रिश्वतखोर पटवारी को चार साल की कैद की सजा, 8 साल पुराने मामले में विशेष न्यायालय ने सुनाई सजा, भेज दिया जेल

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत विशेष न्यायालय ने एक रिश्वतखोर पटवारी को चार साल कैद की सजा सुनाई है। अभियुक्त पटवारी ने आठ साल पहले एक मामले में रिश्वत ली थी।

रिश्वतखोर पटवारी को चार साल की कैद की सजा, 8 साल पुराने मामले में विशेष न्यायालय ने सुनाई सजा, भेज दिया जेल

जमीन की पावती बनाने के लिए ली थी 30 हजार रुपए की रिश्वत, लोकायुक्त की टीम ने पटवारी की टेबल की दराज से बरामद किए थे रिश्वत के रुपए

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम की रिश्वतखोर पटवारी अलका सक्सेना को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत विशेष न्यायालय ने बुधवार को चार साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है। पटवारी ने भूमि बंटवारे की पावती बनाने के लिए 30 हजार रुपए की रिश्वत ली थी। आठ साल पुराने मामले में विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार गुप्ता ने दोषी पटवारी को जेल भेजने के आदेश दिए। 2 हजार रुपए का अर्थदंड भी किया।

अभियोजन के अनुसार मामला 2014 का है। 22 फरवरी 2014 को फरियादी मोहनलाल पाटीदार पिता किशनलाल पाटीदार निवासी हतनारा ने लोकायुक्त एसपी उज्जैन जाकर शिकायत की थी। इसमें बताया था कि हतनारा गांव में पिता किशनलाल के नाम पर 30 बीघा जमीन है। इसका बंटवारा उसके और उसके भाइयों शंकरलाल तथा छोगालाल में हुआ है। तहसील कार्यालय से जमीन का नामांतरण भी हो चुकी है। शिकायकर्ता के अनुसार उसने पावती बनवाने के लिए हल्का नंबर 36 की पटवारी अलका सक्सेना पति रवि भटनागर से बात की थी। पटवारी अलका सक्सेना ने इसके लिए 30 हजार रुपए मांगे हैं।

लोकायुक्त एसपी ने तत्कालीन निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने मोहनलाल को डिजिटल वाइस रिकॉर्डर देकर पटवारी पुनः बात करने क लिए कहा। चर्चा के दौरान पटवारी ने पुनः रिश्वत की मांग की। यह बात शिकायतकर्ता ने रिकॉर्ड कर ली। रिश्वत मांगने की पुष्टि होते ही लोकायुक्त टीम ने 25 फरवरी 2014 को मोर्चा संभाल लिया। तभी मोहनलाल ने पटवारी अलका के महालक्ष्मीनगर (कालिका माता मंदिर के पास) स्थित निजी कार्यालय जाकर 30 हजार रुपए पटवारी सक्सेना को देने के बाद लोकायुक्त टीम को इशारा किया। अगले ही पल टीम ने पटवारी को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।

टेबल की दराज से बरामद हुए थे रिश्वत के रुपए

पटवारी अलका सक्सेना ने मोहनलाल से रिश्वत के रुपये लेकर अपनी टेबल के दराज में रखे थे।  लिए थे। लोकायुक्त टीम ने चैक किए तो केमिकल लगे रुपए दराज में मिल गए। रुपए जब्त करने के बाद टीम ने अलका सक्सेना के हाथ सोडियम कार्बोनेट के के घोल से धुलवाए तो घोल और हाथ गुलाबी हो गए। लोकायुक्त ने 20 जनवरी 2017 को विशेष न्यायालय में चालान पेश किया जहां बुधवार को विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार गुप्ता ने फैसला सुनाया। शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सीमा शर्मा ने की।