केंद्र से लेकर नगर तक जिस भाजपा की सरकार उसके पार्षद ही 48 दिन से स्ट्रीट लाइट चालू करवाने के लिए हो रहे परेशान, सोशल मीडिया पर बताई व्यथा

रतलाम में भाजपा की नगर सरकार है लेकिन उसके पार्षद ही अपने वार्डों में स्ट्रीट लाइट तक चालू नहीं करवा पा रहे हैं। नगर निगम के जिम्मेदारों की इस अनदेखी से त्रस्त एक पार्षद ने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा व्यक्त की है।

केंद्र से लेकर नगर तक जिस भाजपा की सरकार उसके पार्षद ही 48 दिन से स्ट्रीट लाइट चालू करवाने के लिए हो रहे परेशान, सोशल मीडिया पर बताई व्यथा
रतलाम शहर की सड़कों पर यह अंधेरा ऐसे ही कायम रहेगा, क्योंकि यहां के सिस्टम में ही करंट नहीं है तो स्ट्रीट लाइट में कहां से आएगा। इसलिए इस तस्वीर में हमें कुछ नजर नहीं आया और आप भी प्रयास मत कीजिए क्योंकि आपको भी कुछ नजर नहीं आएगा।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । नगर निगम के चुनाव नहीं होने और कोरोना काल नगर निगम की व्यवस्थाओं को अकर्मण्यता की ऐसा जंग लगी कि नगर सरकार के अस्तित्व में आने के बाद भी साफ नहीं हो पा रही है। आलम यह है कि जिस पार्टी की केंद्र से लेकर वार्ड तक सरकार है, उसी के पार्षदों के कहे काम नहीं हो पा रहे हैं। 48 दिन में भी स्ट्रीट टाइट चालू नहीं करा सके एक पार्षद ने अपनी पीड़ा सोशल मीडिया पर बताई है।

केंद्र में भाजपा, राज्य में भाजपा, जिला पंचायत और नगर निगम में भी भाजपा की ही सरकार है। बावजूद भाजपा के पार्षदों की सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसा ही एक उदाहरण सामने आया है। वार्ड क्रमांक  45 से भाजपा के पार्षद धर्मेंद्र रांका ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की है। उन्होंने इसमें बताया है कि वे 3 अगस्त से अपने क्षेत्र की बंद स्ट्रीट लाइट चालू करवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं लेकिन आज तक चालू नहीं हो पाई है। रांका ने लिखा है कि जब एक जनप्रतिनिधि का यह हाल है तो आम जनता का क्या होता होगा ?

44 दिन में 16 में से सिर्फ 1 स्ट्रीट लाइट हो सकी चालू

एसीएन टाइम्स ने पार्षद रांका से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने बताया कि उनके वार्ड (वार्ड क्रमांक 45) के धनजीभाई का नोहरा की 4, ईदगाह रोड की 3, गोशाला रोड के बगीचे की 5, गोशाला मेन रोड की 2 तथा कलईगर रोड की 2 स्ट्रीट लाइट बंद हैं। इन्हें चालू करवाने करवाने के लिए 3 अगस्त को नगर निगम की प्रकाश शाखा और संबंधित अमले को बताया था। इसके बाद कई बार संबंधितों से चर्चा की लेकिन कुछ नहीं हुआ।

पार्षद रांका ने बताया किसी ने बिजली शाखा के सौरभ नामक व्यक्ति का नंबर दिया। उनसे बुधवार सुबह 11.30 बजे बात हुई तो उन्होंने किसी से कॉन्फ्रेंस कॉल पर बात कराई। बताया गया कि एक घंटे में काम हो जाएगा। शाम तक भी जब कुछ  नहीं हुआ तो पुनः कॉल किया  लेकिन सौरभ के नंबर पर कॉल वेटिंग पर आया। अभी रात के 10.35 बजे तक भी न लाइट चालू हुई और न ही किसी की कॉल ही आई। रांका के अनुसार उनके द्वारा समस्या बताने के करीब 48 दिन बाद भी स्ट्रीट लाइट चालू नहीं हो सकी हैं, सिर्फ धनजीभाई का नोहरा में एक लाइट चालू हुई।

