श्री जिनचंद्र सागर सूरीश्वर जी व हेमंचद्र सागर सूरीश्वर जी जुड़वां बहनों पलक व तनिष्का एवं बालक ईशान कोठारी को 26 मई को अंगीकार करवाएंगे संयम जीवन

रतलाम में 26 मई को तीन जैन दीक्षाएं होंगी। इनमें चाणोदिया परिवार की दो जुड़वां बहनें और कोठारी परिवार का एक बालक शामिल हैं। दीक्षा आचार्य श्री जिनचन्द्र सागर सूरीश्वर जी और श्री हेमचन्द्र सागर सूरीश्वरजी की निश्रा में होंगे।

श्री जिनचंद्र सागर सूरीश्वर जी व हेमंचद्र सागर सूरीश्वर जी जुड़वां बहनों पलक व तनिष्का एवं बालक ईशान कोठारी को 26 मई को अंगीकार करवाएंगे संयम जीवन
Shri Jinchandra Sagar Surishwar ji and Shri Hemchandra Sagar Surishwar ji

22 मई को वरघोड़े के रूप में होगा श्री चिंदचंद्र सागर सूरीश्वर जी और हेमंचद्र सागर सूरीश्वर जी मंगल प्रवेश 

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । धर्म नगरी रतलाम में लगातार धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। इसी क्रम में अयोध्यापुरम सुमेरु नवकार तीर्थ के प्रेरक आचार्य श्री जिनचन्द्र सागर सूरीश्वर जी और श्री हेमचन्द्र सागर सूरीश्वरजी महाराजा की पावन निश्रा में दिनाँक 26 मई दीक्षा महोत्सव आयोजित होगा। इस धार्मिक आयोजन में चाणोदिया परिवार की 2 जुड़वां बेटियाँ मुमुक्षु पलक एंव मुमुक्षु तनिष्का चानोदिया एंव बाल मुमुक्षु ईशान कोठारी संयम जीवन अंगीकार करेंगे।

जुड़वा बहन पलक एंव तनिष्का के माता-पिता सन्तोष एवं शोभा चाणोदिया हैं जबकि बाल मुमुक्षु ईशान कोठारी के माता-पिता विशाल एंव पायल कोठारी है। चाणोदिया एवं कोठारी दंपती ने बताया दीक्षा कार्यक्रम 22 मई से प्रारम्भ हो जाएगा। 22 मई को संयमदाता गुरुदेव का मंगल प्रवेश वरघोड़े के रूप में सुबह 8.30 बजे शांति निकेतन स्कूल से करमचंद उपाश्रय की ओर होगा। 24 मई को दोपहर 3 बजे ‘संयम रंग में रंग दे चुनरिया…’, शाम 4 बजे रक्षा बंधन का आयोजन तथा 25 मई को सुबह 8.30 बजे शास्त्री नगर कॉर्नर से भव्य वर्षीदान वरघोड़ा निकलेगा। इसी दिन रात 8.00 बजे संसार पथ से वीर पथ की ओर (विदाई समारोह) जेएमडी परिसर में होगी। 26 मई को सुबह 6.00 बजे वीरपथ पर विजय का प्रस्थान दीक्षा विधान प्रारम्भ होगा।

प्रवक्ता ने बताया सन्तोष एवं शोभा चाणोदिया की एक बड़ी बेटी व भतीजा भी 5 वर्ष पूर्व संयम जीवन अंगीकार कर चुके हैं। अभी तक उनकी भाँजी और बुआ सहित परिवार में लगभग 14 लोगों की भगवती दीक्षा हो चुकी है। परिजन ने नगर की धर्मप्रेमी जनता से उपरोक्त दीक्षा कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में सपरिवार पधारकर दीक्षार्थी की अनुमोदना एंव प्रभु भक्ति का लाभ लेने का अनुरोध किया है।