मांझे सी सस्ती नहीं ज़िंदगी की डोर ! चायनीज मांझे से होने वाले हादसों को रोकने के लिए एमपी ट्रांसको ने शुरू किया रोको-टोको अभियान

चायनीज मांझे से होने वाले जानलेवा हादसों को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (MPTRANSCO) ने संवेदनशील स्थानों पर रोको-टोको अभियान शुरू किया है। आप भी इस जानलेवा मांझे का उपयोग करने से बचें।

मांझे सी सस्ती नहीं ज़िंदगी की डोर ! चायनीज मांझे से होने वाले हादसों को रोकने के लिए एमपी ट्रांसको ने शुरू किया रोको-टोको अभियान
एमपी ट्रांस. को. द्वारा चायनीज माझे से होने वाले हादसों को ध्यान में रखते हुए रोको-टोको अभियान शुरू किया है।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । एम.पी. ट्रांसको (मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी) ने रतलाम सहित पूरे मध्य प्रदेश में ट्रांसमिशन लाइनों के समीप, खासकर मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर चायनीज मांझे से पतंग उड़ाने के कारण संभावित दुर्घटना की आशंकाओं पर अंकुश लगाने व नागरिकों को सतर्क व सुरक्षित करने के लिए रोको-टोको अभियान चलाया है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने भी आग्रह किया है कि ट्रांसमिशन लाइनों के पास पतंग नहीं उड़ाएं। सिर्फ ट्रांसमिशन लाइन ही नहीं, चायनीज मांझे से पतंग उड़ाने से ही परहेज करें, क्योंकि यह जिंदगी इस मांझे जैसी सस्ती नहीं है।

एम.पी. ट्रांसको के मुख्य अभियंता संदीप गायकवाड़ ने बताया कि रतलाम में बहुतायत पतंग उड़ाए जाने वाले संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिकों से व्यक्तिगत संपर्क करने के अलावा पोस्टर, बैनर एवं पी.ए. सिस्टम के माध्यम से उन्हें सचेत एवं सतर्क किए जाने का अभियान चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उपभोक्ताओं को विद्युत के अनावश्यक व्यवधान का सामना करने से बचाना है। दरअसल, प्रदेश में कुछ स्थानों पर ट्रांसमिशन लाइनों में चायनीज मांझा के साथ पतंग फंसने की घटनाओं के बाद विद्युत व्यवधान हुआ था तथा पतंग उड़ाने वालों को भी नुकसान पहुंचा। गनीमत रही कि एम.पी. ट्रांसको के संवेदनशील प्रोटेक्शन सिस्टम के 100 प्रतिशत ऑपरेट होने से बड़ी जन-धन हानि नहीं हुई।

क्यों घातक है चायनीज मांझा ?

चायनीज मांझा चीन से आने वाले धातु से लिपटी पतंग की डोरी होती है। इसमें कई तरह के केमिकल और धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है, जो डोरी को बिजली का अच्छा सुचालक बना देता है, जो संपर्क में आने से पतंग उड़ाने वाले के लिए घातक साबित होता है। ट्रांसमिशन लाइन में लिपटने से व्यापक क्षेत्र में विद्युत व्यवधान और जनधन हानि की आशंका रहती है। इसके साथ ही यह मांझा आसमान में उड़ने वाले बेजुबान परिंदों के साथ ही जनसामान्य के लिए भी जानलेवा साबित हो रहा है।

ये क्षेत्र है संवेदनशील

रतलाम क्षेत्र में बाजनखेड़ा, जड़वासा कला, सिमलावदा, कलोरी शाइना आदि क्षेत्र चायनीज मांझे के कारण संभावित दुर्घटना के लिए अति संवेदनशील क्षेत्र है, जहां पर ट्रांसमिशन लाइनों के संपर्क में न आने के लिए सुरक्षा, सतर्कता एवं सजगता अति आवश्यक है।