PHE के कार्यपालन यंत्री नहीं दे सके सवालों के जवाब, नाराज DM ने दूसरे विभागों से मांगी काम की रिपोर्ट, बोले- PHE की जानकारी पर भरोसा नहीं

जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) ने अपना भरोसा खो दिया है। विभाग के कार्यपालन यंत्री कलेक्टर के सवालों का जवाब तक नहीं दे सके। इससे नाराज कलेक्टर ने दूसरे विभागों से काम की रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा- पीएचई की रिपोर्ट भरोसे लायक नहीं।

PHE के कार्यपालन यंत्री नहीं दे सके सवालों के जवाब, नाराज DM ने दूसरे विभागों से मांगी काम की रिपोर्ट, बोले- PHE की जानकारी पर भरोसा नहीं

एसीएन टाइम्स @ रतलाम जिले के कुछ सरकारी महकमों और अफसरों की अकर्मण्यता की कलाई धीरे-धीरे खुलती जा रही है। ये कलेक्टर के सामने आए दिन एक्सपोज हो रहे हैं। ताजा मामला लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग का है जिसने कलेक्टर की नजर में अपना भरोसा ही खो दिया है। विभाग के मुखिया कार्यपालन अधिकारी तो उनके सवालों का जवाब तक नहीं दे पाए। इससे क्षुब्ध कलेक्टर ने दूसरे विभागों को जल जीवन मिशन की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ कहा कि- पीएचई की जानकारी भरोसा करने लायक नहीं है।

भारत सरकार के महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के रतलाम जिले में कार्य हो रहा है। इसकी समीक्षा सोमवार को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने की। उन्होंने मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों और आंगनवाड़ियों में हुए नल कनेक्शन की जानकारी तलब की।इस दौरान कलेक्टर ने योजना से जुड़े कुछ सवाल पूछे तो पीएचई के कार्यपालन यंत्री और सहायक यंत्री जवाब नहीं दे पाए। यहां तक कि थर्ड पार्टी निरीक्षण करने वाले प्रतिनिधि भी बगलें झांकते नजर आए।

कलेक्टर पुरुषोत्तम को यह नागवार गुजरा और उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी। उन्होंने महिला बाल विकास विभाग तथा जिला शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि योजना की प्रगति की रिपोर्ट वे अपने-अपने मैदानी अमले से प्राप्त कर उपलब्ध कराएं। इसके लिए उन्होंने तीन दिन की डेडलाइन तय की है। इसके बाद फिर से बैठक होगी। कलेक्टर ने कहा कि पीएचई की जानकारी पर भरोसा नहीं है।

काम नहीं हुआ तो आर्थिक अनिमयता के मामले में एफआईआर दर्ज होगी 

कलेक्टर के अनुसार शिक्षा विभाग तथा महिला बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के आधार पर जल जीवन मिशन के वास्तविक क्रियान्वयन की स्थिति पता चल सकेगी। उन्होंने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर काम नहीं किया गया है तो आर्थिक अनियमितताओं के प्रकरण के साथ ही अन्य अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाएगी। उन्होंने एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी भी दी। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि स्कूलों में स्टाफ द्वारा किसी भी रूप में फर्जी सर्टिफिकेट योजना के क्रियान्वयन का नहीं दिया जाए अन्यथा स्टाफ के उस व्यक्ति के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

1567 स्कूलों व 2000 आंगनवाड़ियों में नलों से मिलेगा पानी

बताया गया कि जल जीवन मिशन के तहत जिले में 57 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 127 प्रगतिरत हैं। 111 में कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। योजना के तहत जिले के 1567 स्कूलों में नल के माध्यम से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। लगभग 2000 आंगनबाड़ियों में भी नल से जल पहुंचेगा।