स्मृति शेष : रतलाम और सुरभि संस्था मेरे लिए बहुत लक्की रहे - राजू श्रीवास्तव

हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव बुधवार को हमें अलविदा कह कर दूसरी दुनिया में चले गए। उनकी रतलाम से जुड़ी यादें हमेशा याद आएंगी। वे कहते थे- रतलाम आना उनके लिए लक्की साबित हुआ।

स्मृति शेष : रतलाम और सुरभि संस्था मेरे लिए बहुत लक्की रहे - राजू श्रीवास्तव
हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव के साथ सुरभि संस्था के संस्थापक प्रदीप सी. उपाध्याय व राजेंद्र चतुर्वेदी।

हास्य कला को नए रूप व प्रतिष्ठापूर्ण स्थान पर स्थापित करने के लिए राजू श्रीवास्तव को सदा याद किया जाएगा

राजेंद्र चतुर्वेदी

राजू श्रीवास्तव का नाम आते ही दिल खोलकर हंसने को जी चाहता है। छोटे छोटे उनके ऑब्जरवेशन बड़ी और अट्टाहस वाली हंसी की वजह बन जाते हैं। 42 दिन पहले तक हममें से किसी ने सोचा भी नहीं था कि हंसी बांटने वाले राजू श्रीवास्तव इस तरह हमें छोड़कर किसी और दुनिया में चले जाएंगे। वे बेशक आज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन हम रतलामवासियों और सुरभि परिवार के सदस्यों को सदैव याद आएंगे, क्योंकि उनका हम सबसे बहुत ही नजदीक का नाता था। आप रतलाम सर्वप्रथम सुरभि संस्था के एक वृहद कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। राजू श्रीवास्तव ने सुरभि के इस कार्यक्रम में लगभग 1 घंटे तक प्रस्तुति दी थी और उपस्थित दर्शकों को हंसा-हंसा कर लोटपोट कर दिया था।

आप हमारे मित्र कमलेश राठौर के खास मित्रों में से एक रहे हैं जिन्हें श्रीवास्तव को सर्वप्रथम रतलाम लाने क़ा श्रेय जाता है। सुरभि संस्था के संस्थापक और सचिव प्रदीप उपाध्याय (अब इस दुनिया में नहीं) के कार्यकाल में उक्त कार्यक्रम आयोजित हुआ था। इसमें सुप्रसिद्ध गीतकार समीर भी सपरिवार पधारे थे। मेरे छोटे भाई शरद चतुर्वेदी ने गीतकार समीर जी को सपरिवार सैलाना के कैक्टस गार्डन आदि दर्शनीय स्थल का भ्रमण कराया।

मुलाकात तो हुई लेकिन इंटरव्यू नहीं हो सका

इसी दौरान भाई शरद के पास दैनिक भास्कर के पत्रकार नीरज शुक्ला (अब एसीएन टाइम्स के एडिटर) का फोन आया। उन्होंने शरद से गीतकार समीर जी एवं राजू श्रीवास्तव जी के इंटरव्यू के लिए आग्रह किया। शरद भाई गीतकार समीर जी के साथ ही थे। उन्होंने समीर जी की अनुमति से तुरंत ही नीरज शुक्ला जी को उनके इंटरव्यू के लिए बुला लिया। गीतकार समीर जी का इंटरव्यू तो नीरज शुक्ला जी ने ले लिया किंतु राजू श्रीवास्तव जी की ट्रेन का समय होने से उनसे सिर्फ मुलाकात ही हो सकी, उनका इंटरव्यू संभव नहीं हो सका।

...मेरी टोपी उतारकर खुद पहनी तो लग गए ठहाके

राजू जी की तात्कालिक कॉमेडी में भी महारथ थी। आयोजन के दौरान जब मैंने पुष्पहार से आपका स्वागत करते हुए आग्रह किया कि कुछ ऐसी कॉमेडी करें कि सब हंसने को विवश हो जाएं। राजू भाई ने बिना कोई समय गंवाए मेरे सिर से टोपी उतारकर स्वयं पहन ली और जोरदार ठहाका भी लगाया। यह नजारा देखकर कार्यक्रम में मौजूद हर व्यक्ति की हंसी फूट पड़ी। दरअसल, परिवार में गमी के कारण उस समय मेरे सिर पर बाल नहीं थे, जिसके चलते मैंने टोपी पहन रखी थी। राजू भाई सुरभि संस्था के सभी सदस्यों से बहुत आत्मीयता और प्रेम से मिले और बाद में भी सतत संपर्क में रहे। मुझे नए वर्ष पर राजू भाई ने अपनी कॉमेडी के चित्रों के संग्रह वाला एक कैलेंडर भी भेजा था।

राजू हमें फिर हंसाएंगे लेकिन ऐसा हो जाएगा, यह सोचा नहीं था

जब भी दूरभाष पर बात होती तो सुरभि संस्था के स्व. प्रदीप उपाध्याय, मेरे (राजेंद्र चतुर्वेदी), छोटे भाई शरद चतुर्वेदी तथा अजय चौहान के बारे में राजू भाई अवश्य चर्चा करते। राजू के छोटे भाई दीपू श्रीवास्तव भी एक हास्य कलाकार हैं और मुंबई में रहते हैं। उनमें और छोटे भाई शरद में काफी मित्रता है। दीपू भाई राजू श्रीवास्तव की कॉमेडी के वीडियो शरद को प्रायः भेजते ही रहते हैं। भाई शरद को उनसे ही राजू जी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त होती रहती थी। कुछ दिन पूर्व ही दीपू भाई ने एक वीडियो भेजकर बताया था कि राजू भाई धीरे-धीरे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं तथा अतिशीघ्र पूरी तरह ठीक होकर हम सबके बीच होंगे। वे हम सभी को अपनी हास्य फुलझड़ियां से गुदगुदाएंगे, लेकिन... जो नहीं सोचा था वह हो गया। बुधवार सुबह जो समाचार मिला उसने हम सबको स्तब्ध कर दिया। राजू भाई, हम आपको कभी भूल नहीं पाएंगे।

रतलाम से मुंबई लौटते ही मिला था द ग्रेट डियन लाफ्टर चैलेंज शो

मुझे याद है, सुरभि का कार्यक्रम करने के बाद राजू भाई ने रतलाम से मुम्बई लौटने के अगले ही दिन फोन किया। उन्होंने बहुत खुश होते हुए बताया था कि- सुरभि संस्था और रतलाम मेरे लिए बहुत लक्की साबित हुए हैं। उन्होंने बताया कि उक्त कार्यक्रम के बाद मुंबई लौटते ही मुझे मेरे ड्राइंग रूम में द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज शो का लेटर रखा मिला। इस कार्यक्रम से ही राजू श्रीवास्तव ने नई उचाइयों को छुआ और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मैं, अपनी और सुरभि संस्था के सभी पदाधिकारियों, साथियों व रतलाम कलामंच की ओर से आपको हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे आपको अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें। ईश्वर श्रीवास्तव परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे। ओम् शांति, शांति, शांति। ओम्।

राजेंद्र चतुर्वेदी

मोबाइल नंबर – 9827656766