रुद्राक्ष से ऐसा प्रेम कि, सिर्फ 10 वर्ष की उम्र में जिष्णु दवे ने बना दिए 3 विश्व रिकॉर्ड, दुर्लभ रुद्राक्षों के संकलन के लिए मिले विश्वस्तरीय सम्मान
रतलाम का होनहार बालक जिष्णु दवे आध्यात्मिक चेतना और रुद्राक्ष के प्रति निष्ठा के चलते पूरे भारत के लिए प्रेरणा बन गया है। उसने तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । आध्यात्म के प्रति किसी रुचि जाग्रत हो जाए तो फिर उसकी ख्याति किसी भी तरह की सीमा में बंधकर नहीं रहती। ऐसे व्यक्ति की पहचान सात समंदर भी पार सर जाती है। रतलाम के जिष्णु दवे ऐसा ही नाम है जिसने मात्र 10 वर्ष की उम्र में विश्वस्तर के तीन रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं। जिष्णु को यह उपलब्ध हासिल हुई है दुर्लभ प्रकार के रुद्राक्षों के संकल के शौक के कारण।
बालक जिष्णु दवे की चर्चा आज रतलाम के हर खास-ओ-आम में हो रही है। आध्यात्म से जुड़े लोगों के लिए भी जिष्णु एक अचरज और जिज्ञासा की वज बन गया है। दुर्लभ प्रकार के रुद्राक्षों के संकलन और आध्यात्म में जिष्णु की रुचि तब से है जब वह मात्र 5 वर्ष का ही था। रुद्राक्ष क्या है, इसकी उपयोगिता और महत्व क्या है जैसे प्रश्नो के जवाब मिलने के बाद जिष्णु ने जहां भी रुद्राक्ष का वितरण या संग्रह होते देखा, वहां उनमें दुर्लभ प्रकार के रुद्राक्ष संकलित करना शुरू कर दिया। कुछ वर्षों में उनके संकलन में विभिन्न प्रकार के दुर्लभ रुद्राक्षों का ऐसा संकलन तैयार हो गया जिसके लिए एक साथ विश्व स्तर के तीन बड़े रिकॉर्ड उनके नाम हो गए।
कौन है जिष्णु और कौन से रिकॉर्ड हुए नाम
विनोबा नगर निवासी जिष्णु दवे रतलाम के एक निजी स्कूल के कक्षा 5वीं के छात्र हैं। वे तथा ज्योतिषाचार्य महर्षि पं. संजयशिवशंकर दवे का सुपुत्र हैं। जिष्णु के नाम जो विश्व रिकॉर्ड दर्ज हुए हैं उन्हें USA Book of World Records, London Book of World Records और World Records of UN, Asian Book of World Records द्वारा आधिकारिक रूप से प्रमाणित किया गया है।
क्या-क्या है उनके संकलन में
जिष्णु के संग्रह में जो दुर्लभ रुद्राक्ष हैं उनमें कई विशेष प्रकार के चिह्नों वाले हैं। इनमें ॐ, त्रिशूल, स्वस्तिक, सुदर्शन, नागेश्वर लिंगम जैसे पवित्र चिह्न वाले रुद्राक्ष शामिल हैं। दुनिया का सबसे बड़ा 6.6 सेमी आकार और 120 ग्राम वज़नी रुद्राक्ष उन्होंने वाराणसी से मंगवाया था। पूर्व में इसे लेकर कोई विश्व रिकॉर्ड नहीं था। ॐ वाले तो 25 रुद्राक्षों का संग्रह है जो अपने आप में ही एक दुर्लभ आद्यात्मिक संग्रह है।
इन्होंने दिया आशीष
इस उपलब्धि पर जिष्णु को अखण्ड ज्ञान आश्रम में एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसमें वेब वर्ल्ड रिकॉर्ड के जूरी मेंबर शैलेन्द्र सिंह सिसौदिया, कमलेश जोशी ने संतों के सान्निध्य में बालक को सम्मान-पत्र भेंट किया। इस अवसर पर शृंगेरी मठ के दंडी स्वामी आत्मानंद जी सरस्वती, अखंड ज्ञान आश्रम के महामंडलेश्वर देवस्वरूपानंद जी महाराज, स्वामी सुज़ानानंद जी महाराज, स्वामी प्रभुतानंद जी महाराज, स्वामी सास्वतानंद जी महाराज, स्वामी सुदामा मिश्रा, नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, भाजपा नेता मनोज शर्मा, श्रीश्रीमाली ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष नयन व्यास, सचिव कुलदीप त्रिवेदी, राजेन्द्र पुरोहित, राजेश पाण्डेय, पतंजलि के विशाल कुमार वर्मा, पं. संजय मिश्रा, सोमेश शर्मा, सौरभ शर्मा ने उपस्तिथ होकर जिष्णु दवे को आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं दीं।