कोर्ट का फैसला : कुर्की वारंट फाड़ने और उसे लाने वाले से अभद्रता करने वाले शमी कुरैशी को 6 माह की सजा, जुर्माना भी लगाया
रतलाम में एक व्यक्ति को न्यायालय द्वारा जारी कुर्की वारंट फाड़ना और उसे लाने वाले से साथ अभद्रता करना भारी पड़ गया है। न्यायालय ने अभियुक्त को कारावास की सजा सुनाई है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। उन्होंने न्यायालय से जारी कुर्की वारंट की तामिली कराने गए न्यायालय के आदेशिका वाहक से अभद्रता कर वारंट फाड़ने वाले एक अभियुक्ति को सजा सुनाई है। अभियुक्त पर जुर्माना भी किया गया है।
जिला न्यायालय रतलाम के चतुर्थ व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 के न्यायालय से 21 फरवरी, 2012 को सुभाषनगर हाट रोड रतलाम निवासी शमी कुरैशी के विरुद्ध कुर्की वारंट जारी किया था। न्यायालय का आदेशिका वाहक फरियादी अमरसिंह राठौर उक्त कुर्की वारंट तामीली हेतु दिनांक 23 मार्च 2012 की शाम करीब चार बजे अभियुक्त शमी कुरैशी के घर गया था। तब अभियुक्त ने उक्त वारंट फाड़कर वाहक के साथ गाली-गलौच कर धक्का-मुक्की भी की थी। इतना ही नहीं आपराधिक बल का प्रयोग भी किया था।
पुलिस जांच में पाया था दोषी
इस संबंध में फरियादी अमरसिंह राठौर ने औद्योगिक क्षेत्र थाने पर लिखित शिकायत की थी। इसके चलते पुलिस ने शमी कुरैशी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 135/12 अंतर्गत धारा 353 भादंवि का अपराध पंजीबद्ध किया था। विवेचना के दौरान पुलिस ने घटनास्थल का नक्शा मौका निर्मित कर साक्षीगण के कथन लेख कर कुर्की वारंट के फटे टुकड़े जब्त कर पंचनामा बनाया था। पुलिस ने मामले में कुरैशी को गिरफ्तार कर उसके विरुद्ध नुकसान करने के आशय से कुर्की वारंट फाड़ने पर भा.दं.सं. की धारा 477 का इजाफा किया।
यह सजा सुनाई न्यायालय ने
पुलिस ने आवश्यक अनुसंधान पूरा कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। मामले में सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव न्यायालय ने सुनवाई की। न्यायालय ने अभियुक्त कुरैशी पर अपराध सिद्ध होने पर सजा सुनाई दी। न्यायालय ने शासकीय कार्य में बाधा डालने के लिए आरोपी कुरैशी को धारा 353, 477 भादंवि में 06-06 माह की सजा व 1000-1000 रुपए के जुर्माने का आदेश पारित किया।