वार्ड क्रमांक 8 के पार्षद भी नहीं चालू करा पा रहे अपने वार्ड की स्ट्रीट लाइट

पार्षदों के कहे का कितना असर नगर निगम के कारिंदों पर होता है, यह इकलौता मामला नहीं है। वार्ड क्रमांक 8 के भाजपा पार्षद पप्पू पुरोहित की भी कमोबेश यही स्थिति है। उन्हें वार्ड की गंगासागर कॉलोनी की बंद स्ट्रीट लाइट चालू करवाने के लिए वहां के रहवासी द्वारा अनुरोध किया गया था। उन्होंने संबंधित को दो नंबर साझा किए जिनमें से एक एलईडी लाइट का मेंटेनेंस करने वालों से संबंधित है तो दूसरा कॉलोनी में पूर्व से लगी सीएफएल व ट्यूबलाइट आदि का मेंटेनेंस करने वालों से संबंधित। गंगासागर कॉलोनी के रहवासी ने जब एलईडी लाइट का मेंटेनेंस करने वाले कर्मचारी से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि उक्त कॉलोनी में लगी लाइट उनके कार्यक्षेत्र में नहीं आती हैं। इसके बाद जब दूसरे कर्मचारी को कॉल किया गया तो वे भी चार दिन बाद पहुंचे और बंद एक दर्जन से ज्यादा स्ट्रीट लाइट में से सिर्फ एक ही चालू कर पाए। दूबारा संपर्क करने पर उन्होंने अगले दिन आने का कहा लेकिन उस बात को भी चार दिन बीत चुके हैं।

...अब सभी को है किसी बड़े हादसे का इंतजार

गंगासागर कॉलोनी के रहवासियों के अनुसार क्षेत्र में कुत्ते घातक हैं, आए दिन चोरियां भी हो रही हैं। कुछ इलाकों में सड़क भी खराब है। सड़कों के आसपास बड़ी-बड़ी गाजर घांस भी उग गई है जिससे वहां जहरीले जानवर छिपे होने का अंदेशा है। ऐसे में कभी भी किसी के साथ रात के अंधेरे में कोई बड़ा हादसा हो सकता है। एक ही काम के लिए कई-कई बार पार्षद और प्रकाश शाखा से संबंधित कर्मचारी से निवेदन के बाद भी जब कुछ नहीं हुआ तो लोगों ने उनसे कहना ही छोड़ दिया है और अब वे भी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं।

एक और भाजपा पार्षद के वार्ड की बानगी भी देखिए

वार्ड क्रमांक 7 में भी झांक लेते हैं। यहां से भी भाजपा की ही पार्षद हैं। ये पार्षद हैं देवश्री पुरोहित। इनके वार्ड में अलकापुरी मुख्य मार्ग पर स्थित बिजली के दो खंभे करीब 42 दिन पूर्व 10 अगस्त को पेड़ गिरने के कारण गिर गए थे। तब क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा इसके फोटो जिम्मेदारों तक भेजे गए थे। ये दोनों पोल तो लग चुके हैं लेकिन इनमें विद्युत संयोजन नहीं हो सका है। नतीजतन स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगी और इलाके में अंधेरा पसरा रहता है। यहां केबल डाल कर अस्थायी व्यवस्था की गई थी जो कि अब तक उसी हाल में है।

बता दें कि- वार्ड क्रमांक की पार्षद देवश्री के पति मयूर पुरोहित भाजपा के एक मंडल के अध्यक्ष हैं। यानी उनके अधीन उनकी पत्नी के वार्ड के अलावा अन्य भी कई वार्ड आते हैं। अब सवाल यह उठता है कि जिस वार्ड में दो-दो प्रभावी लोग वह भी एक ही घर के हों और फिर भी वहां 42 दिन बाद भी विद्युत संयोजन जैसा काम न हो सके तो बड़े काम कब और कैसे होंगे।