगार्ड कॉलोनी का निवासी होकर आरपीएफ से सेवानिवृत्त है। चौहान द्वारा गुरुवार दोपहर कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट की दीवार पर तहसीलदार ऋषभ ठाकुर के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एक शिकायती पर्चा चस्पा किया था दिया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, मध्यप्रदेश एसएसी आयोग, सीएम, उज्जैन कमिश्नर, राष्ट्रीय मानव अधिकारी आयोग व कलेक्टर के नाम लिखे इस शिकायती पर्चे में शिकायतकर्ता ने खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताया है।

यह है शिकायतकर्ता का आरोप

शिकायती पर्चे में नंदकिशोर ने 56 बीघा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किए जाने की बात लिखी है। इसमें बताया गया है कि तहसीलदार द्वारा कॉलोनाइजर शेखर कांसवा सहित अन्य लोगों को फायदा पहुंचाया गया है। चौहान के अनुसार सड़क से महज 50 फीट की दूरी पर ही सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया है जबकि कॉलोनाइजर द्वारा यह दूरी 100 फीट बताई जा रही है, जो कि गलत है। इस बारे में लगातार शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर उसे इस तरह पर्चा चिपकाना पड़ा।

ताबड़तोड़ में हटाया पर्चा

तहसीलदार के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप का पर्चा चिपाए जाने की जानकारी मिलते ही अधिकारियों-कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। कर्मचारियों ने ताबड़तोड़ में उक्त पर्चा हटवा दिया। इसे लेकर दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। मामले में तहसीलदार ठाकुर ने एसीएन टाइम्स को बताया कि उनके द्वारा पता करवाया गया है लेकिन ऐसी कोई शिकायत के बारे में जानकारी नहीं मिली। जिस जमीन की बात हो रही है वहां किसी सहकारी समिति के नाम पर है। ठाकुर के अनुसार उन पर लगाया गया आरोप निराधार है। इस बारे में कलेक्टर राजेश बाथम से वाट्सएप मैसेज के माध्यम से जानकारी लेने का प्रयास किया गया लेकिन फिरहाल उनकी ओर से प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।

शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गया पर्चा