हाईकोर्ट की ऐसी टिप्पणी ! ‘ऐसा लगता है कलयुग आ गया? जानिए- किस मामले में एक हाईकोर्ट को ऐसा कहना पड़ा
पारिवारिक विवाद से जुड़े मामले में उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की है। मौजूदा हालात को लेकर हाईकोर्ट ने कहा है कि- ‘ऐसा लगता है कि कलयुग आ गया है?
एसीएन टाइम्स @ प्रयागराज । दाम्पत्य जीवन में आ रहे बिखराव कई प्रकार की विपरीत परिस्थितियां सामने ला रहे हैं। जिस उम्र की जिस दहलीज पर पति पत्नी को एक-दूसरे की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस होती है, उस उम्र में उन्हें कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ रही है। ऐसे ही एक मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि, ‘लगता है कलयुग आ गया है।‘
इलाहाबाद हाईकोर्ट में 80 साल के बुजुर्ग मुनेश कुमार गुप्ता द्वारा आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दायर की गई है। इसमें उन्होंने अपनी बुजुर्ग पत्नी गायत्री देवी को प्रतिमाह गुजारा भत्ता देने के अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी कर रहे हैं। उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि, ‘ऐसा लगता है कि कलयुग आ गया है क्योंकि करीब 75-80 साल के बुजुर्ग दंपति गुजारा भत्ता के लिए एक-दूसरे के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।’ न्यायालय ने गायत्री देवी को 30 सितंबर को पेश होने के लिए इस उम्मीद से नोटिस जारी किया है कि दोनों (दंपति) संतोषजनक समाधान पर पहुंच सकें।
5 हजार रुपए गुजारा भत्ता का हुआ है आदेश
जानकारी के अनुसार बुजुर्ग गायत्री देवी ने पारिवारिक न्यायालय में वाद दायर कर पति से प्रतिमाह गुजारा भत्ता दिलाए जाने की गुहार लगाई थी। उन्होंने न्यायालय को बताया था कि उनके पति को प्रतिमाह 35 हजार रुपए पेंशन मिलती है। मामले में पारिवारिक न्यायालय ने उनके मुनेश कुमार गुप्ता पति को आदेशित किया कि वे पत्नी गायत्री देवी को प्रतिमा 5 हजार रुपए बतौर गुजारा भत्ता अदा करें। इस फैसले से गुप्ता असंतुष्ट हैं।