फिल्म नहीं हकीकत है : चरित्र शंका में पत्नी को घर में कैद कर मारी गोली, कर रहा था आत्महत्या का प्रयास, पुलिसकर्मियों की सूझबूझ से बची दो जानें

शहर के मित्रनिवास रोड क्षेत्र में चरित्र शंका को लेकर एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को गोली मार दी और आत्महत्या करने का प्रयास कर रहा था लेकिन पुलिसकर्मियों ने दोनों को बचा लिया।

फिल्म नहीं हकीकत है : चरित्र शंका में पत्नी को घर में कैद कर मारी गोली, कर रहा था आत्महत्या का प्रयास, पुलिसकर्मियों की सूझबूझ से बची दो जानें
गोली लगने से घायल महिला और इनसेट में गोली दागने वाला उसका पति धर्मेंद्र सिसौदिया।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शहर के स्टेशन रोड थाना क्षेत्र में चरित्र शंका के चलते एक व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी को घर में कैद कर गोली मारने का मामला सामने आया है। आरोपी खुद को भी गोली मारने का प्रयास कर रहा था। दो पुलिसकर्मियों ने सक्रियता दिखाते हुए सूझबूझ से काम लिया तो दोनों की जानें बच गईं। घटनाक्रम करीब दो घंटे तक चला। घायल महिला को जिला अस्पताल भर्ती कराया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

यह घटना किसी फिल्म या क्राइम पेट्रोल जैसे धारावाहिक की कहानी नहीं बल्कि हकीकत है। सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात तकरीबन 12 बजे मित्र निवास रोड क्षेत्र में धर्मेंद्र सिसौदिया नामक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को घर में कैद कर दिया। उसने पत्नी के पेट में पिस्टल से गोली दाग कर घायल कर दिया। विवाद और फायरिंग की आवाज सुन किसी ने स्टेशन रोड पुलिस को सूचना दी। जानकारी मिलते ही प्रधान आरक्षक योगेंद्र सिंह चौहान और मनीष यादव बिना समय गंवाए घटनास्थल पहुंच गए। वहां देखा तो घर का जाली वाला दरवाजा बंद था और धर्मेंद्र कभी पत्नी की ओर तो कभी अपने सिर पर रिवॉल्वर रख कर दोनों को खत्म करने की बात कह रहा था। इस दौरान वह पत्नी को भी भलाबुरा कह रहा था। उसका कहना था कि वह पत्नी को भी मार देगा और खुद भी मर जाएगा।

डेढ़ घंटे की मशक्कत तक छोड़ा पत्नी को

प्रधान आरक्षक जादौन और यादव ने सूझबूझ दिखाई और नशे में धुत्त धर्मेंद्र से बातें शुरू ताकि उसका ध्यान दूसरी ओर डायवर्ट हो। दोनों को तकरीबन डेढ़ घंटे तक मशक्कत करना पड़ी। तब कहीं जाकर धर्मेंद्र ने दरवाजा खोला और दोनों पुलिसकर्मियों ने रात करीब 1.30 बजे उसकी घायल पत्नी को बाहर निकाला और उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। गोली महिला के पेट में लगी होने से उसे ड्यूटी डॉक्टर ने भर्ती कर लिया।

रात 2 बजे छोड़ी पिस्टल तब ले पाए हिरासत में

प्रधान आरक्षक योगेंद्र सिंह जादौन और मनीष यादव के साथ आरोपी धर्मेंद्र सिसौदिया।

पुलिसकर्मियों ने घायल महिला को तो छुड़वा लिया लेकिन अब उनके सामने आत्महत्या करने पर उतारू धर्मेंद्र को बचाने की चुनौती थी। वे लगातार प्रयास करते रहे। आखिरकार करीब 2.00 बजे धर्मेंद्र ने पिस्टल सोफे पर रखी और दोनों हाथ प्रधान आरक्षकों को दिखाए। इसके बाद उसे हिरासत में लिया जा सका और पिस्टल भी जब्त की तथा स्टेशन रोड थाने लेकर पहुंचे।

मंगवा ली थी जेसीबी मशीन

जिस मकान में यह घटनाक्रम हुआ वह दो मंजिल है। नीचे की मंजल में धर्मेंद्र, उसकी पत्नी और दो बच्चे रहते हैं जबकि ऊपर किरायेदार। घटना के दौरान किरायेदार की जान को भी खतरा बना हुआ था। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए पुलिस ने जेसीबी मशीन भी मंगवा ली थी लेकिन पड़ौसियों ने बताया कि मकान 40 साल पुराना होने से जोखिम हो सकता है। हालांकि पुलिसकर्मियों की समझाइश के बाद इसकी नौबत नहीं आई।

अन्य व्यक्ति से संबंध की शंका में दागी गोली

जानकारी के अनुसार जिस महिला को गोली मारी वह धर्मेंद्र की दूसरी पत्नी है। धर्मेंद्र से शादी करने से पहले उसकी अन्य व्यक्ति से शादी हुई थी जिससे दो बेटे हैं। धर्मेंद्र को शंका है कि उसकी पत्नी का किसी अन्य व्यक्ति से भी संबंध है। इसे लेकर दोनों में आए दिन विवाद होता रहता है। दोनों ही एक-दूसरे के मोबाइल फोन भी चैक करते रहते हैं। बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र ने पत्नी का मोबाइल चैक किया तो उसमें कुछ आपत्तिजनक सामग्री मिली जिससे वह भड़क गया और घटना को अंजाम दे दिया। पत्नी को बंधक बनाने से पहले उसने अपने सौतेले बेटे नकुल को घर से बाहर भेज दिया था।

वरना हो जाती ज्यादा दिक्कत

पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी धर्मेंद्र ने पत्नी को काफी नजदीक से गोली मारी। इससे गोली को ज्यादा घूमने का समय नहीं मिला। इससे उसमें ज्यादा गति उत्पन्न नहीं हुई और वह पेट में ही फंस गई। गोली ने खून भी लगभग सुखा दिया जिससे वह ज्यादा बहा नहीं। अगल थोड़ी भी दूर से फायर किया गया होता तो गोली जिस्म से आरपार हो सकती थी और खून भी ज्यादा बहता।