गोरखा समाज ने नव वर्ष और चैत्र दशाई पर्व मनाया, मिलन समारोह में दो पहाड़ी समाजों के एक होने का महत्व भी बताया

गोरखा समाज ने हिंदू नव वर्ष और चैत्र दशाई पर्व पर मिलन समारोह आयोजित किया। इसमें दो पहड़ी समाजों को एक करने पर चर्चा हुई।

गोरखा समाज ने नव वर्ष और चैत्र दशाई पर्व मनाया, मिलन समारोह में दो पहाड़ी समाजों के एक होने का महत्व भी बताया
मुख्य अतिथि का अभिनंदन करते नेपाली संस्कृति परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र श्रेष्ठ।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । नेपाली संस्कृति परिषद और गोरखा समाज द्वारा नववर्ष और चैत्र दशाई पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मिलन समारोह आयोजित किया गया। इसमें समाजसेवी राजीव रावत का सम्मान किया गया।

मिलन समारोह के मुख्य अतिथि देवभूमि उत्तराखंड समिति के राजीव रावत रहे। अन्य अतिथि में पत्रकार जितेंद्र सोलंकी मौजूद रहे। नेपाली संस्कृति परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र श्रेष्ठ सहित अन्य पदाधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत किया। परिषद की ओर से मुख्य अतिथि का मस्मान भी किया गया। इस दौरान परिषद के कार्यों पर प्रकाश डाला गया।

‘दोनों समाजों को मिल कर रहना चाहिए’

मुख्य अतिथि रावत ने कहा कि हम दोनों समाज के लोग पहाड़ पर रहने वाले हैं। वहां से करीब 1000 से 1500 किलोमीटर दूर आकार यहां बरसों से अपनी रोजी-रोटी के लिए रोजगार-व्यवसाय चला रहे हैं। हम अपने परिवार से इतनी दूर आकार रह रहे हैं। हम सभी अब रतलाम की माटी में रच बस चुके हैं। दोनों समाज के लोगों के बीच रोटी-बेटी का भी संबंध बन चुका है। हमारे आचार-विचार और संस्कृति समान हैं तो हमें मिलकर रहना चाहिए ताकि हम अपने क्षेत्र की संस्कृति-परंपरा से सदैव जुड़े रहें। आने वाली पीढ़ी को हमारी पहाड़ी संस्कृति का ज्ञान और भान होता रहे।

ये उपस्थित रहे

कार्यक्रम में समाज के सुमन थापा, अमर सिंह, ललित जंगसाही, दिनेश, गोविंद, नर बहादुर, मानसिंह गोरखा और महिला कार्यकारणी के साथ अन्य समाजजन उपस्थित रहे। आभार संस्कृति परिषद के जिला अध्यक्ष नरेंद्र श्रेष्ठ ने माना। उन्होंने भी दोनों समाज के एक होने को महत्वपूर्ण बताया।