77 दिन में फैसला : 5 साल की बच्ची के 40 वर्षीय बलात्कारी और हत्यारे फहीम को फांसी की सजा, इस दरिंदगी की कहानी पढ़ेंगे तो रूह कांप जाएगी...
पांच साल की मासूम की बलात्कार के बाद निर्मम हत्या के मामले में कोर्ट ने 40 वर्षीय अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई है।
एसीएन टाइम्स @ झांसी । उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 5 साल की बच्ची से ज्यादती करने वाले 40 वर्षीय फहीम को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है। महज 77 दिन में अहम् फैसला सुनाते हुए अभियुक्त पर 3 लाख रुपए का अर्थदंड भी किया गया है। अभियुक्त ने मासूम बच्ची का रेप तो किया ही, उसके शरीर पर आठ जगह काटा और मुंह दबा कर हत्या भी कर दी थी।
जानकारी के अनुसार बुलंदशहर की जहांगीराबाद कोतवाली में एक मामला आया था। पांच वर्षीय एक बच्ची के परिजन ने फहीम नाम 40 वर्षीय युवक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि 25 अप्रैल, 2023 को पीड़िता की मां अपने घर पर ऊपर की मंजिल में मसाले वाले चावल बना रही थी। चार वर्षीय मासूम बच्ची भी उसके पास खेल रही थी। कुछ देर बाद बच्ची नीचे चली गई। चावल बनाने के बाद मां ने बच्ची को ऊपर बुलाया लेकिन उसकी कोई आवाज या आहट नहीं सुनाई दी। मां ने नीचे जाकर देखा लेकिन वह नहीं मिली। आसपास तलाश किया, मस्जिद से ऐलान भी करवाया लेकिन कुछ भी पता नहीं चल सका। बाद में किसी ने बताया कि बच्ची को पड़ोसी फहीम के साथ देखा था। बच्ची की मां, मौसी व अन्य फहीम के घर पहुंचे लेकिन घरवालों ने अंदर जाने से रोक दिया।
चारपाई पर बैठा था दरिंदा, नीचे पड़ी थी खून से लथपथ बच्ची
बाद में एक लड़के ने किसी तरह फहीम के घर के अंदर दाखिल होकर अंदर से दरवाजा खोल दिया। जैसे ही वे अंदर दाखिल हुए तो वहां का नजारा देख पैरों तले की जमीन ही खिसक गई। 40 वर्षीय फहीम एक चारपाई पर लेटा था और उसके नीचे उनकी बच्ची खून से लथपथ पड़ी थी। उसके सारे कपड़े भी पटे थे। उसके शरीर से बहुत खून बह रहा था। परिजन की शिकायत पर जहांगीराबाद कोतवाली में पड़ोसी युवक के विरुद्ध पाक्सो एक्ट सहित ज्यादती और हत्या की धाराओं में केस दर्ज किया गया।
महज 14 दिन में कोर्ट में पेश कर दी चार्जशीट
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सघन विवेचना की और महज 14 दिन के अंदर चार्जशीट न्यायालय में पेश कर दी। कोर्ट ने भी मामले में बयानों और साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त फहीम को फांसी की सजा सुना दी। न्यायालय ने अभियुक्त पर 3 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। इतना ही नहीं, सजा सुनाते हुए जज कड़ी टिप्पणी भी की। उन्होंने कहा कि- ‘ये बहुत ही ज्यादा जघन्य अपराध है। ये काम कोई हैवान ही कर सकता है।’ अभियोजन की ओर से पैरवी सरकरी वकील वरुण कौशिक ने की। उन्होंने मीडिया को बताया कि उन्होंने यह केस पीड़िता बच्ची को अपनी बेटी मानकर लड़ा।
दरिंदगी ऐसी कि देखकर खुद हैवान भी कांप जाए
बच्ची के साथ हुई दरिंदगी के बारे में सोच कर ही रूह कांप जाती है। अगर इस दरिंदगी को किसी हैवान ने भी देखा होता तो वह भी सिहर जाता। बच्ची की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उसके शरीर पर 8 जगह काटे जाने के निशान थे। शरीर पर हर जगह चोट थी। दोनों प्राइवेट पार्ट बुरी तरह क्षतिग्रस्त थे। अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में 8 गवाह पेश किए गए। कोर्ट में जो सबूत पेश किए गए उसमें वैज्ञानिक साक्ष्य महत्वपूर्ण रहे। इनमें अभियुक्त फहीम के नाखूनों में फंसे मिले बच्ची की त्वचा, बच्ची के प्राइवेट पार्ट में मिला उसका सीमेन शामिल है। फहीम के घर और उसकी पैंट पर मिला खून और बाल भी बच्ची के खून व बाल से मैच हो गए।
अपनी सगी भतीजी को भी ले गया था जंगल
पुलिस जांच में पता चला कि फहीम कुछ दिन पहले अपनी भतीजी (सगे भाई की बेटी) को स्कूल से झूठ बोलकर ले आया था। वह उसे पास के एक जंगल में ले गया। जहां वह उसके साथ गलत काम करने ही वाला था कि वहां स्कूल के एक शिक्षक आ पहुंचे। शिक्षक शक के आधार पर फहीम का पीछा कर रहे थे। उन्होंने फहीम को बच्ची के साथ गलत काम करते देखा तो शोर मचा दिया। इससे फहीम वहां से भाग गया। इसके बाद से फहीम का भाई परिवार सहित अलग रहने लगा।