21वीं सदी हिंदुस्तान की, एक दिन विश्व गुरु बनेगा- आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी

आचार्य श्री विजय कुलबोधिजी सूरीश्वर जी के सानिध्य में युवाओं के लिए विशेष प्रवचनों की शृंखला का शुभारंभ विधायक चेतन्य काश्यप ने किया। आचार्य श्री ने काश्यप का बहुमान किया।

21वीं सदी हिंदुस्तान की, एक दिन विश्व गुरु बनेगा- आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी
युवाओं के शिविर को संबोधित करते आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वर जी।

युवाओं के शिविर की शृंखला का विधायक चेतन्य काश्यप ने किया शुभारंभ, 2500 युवा हुए शामिल

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । वर्तमान में संस्कृति का नाश हो रहा है। तलाक भारतीय संस्कृति की परिकल्पना नहीं थी, लेकिन आज बात-बात पर तलाक हो रहे हैं, लोग अबॉर्शन करवा रहे हैं। आप में से ऐसा कोई न करें। हमें स्वयं का आकलन करना चाहिए। कहीं भी चले जाओ सिर्फ चमड़ी का रंग अलग होता है, लेकिन खून का एक ही है। हम ईश्वर के परफेक्ट प्रोडक्ट हैं। 21वीं सदी हिंदुस्तान की है, एक दिन यह विश्व गुरु बनेगा।

यह बात आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा. ने सैलाना वालों की हवेली मोहन टॉकीज में पहले युवा शिविर में कही। उन्होंने कहा कि हमें स्वयं से यह पूछना चाहिए कि मैं कौन हूं और मेरी पहचान क्या है। सबको मैं कौन हूं, मैं कहां हूं और मैं कहां जा रहा हूं। इन तीन प्रश्नों से अपने मन को टटोलना चाहिए। आचार्य श्री ने कहा कि वर्तमान में बच्चे रात में मोबाइल में वो देख रहे हैं, जो आप दिन में नहीं देख सकते। आज पीढ़ी की पवित्रता खत्म हो रही है। बच्चे पढ़ने के लिए बाहर जा रहे हैं, लेकिन वहां वह क्या कर रहे हैं, यह आपको नहीं पता। हमें बच्चों के साथ उनके मोबाइल पर भी नजर रखनी चाहिए।

माता-पिता चैक करें कि बच्चे का सर्कल कैसा है

आचार्य श्री ने मैं कहां हूं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आप स्वयं से पूछे कि अच्छे की संगत में है या बुरे की। अच्छी कंपनी में है या बुरी। किसके साथ बैठना है, यह समझ नहीं है। हमें यह पता होना चाहिए कि क्या कर रहे हैं। एक बार माता-पिता को भी यह चैक करना चाहिए कि बच्चे का सर्कल कैसा है। व्यक्ति माता-पिता से जितना प्रभावित नहीं होता, उतना मित्रता से प्रभावित होता है। जीवन में एक धर्म मित्र या एक कल्याण मित्र होना चाहिए। जीवन में बेड कंपनी, बेड हैबिट और रेड सिग्नल नहीं होना चाहिए। हमेशा गुड कंपनी, गुड हेबिट और ग्रीन सिग्नल में रहना चाहिए।

हमें यह पता होना चाहिए कि हम कहां जा रहे हैं

आचार्य श्री ने ‘मैं कहां जा रहा हूं’ को परिभाषित करते हुए कहा कि हमें यह पता होना चाहिए कि हम किस रास्ते पर और कहां जा रहे हैं। शिविर के दौरान बोरीवली मुंबई के संगीतकार जैनम् द्वारा सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी गई। शिविर में पुरुष वर्ग श्वेत एवं महिलाएं केसरिया परिधान में अनुशासित रूप से शामिल हुईं।

शॉल-श्रीफल से किया विधायक काश्यप का बहुमान

आरंभ में श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ गुजराती उपाश्रय, श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर तीर्थ पेढ़ी के तत्वावधान में अयोजित पांच शिविर की शृंखला में पहले शिविर का शुभारंभ विधायक चेतन्य काश्यप ने किया। श्री संघ ने काश्यप का शॉल, श्रीफल एवं माला से बहुमान किया। संघ अध्यक्ष अभय लुनिया सहित मुकेश जैन, राजेंद्र खाबिया, सुनील लालवानी, मोहनलाल कासवा, सुनील मूणत, शैलेंद्र मांडोत, हितेश वाघमार, राजेश सुराना, प्रितेश गादिया आदि उपस्थित रहे।

देश में विधायक काश्यप जैसा दूसरा कोई नहीं मिलेगा- आचार्यश्री

शिविर शुभारंभ अवसर पर आचार्य श्री ने कहा कि रतलाम विधायक चेतन्य काश्यप एकमात्र ऐसे विधायक है जिनके द्वारा आज तक शासन का वेतन, भत्ता और शासन से मिलने वाली कोई सुविधा नहीं ली गई है। बीते 9 वर्षों के दौरान उन्होंने करोड़ों रुपए द्वारा शासन को समर्पित किए हैं। देश में उनके जैसा दूसरा जनप्रतिनिधि कहीं नहीं मिलेगा। इससे पूर्व विधायक काश्यप ने कहा कि साधु भगवंतों ने हमारे समाज को संगठित करके रखा है। इनके आशीर्वाद से ही समाज संगठित और संस्कारित है। वर्तमान में युवाओं में संस्कारों की धारा बहना आवश्यक है। यह शिविर इस दिशा में सार्थक होगा। काश्यप ने बड़ी संख्या में आए शिविरार्थियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर काश्यप द्वारा पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

गुणानुवाद सभा एवं शोभायात्रा सोमवार को

आगमोद्धारक परम् पूज्य आचार्य श्री सागरानंद सूरीश्वरजी म.सा. की 149वीं जन्मतिथि 17 जुलाई को आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में मनेगी। इस मौके पर सोमवार को गुणानुवाद सभा एवं भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा। मोहन टॉकीज सैलाना वालों की हवेली में प्रातः 9.00 से 9.45 बजे तक प्रवचन होंगे। उसके बाद शोभायात्रा निकलेगी, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए श्री कबीर साहब जैन मंदिर थावरिया बाजार पहुंचेगी।