दीक्षारंभ समारोह : पर्यावरण के लिए प्रत्येक विद्यार्थी अपनी मां के नाम पर लगाए एक पौधा और उसकी रक्षा करे- प्रदीप उपाध्याय
रतलाम के प्रधानमंत्रि कॉसेज ऑफ एक्सीलेंस में आयोजित दीक्षारंभ समारोह के तीसरे दिन विद्यार्थियों से पर्यावरण बचाने का आह्वान किया गया। विद्यार्थियों से अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाने के लिए कहा।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । वर्तमान समय में पर्यावरण संतुलन एक बड़ी समस्या बनी हुई है। इसके प्रति सरकार भी चिंतित है। महाविद्यालय का हर विद्यार्थी अपनी मां के नाम एक पौधा अवश्य लगाए और उसकी रक्षा करे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी इसके लिए सभी लोगों को प्रेरित किया है
यह बात जिला योजना समिति सदस्य प्रदीप उपाध्याय ने कही। वे प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने महाविद्यालय के नव प्रवेशित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग ज्ञान प्राप्त करने के लिए करें। विद्यार्थी आधुनिक तकनीक से तो जुड़ें पर अपनी संस्कृति और सभ्यता को न छोड़ें।
पढ़ाई के साथ शारीरिक श्रम भी जरूरी है
उपाध्याय ने नए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मैं जिस महाविद्यालय से पढ़ा हूं, आज उसी महाविद्यालय में अतिथि के रूप में आया हूं। आप सबको भी यह अवसर प्राप्त हो सकता है। उपाध्याय ने कहा कि पढ़ाई जितनी जरूरी है शारीरिक श्रम भी उतना ही जरूरी है, इसलिए विद्यार्थी खेल गतिविधियों से भी जुड़ें। उन्होंने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि हमने खेल और शिक्षा दोनों को बराबर महत्व दिया है। आप अपने गुरुजन का सम्मान जरूर करें।
बीएड और कृषि विज्ञान जैसे पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रयास- विनोद करमचंदानी
इस अवसर पर महाविद्यालय में विकसित किए जा रहे विद्यावन में विद्यार्थियों के साथ अतिथियों ने भी पौधारोपण किया। विशिष्ट अतिथि जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष विनोद करमचंदानी ने कहा कि हमारा मकसद है कि विद्यार्थियों को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिले और इसके लिए जन भागीदारी समिति निरंतर प्रयास करती रहती है। महाविद्यालय में बी. एड. और कृषि विज्ञान जैसे पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की भी योजना है। करमचंदानी ने कहा कि प्रदेश में महाविद्यालय और उसके विद्यार्थियों की अलग पहचान बने, इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई मंत्री चेतन्य काश्यप के मार्गदर्शन में जो डाटा साइंस विभाग एवं लैब महाविद्यालय में स्थापित की गई है उसमें भी विद्यार्थियों का रुझान बढ़ रहा है।
अभिभावक विद्यार्थियों को कॉलेज आने के लिए प्रेरित करें- डॉ. वाय. के. मिश्रा
अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वाय. के. मिश्र ने कहा कि विद्यार्थियों को नए पाठ्यक्रमों से जोड़कर अधिक-अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध करा सकें, यही हमारा उद्देश्य है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित अभिभावकों से भी अपेक्षा की कि वे अपने बच्चों को कॉलेज आने के लिए प्रेरित करें। डॉ. मिश्र ने तीन दिवसीय दीक्षारंभ समारोह में भाग लेने वाले सभी अभिभावकों और विद्यार्थियों के प्रति आभार भी व्यक्त किया और अपेक्षा की कि पूरे सत्र में विद्यार्थियों का उत्साह इसी प्रकार बना रहे।
इन गतिविधियों का भी हुआ आयोजन
दीक्षारंभ के तीसरे दिन महाविद्यालय के नव प्रवेशित विद्यार्थियों को डॉ. स्वाति पाठक, डॉ. सुशीला आर्य, डॉ. विनोद शर्मा, प्रो. कनुश्री राणावत, डॉ. विजय सोनिया, डॉ. एस. एस. मौर्य, डॉ. आर. एस. जामोद, डॉ. रूपेंद्र फर्सवाण ने संवेदीकरण, जागरूकता, साइबर सिक्योरिटी, स्वास्थ्य, सुरक्षा और बचाव की जानकारी दी। महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए गठित विभिन्न छात्र क्लबों, सामुदायिक सेवा, समूह गतिविधियों एवं फिटनेस गतिविधियों के साथ खेल एवं मनोरंजन गतिविधियां भी आयोजित की गईं।
विद्यार्थियों को वितरित किए प्रमाम-पत्र
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रांत कार्यकारिणी के सदस्य विवेक पालीवाल ने भी महाविद्यालय में प्रवेश लेने वाले नए विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आप सभी भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुरूप अपने भविष्य को संवारें। इस अवसर पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों तालिबा खान, रानू बैरागी, महक दसोंदी ने देशभक्ति गीत और नृत्य प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों द्वारा दीक्षारंभ कार्यक्रम में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए।
इन्होंने किया अतिथियों का स्वागत
अतिथियों का स्वागत दीक्षारंभ समारोह के आयोजक डॉ. सी. एल. शर्मा, डॉ. विनोद शर्मा के साथ डॉ. कविता ठाकुर, डॉ. एस. एस. मौर्य, डॉ. अर्चना भट्ट, डॉ. रियाज मंसूरी, डॉ. एम. एल. बड़गोतिया, डॉ. ललिता मरमट, ऋषि चौहान, हिम्मत सिंह जाधव ने किया। संचालन डॉ. स्वाति पाठक ने किया। आभार डॉ. रियाज मंसूरी ने माना। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों विशेषकर डॉ. सी. एल. शर्मा एवं डॉ. रियाज मंसूरी की भूमिका उल्लेखनीय रही है।