अतिक्रमण देख भड़के कलेक्टर ने सिटी इंजीनियर का हाथ पकड़ कर कहा, ये देखो, यह हटता क्यों नहीं?
रतलाम में जारी अतिक्रमण हटाने की मुहिम की कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने बीती रात माणक चौक व बाजार का निरीक्षण कर निर्देश देने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटने पर नाराजी जताई।
देर रात शहर की सड़कों पर उतरे कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने अतिक्रमण और बिजली पोल नहीं हटने पर नगर निगम बिजली कंपनी के अफसरों को फटकारा
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी बीती रात फिर सड़कों पर उतरे। शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने की मुहिम के तहत दिए निर्देश के बाद भी नहीं अतिक्रमण और बिजली पोल यथास्थान देख कर वे भड़क गए। उन्होंने नगर निगम और बिजली कंपनी के अफसरों को फटकार लगाई। भुट्टा बाजार की गली में दुकानों के आगे पेढ़ी बनी दिखी तो सिटी इंजीनियर जी. के. जायसवाल का हाथ पकड़कर अतिक्रमण दिखाने ले गए। बोल- ये देखो, आखिर यह हटता क्यों नहीं ?
शुक्रवार देर रात जैसे ही खबर आई की कलेक्टर सूर्यवंशी शहर के माणक चौक इलाके के निरीक्षण पर निकलने वाले हैं, वैसे ही लोग अलर्ट हो गए। कुछ ही पल में वे एसपी अभिषेक तिवारी और नगर निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट तथा पुलिस व निगम अमले को लेकर रात करीब 10 बजे शहर के प्रमुख बाजार जा पहुंचे। कलेक्टर ने रंगरेज रोड से पैदल चलना शुरू किया और करीब डेढ़ घंटे तक अतिक्रमण देख हैरानी जताई और उन्हें तोड़ने के निर्देश देते रहे। इस बीच कुछ जगह निर्देश के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटने, स्थिति ज्यादा बदतर होने पर उन्होंने नगर निगम के अमले को आड़े हाथ लिया।
खासकर भुट्टाबाजार और पुस्तक बाजार के पीछे की गली में दुकानों के आगे बन गए चबूतरों को देख कर कलेक्टर को ज्यादा आश्चर्य हुआ जिसके कारण वहां पैदल चलने तक की जगह नहीं बची है। वे सिटी इंजीनियर जी. के. जायसवाल को उनका हाथ पकड़ कर अतिक्रमण दिखाने ले गए और नहीं हटाने की वजह पूछने लगे। भुट्टाबाजार में ही कॉर्नर पर स्थित प्याऊ की आड़ में हो रहे अतिक्रमण देखकर भी नाराजी जताई। कलेक्टर ने कहा इसे हटाने का पहले ही बोल चुके हैं, अब तक क्यों नहीं हटी ? क्षेत्रवासियों ने कहा कि इसका उपयोग प्याऊ के रूप में कम, गोदाम के रूप में ज्यादा होता है।
सब्जी मंडी में मल्टी स्टोरी व पार्किंग बनाएं
माणकचौक सब्जी मंडी पहुंचे कलेक्टर ने यहां की दुकानें देखी। उन्होंने निगम अमले से यह भी पूछा कि यहां दुकानें लीज पर हैं या किराए पर। सिटी इंजीनियर ने दुकानें किराये पर होने की जानकारी दी। कलेक्टर ने कहा कि इस जगह पर मल्टीस्टोरी बनाकर नीचे पार्किंग की व्यवस्था करो। इससे यातायात और पार्किंग की समस्या का आसानी से निदान हो जाएगा।
नोटिस दो, नहीं समझें तो तोड़ दो
न्यू क्लॉथ मार्केट में अतिक्रमण तो ऐसे बढ़ रहा है जैसे शहर लावारिस हो। यहां दुकानों के आगे कई-कई फीट तक का अतिक्रमण देखकर कलेक्टर ने निगम अमले पर सवाल दागा- यह क्या है? सवाल सुनते अमला बगलें झांकने लगा। कलेक्टर ने दो-टूक कहा- इन्हें समझाओ, नहीं मानें तो नोटिस दों और सडक़ चौड़ीकरण में शामिल कर सभी अतिक्रमण तोड़ दो।
पहले से पोल मौजूद था, एक बाधा और खड़ी कर दी
बिजली के पोल हों या कुछ और, जहां मर्जी हो वहां तान दो। रतलाम शहर में ऐसा ज्यादा ही होता है। गणेस देवरी इसकी बानगी है। यहां हाईमास्ट का एक बड़ा पोल पहले से ही लगा है। कुछ समय पूर्व यहां विज्ञापन के लिए भी बड़ा सा पोल लगा दिया गया। इस पर आश्चर्य जताते हुए कलेक्टर सूर्यवंशी ने कहा -पहले ही एक बाधा यहां थी, दूसरी एक और बाधा खड़ी कर दी।
न बिजली पोल हटे न ही गुमटियां
अतिक्रमण के मामले में त्रिपोलिया गेट क्षेत्र का भी जवाब नहीं। कहते हैं कि यहां अतिक्रमण हटाने से अफसरों को डर लगता है। शायद यही वजह है कि यहां कलेक्टर ने पूर्व में निरीक्षण के दौरान बिजली के जिन पोल को हटाने के लिए कहा था वे अभी तक नहीं हटे। नए-पुराने नालों पर गुमटियां भी यथावत हैं। शुक्रवार रात को यह देख कलेक्टर अपने गुस्सा रोक नहीं पाए। उन्होंने बिजली कंपनी के अधिकारियों को फटकार लगा दी। गुमटियां नहीं हटने पर निगम अमले को भी आड़े हाथ लिया।
चौमुखीपुल से अतिक्रमण नहीं हटने का मुद्दा भी उठा
जब भी अतिक्रमण मुहिम चलती है तो चौमुखीपुल पर पहुंच कर रुक जाती है। ऐसा कई दशक से हो रह है। लोगों का कहना है कि यहां एक होटल विशेष नाले की जमीन पर बना है। शुक्रवार रात को निरीक्षण के दौरान कलेक्टर के समक्ष एक व्यापारी ने यही मुद्दा उठाया। इस पर कलेक्टर ने कहा- अगर यह अतिक्रमण में होगा तो से भी कार्रवाई में शामिल करेंगे। पूरे 10-15 दिन इसी काम में लगाएंगे, आप चिंता नहीं करें। रतलाम के लोग समझदार हैं और सहयोग कर रहे हैं।
शहर छोटा लेकिन काम करने की अपार संभावना है
कलेक्टर सूर्यवंशी ने नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि इस शहर के लोग काफी अच्छे हैं। आम जनता को सुविधाएं मिलनी चाहिए। यह शहर भले ही छोटा है लेकिन यहां काम करने की अपार संभावना है। हमारा पूरा प्रयास है कि जनता को सुविधा मिले।