…ताकि वातावरण सकारात्मक बने : 'सुनें सुनाएं' का 21वां सोपान 2 जून को, अनोखे आयोजन में 10 रचनाप्रेमी करेंगे अपनी प्रिय रचना का पाठ,
सुनें सुनाएं अपने 21वें सोपान पर पहुंच चुका है। इस रविवार (2 जून) को सुनें सुनाएं में 10 रचनाधर्मी अपनी प्रिय रचनाओं का पाठ करें। इस अनूठे आप भी आ रहे हैं ।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शहर में रचनात्मक वातावरण बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत 'सुनें सुनाएं' आयोजन का 21वां सोपान 2 जून (रविवार) को सुबह 11 बजे जी. डी. अंकलेसरिया रोटरी हाल प्रथम तल रतलाम पर होगा। अपनी तरह के अनोखे इस आयोजन में इस बार दस रचनाकार अपनी प्रिय रचनाओं का पाठ करेंगे।
आयोजन में आई. एल. पुरोहित द्वारा डॉ. विष्णु सक्सेना के गीत 'थाल पूजा का ले कर चले आइए' का पाठ किया जाएगा। इसी प्रकार विजय सिंह रघुवंशी द्वारा प्रो. अज़हर हाशमी की रचना 'मुझको राम वाला हिन्दुस्तान चाहिए' का पाठ, हरेन्द्र कोठारी द्वारा असर अहमदाबादी की ग़ज़ल 'मेरी मस्ती पे ज़माने के हैं पहरे कितने' का पाठ, इन्दु सिन्हा द्वारा रघुवीर सहाय की रचना "रामदास" का पाठ, दिनेश जोशी (बाजना) द्वारा उपग्रह के स्तम्भ में प्रकाशित रचना 'सोच बड़ी रखिए' का पाठ, डॉ. पूर्णिमा शर्मा द्वारा दुष्यंत कुमार की रचना 'कहां तो तय था चराग़ां हरेक घर के लिए' का पाठ किया जाएगा।
इसी प्रकार पीरूलाल डोडियार पंडित मुस्तफ़ा आरिफ़ की कविता 'राम मेरी विरासत' का पाठ, रश्मि पंडित द्वारा अग्निशेखर की रचना 'छत पर चांद' का पाठ, दिनेश बारोठ (सरवन) द्वारा बहादुर शाह ज़फ़र की ग़ज़ल 'लगता नहीं है दिल मेरा उजड़े दयार में' का पाठ तथा कीर्ति शर्मा द्वारा शील जी का गीत 'बढ़ रही है आग धुंआधार, देश के जवान इसे रोक दो' का पाठ किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस आयोजन में कोई अपनी रचना का पाठ नहीं करता है बल्कि अपने प्रिय रचनाकार की रचना का पाठ करता है। 'सुनें सुनाएं' ने शहर के सुधिजनों से उपस्थित रहने का आग्रह किया है।