पूर्व सीएम कमल नाथ ने माना 'गांवों में कांग्रेस का संगठन जरूरी, इसके बिना BJP से मुकाबला नहीं कर सकते, उन्हें प्रशांत किशोर की जरूरत नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने रतलाम में निकाली जन आक्रोश रैली। भाजपा तथा प्रदेश व केंद्र सरकार पर साधा निशाना। घर-घर चलो अभियान 30 जून तक बढ़ाने की दी जानकारी। बिना नोटिस मकानों-दुकानों पर बुलडोजर चलाने को बताया गलत।
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने रतलाम में मीडिया से चर्चा में कहा
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने यह स्वीकार किया है कि हर गांव में कांग्रेस का संगठन होना जरूरी है। इसके बिना भाजपा से मुकाबला करना मुश्किल है। इसलिए हर गांव में संगठन खड़ा करने का प्रयास जारी है। उनका दावा है कि ‘घर-घर चलो अभियान’ काफी सफल रहा है। हालांकि कुछ जगह कमजोर भी है। इसलिए इसे 30 जून तक बढ़ाया गया है। कांग्रेस के 'नाथ' को प्रदेश में प्रशांत किशोर की भी जरूरत नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ यहां एक मैरिज गार्डन में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। वे महंगाई के विरोध में आयोजित जन आक्रोश रैली में शामिल होने आए थे। इस दौरान उनके साथ विधायक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, कांग्रेज जिला अध्यक्ष हर्ष विजय गेहलोत एवं सुजीत उपाध्याय भी मौजूद थे। 2023 के चुनाव व प्रशांत किशोर के कांग्रेस में आने को लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि- प्रशांत किशोर का कुछ तय नहीं। दिल्ली में ही चर्चा चल है। अगर वे कांग्रेस से जुड़े भी तो वे सिर्फ मप्र के लिए थोड़े न जुड़ेंगे, वे हर प्रदेश के लिए जुड़ेंगे हम किसी पर डिपेंड नहीं हैं। पहले स्थानीय राजनीति नहीं होती थी किंतु अब स्थानीय राजनीति ज्यादा होती है।
मप्र में रतलाम की सबसे अलग पहचान
कि मध्यप्रदेश का नाम लेते हैं तो रतलाम का नाम पहले आता है। रतलाम स्टेशन से कई यादें जुड़ी हुई हैं। मुझे रतलाम आने पर आज बड़ी खुशी है। रतलाम कम आया हूं, लेकिन रतलाम स्टेशन पर कई बार रुकने का मौका मिला है। यह बड़ा जंक्शन हैं। सेंव, सोना और साड़ी को लेकर रतलाम की अलग पहचान है।
विकास घोषणा, आश्वासन व कलाकारी से नहीं रोजगार व निवेश से होगा
कमल नाथ ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि- प्रदेश का विकास क्या सिर्फ घोषणा, आश्वासन और कलाकारी से होगा? हर हफ्ते एक नई योजना की घोषणा होती है, क्रियान्वयन कुछ भी नहीं। रतलाम में पानी की समस्या को देख लो जबकि घोषणा क्या हुई थी? आज नौजवानों का भविष्य खतरे में है। बेरोजगारी बड़ी समस्या है। नौजवान रोजगार के लिए भटक रहा है। सबसे बड़ी प्राथमिकता और चुनौती रोजगार है। रतलाम औद्योगिक दृष्टि से एक बड़ा केंद्र बन सकता था लेकिन आज यहां के औद्योगिक क्षेत्र की क्या हालत है, यह सब जानते हैं। रोजगार तभी संभव है जब निवेश आएगा। निवेशकों को यहां सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। सिर्फ इवेंट करने से कुछ नहीं होगा। शिवराज ने इंडस्ट्रियल समिट हुई लेकिन आगे कुछ नहीं हुआ।
भ्रष्टाचर भी व्यवस्था बन गया है
पूर्व सीएम ने कहा कि आज प्रदेश में भ्रष्टाचार की व्यवस्था बना दी गई है। ऐसी कोई जगह नहीं जहां भ्रष्टाचार नहीं है। क्या मप्र की पहचान माफिया से होगी, क्या भ्रष्टाचार से होगी या फिर मिलावट से होगी ? जितना हमारे कार्यकाल में कर्जा था उतना अब प्रदेश सरकार पर सिर्फ कर्जे का ब्याज है। किसानों के मुनाफे की भी बात हुई थी लेकिन हुआ या। खाद-बीज सबकुछ महंगा है। भाजपा सिर्फ मीडिया की राजनीति करती है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ 8 एफआईआर के बावजूद आदोलन नहीं करने के सवाल पर कमल नाथ ने कहा कि आंदोलन से क्या साबित होगा कि हम उनके साथ खड़ें हैं या हीं। कांग्रेस एक। यह कहना कि कांग्रेस बिखरी है- सही नहीं है। जिले स्तर पर हो सकता है कि कोई किसी से दूर हो।
बिना नोटिस बुलडोजर चलाना गलत
कमल नाथ ने कहा कि बिना नोटिस के बुलडोजर चलाना गलत है। यह एक उद्देश्य के लिए किया जा रहा है। जबकि मैंने माफिया के विरुद्ध चलाया था। छह महीने में सब साफ हो जाएगा। देश का संविधान है, कानून है। बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार का कोई जवाब नहीं दे सकते। इसलिए सबका अटेंशन डायवर्ट करते हैं। इस काम में शिवराज माहिर हैं। पहले कहा गया था कि हर साल 2 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। 2019 के एजेंडे में यह शामिल नहीं था, पाकिस्तान आ गया। आज के मतदाता और कल के मदताता में बहुत अंतर है। आज का मतदाता हर बात समझता है।
कमल नाथ ने कहा कि तीर्थ यात्रा सिर्फ बीजेपी के कार्यकर्ताओं व नेताओं के लिए है। हमने प्रदेश में कई गोशालाएं बनाई। प्रदेश का सबसे बड़ा हनुमान मंदिर छिंदवाड़ा में बनाया लेकिन हम धर्म को राजनीति में नहीं लाते। हमारी संस्कृति जोड़ने की है, तोड़ने की नहीं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने किया इशारा तो आई-गई हो गई इस्तीफे की बात
पार्टी में कार्यकर्ताओं और नेताओं की उपेक्षा और इस्तीफों का दौर शुरू होने के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष नाथ ज्यादा कुछ नहीं बोल बाए। इस मामले में वे कान के कच्चे ही नजर आए। उनका कहना था कि उन्हें इस्तीफे के बारे में नहीं पता है। हो सकता है इस्तीफा आया होगा। यदि ऐसा हो तो संबंधित को बुलाकर बात करेंगे, उनकी समस्या का समाधान करेंगे। गौरतलब है कि, प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ के आने से महज कुछ घंटे पहले ही पूर्व पार्षद बबीता नागर द्वारा इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले पूर्व पार्षद अदिति दवेसर भी पार्टी छोड़ चुकी हैं और माना जा रहा है आज देर शाम या अगले कुछ दिनों में और इस्तीफे हो सकते हैं।