सांसद विधायक का घेराव करने वाले जयस नेताओं को नहीं मिली जमानत, न्यायालय ने खारिज कर दी याचिका, 29 नवंबर तक रहेंगे जेल में
रतलाम जिले में सांसद और विधायक का घेराव कर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने वाले जय नेताओं सहित सभी पांचों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज हो गई है। सभी 29 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम के ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के गांवों में निवेश क्षेत्र का विरोध कर रहे जयस नेताओं की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। सांसद और विधायक का घेराव, वाहनों में तोड़फोड़ और पथराव सहित अन्य आरोपों से घिरे नेताओं को गुरुवार को भी जमानत नहीं मिल सकी। न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। जयस के प्रदेश संरक्षक डॉ. अभय ओहरी के स्वास्थ्य को लेकर सोशल मीडिया पर दिनभर मैसेज चलते रहे। पुलिस विभाग ने इस खबर को गलत बताया है।
धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती के दिन (15 नवंबर को) सांसद गुमान सिंह डामोर और रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना के काफिले को रोकने वाले जयस के पदाधिकारी डॉ. अभय ओहरी, डॉ. आनन्द राय, अनिल निनामा, विलेश खराडी और गोपाल वाघेला की जमानत याचिक गुरुवार को न्यायालय ने खारिज कर दी। सभी पांच आरोपियों को 29 नवंबर तक की न्यायिक हिरासत पर जेल भेज दिया गया है। पांचों ने नेताओं की ओर से उनके अभिभाषक द्वारा जमानत याचिका दायर की गई थी।
इस आपत्ति के कारण गुरुवार को नियत हुई थी सुनवाई
शासकीय विशेष लोक अभियोजक नीरज सक्सेना द्वारा आपत्ति लिए जाने पर न्यायालय ने इस पर सुनवाई के लिए गुरुवार का दिन नियत किया था। सक्सेना द्वारा न्यायालय को बताया गया था कि एट्रोसिटी एक्ट के मामलों में जमानत आवेदन पर सुनवाई के पहले फरियादी को सूचना देना जरूरी है। इसके चलते ही न्यायालय द्वारा फरियादी संदीप चंदेल (कलेक्टर के गनमैन) को सूचना पत्र जारी किया गया था।
फरियादी उपचाररत होने से न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ
शासकीय विशेष लोक अभियोजक सक्सेना के अनुसार फरियादी संदीप चंदेल को सूचना दी गई थी लेकिन वे उपचाररत होने के कारण न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सके। पांचों आरोपियों को एससीएसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश डी. एस. चौहान ने गुरुवार को पांचों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। पांचों को 29 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश हुए हैं।
डॉ. ओहरी के सीने में दर्द की शिकायत
बुधवार को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद गुरुवार सुबह खबर आई कि जयस के प्रदेश संरक्षक डॉ. अभय ओहरी की तबीयत बिगड़ गई है। सोशल मीडिया पर इसकी खबर वायरल हुई। बताया गया कि डॉ. ओहरी को घबराहट होने और सीने में दर्द होने की शिकायत के बाद परीक्षण के लिए जिला अस्पताल में भिजवाया गया है। उन्होंने सीसीयू में भर्ती किया गया। हालांकि देर शाम पुलिस ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर जारी संदेशों को गलत बताया। पुलिस के अनुसार डॉ. ओहरी और डॉ. राय सहित सभी पांचों आरोपियों का न्यायिक हिरासत में जेल भेजने से पहले स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया था। दूसरे दिन गुरुवार को पुनः स्वास्थ्य परीक्षण हुआ। पुलिस के अनुसार डॉ. ओहरी का स्वास्थ्य बिगड़ने की जानकारी भ्रामक है।
इन धाराओं में दर्ज हैं प्रकरण
आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. राय तथा जयस संरक्षक डॉ. ओहरी सहित 19 नामजद और 50 अन्य के विरुद्ध शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने सहित करीब एक दर्जन धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं। इनमें आईपीसी की धारा 294, 341, 353, 332, 146, 147, 323, 506, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम 1989 ( संशोधन 2015) की धारा 3(1) द 3(1)(ध) एवं 3 (2) (वीए) शामिल हैं।