मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त 4 आरोपियों को 6 माह के लिए सेंट्रल जेल इंदौर भेजा, पीआईटी एनडीपीएस एक्ट के तहत किया निरुद्ध
मादक पदार्थों की तस्करी रोकने को लेकर पुलिस ने अब तक की सबसे कठोरतम कार्रवाई की है। चार तस्करों को सेंट्रल जेल इंदौर में 6 माह के लिए निरुद्ध किया गया है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम / नीमच । नीमच पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त 4 आरोपियों के विरुद्ध स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम-1988 (THE PREVENTION OF ILLICIT TRAFFIC IN NARCOTIC DRUGS AND PSYCHOTROPIC SUBSTANCES ACT-1988) के तहत कार्रवाई की है। आरोपियों को इंदौर की सेंट्रल जेल में 6 माह के लिए निरुद्ध किया गया है। इस एक्ट के तहत 1 वर्ष तक के लिए निरुद्ध किया जा सकता है।
रतलाम उप रेंज के डीआईजी मनोज कुमार सिंह ने एसीएन टाइम्स को बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा मादक पदार्थों की बिक्री में संलिप्त अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसी तारतम्य में उपरेंज के सभी जिलों में मादक पदार्थों की कार्रवाई में संलिप्त अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। इसी क्र में नीमच पुलिस द्वारा चार आरोपियों के विरुद्ध इंदौर की सेंट्रल जेल में निरुद्ध करने की कार्रवाई की गई है। निरुद्ध किए गए आरोपी मुमताज हुसैन पिता अब्दुल हमीद (41) निवासी इमामबाड़े के पास खारीकुआं (नीमच), हुसैन पिता नाहर खां मंसूरी (35) निवासी हर्कियाखाल (जीरन), रईस मोहम्मद पिता अल्लानूर पिंजारा (45) निवासी मोया (कुकड़ेश्वर) एवं गोपाल पिता बद्रीलाल (27) निवासी बांगरेड़खेड़ा (जावद) हैं।
आईपीएस सिंह ने बताया कि आरोपी बीते कई वर्षों से अवैध गतिविधियों में लिप्त थे। इनके द्वारा जिले में प्रतिबंधित मादक पदार्थों का भंडारण, विक्रय एवं वितरण किया जा रहा था। इन्हें चिन्हित कर कार्रवाई की गई जो अब तक की कठोरतम कार्रवाई है। चारों आरोपियों के विरुद्ध पिट एनडीपीएस (स्वापक औषधि और मन प्रभावी पदार्थ अवैध व्यपार निवारण अधिनियम-1988) के तहत तैयार किए गए प्रतिवेदन पर केंद्रीय जेल इंदौर में 6 माह के लिए निवारक निरुद्ध किया गया है।
क्या है पीआईटीएनडीपीएस एक्ट और सजा का प्रावधान
रतलाम उप रेंज के डीआईजी मनोज कुमार सिंह ने एसीएन टाइम्स को बताया नारकोटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस की तस्करी का धंधा करने वाले देश की जनता के स्वास्थ्य, कल्याण और देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है। पीआईटीएनडीपीएस एक्ट नशे के इस कारोबार की रोकथाम के लिए है। यह देश की जांच एजेंसियों के पास एक अतिरिक्त हथियार है। इसका मुख्य उद्देश्य मादक पदार्थों की संगठित तस्करी यानी ऑर्गनाइज्ड स्मगलिंग की रोकथाम करना और नशे के कारोबार के सरगनाओं के खिलाफ कार्रवाई करना है। डीआईजी सिंह के अनुसार इस कानून के तहत ऐसे पेशेवर आरोपी या अपराधी, जो ड्रग्स की तस्करी के अवैध धंधे में लिप्त हैं, उन्हें एक वर्ष के लिए प्रिवेंटिव डिटेंशन (हिरासत) में लिए जाने का प्रावधान है।