रतलाम में पहली बार : श्री राम की 10 हजार दीपों से आरती, 21 हजार लड्डू का भोग और सिद्धार्थ काश्यप की भजन संध्या, सभी बोले- अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय !

श्री राम जन्मोत्सव समिति द्वारा श्री राम नवमी पर रतलाम के महलवाड़ा के समक्ष महाआरती का आयोजन किया गया। इसमें बनारस के गंगा आरती दल ने 10 हजार दीपों से आरती की। 21 हजार लड्डुओं का भोग लगाया गया। इस दौरान संगीतकार सिद्धार्थ काश्यप और उनकी टीम ने श्री राम से जुड़े भजन प्रस्तुत किए।

रतलाम में पहली बार :  श्री राम की 10 हजार दीपों से आरती, 21 हजार लड्डू का भोग और सिद्धार्थ काश्यप की भजन संध्या, सभी बोले- अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय !
रतलाम में श्री राम नवमी पर महलवाड़ा के समक्ष आयोजित महाआरती में आरती करते बनारस के गंगा आरती दल के सदस्य।

श्री राम जन्मोत्सव समिति के तत्वावधान में हुए आयोजन में 21 हजार लड्डुओं का लगा भोग, संगीतकार सिद्धार्थ काश्यप और टीम के भजनों से राममय हुआ रतलाम

एसीएन टाइम्स @ रतलाम श्री राम नवमी पर रतलाम में पहली बार श्री राम जन्मोत्सव समिति के तत्वावधान में महलवाड़ा द्वार पर 10 हजार दीपों की महाआरती। बनारस के गंगा घाट के आरती दल के साथ हजारों राम भक्तों ने महाआरती की। भगवान को 21 हजार लड्डुओं का भोग लगाया गया जो प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटे गए। आरती से पूर्व प्रसिद्ध संगीतकार सिद्धार्थ काश्यप ने म्यूजिकल टीम के साथ राम भजनों की प्रस्तुति देकर वातावरण राममय बनाया दिया। यह देख सभी ने कहा- यह अद्भुत, अलौकिक, असाधारण, अविस्मरणीय है।

श्रीराम जन्मोत्सव समिति के इस आयोजन में नित्यानंद आश्रम के स्वामी श्री नर्मदानंद बाबजी महाराज, अखण्ड ज्ञान आश्रम के स्वामी श्री देवस्वरूपानंद जी महाराज और बड़ा राम द्वारा के श्री पुष्पराज जी रामस्नेही ने आशीर्वाद प्रदान किया। आरएसएस के विभाग प्रचारक विजेन्द्र गोटी, जिला प्रचारक राकेश कुशवाह, प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप एवं महापौर प्रहलाद पटेल विशेष रूप से उपस्थित रहे। समिति अध्यक्ष गोविन्द काकानी, अनिल पोरवाल, मुन्नालाल शर्मा, राजेश कटारिया, प्रद्युम्न मजावदिया, निर्मल लुनिया, मुकेश जैन, रामबाबू शर्मा, सुदीप पटेल, महेश डोडियार, मनोहर डोडियार आदि ने अतिथियों का स्वागत - सम्मान किया।

‘बोलो राम राम...’ से हुई भजनों की शुरुआत

इसके बाद युवा संगीतकार सिद्धार्थ काश्यप ने दल के साथ अपने राममय भजनों की सुमधुर प्रस्तुतियां दी। भजन संध्या की शुरुआत एस. के. म्यूजिक द्वारा अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर पर लॉन्च किए गए भजन ‘बोलो राम-राम…’ से हुई। इस भजन के यूट्यूब पर 50 लाख से अधिक व्यूव्स हुए हैं। इसके बाद ‘भजन राम जी आए हैं...’ की प्रस्तुति हुई, जिसके भी करीब 6 मिलियन व्यूव्स हैं। संगीत दल ने ‘नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो, सियाराम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में...’ की सुमधुर प्रस्तुतियां दी। इसके बाद सिद्धार्थ काश्यप ने अपने गीत ‘राम नाम ही गूंजेगा...’, ‘हम बारम बार पुकारेंगे…’, ‘राम सिया राम सिया राम जय जय राम…’ प्रस्तुत कर पूरा वातावरण राममय कर दिया।

सिद्धार्थ काश्यप व इंडियन आइडल के कलाकार गिरीश बिस्वाजी ने की संगत

इन प्रस्तुतियों में सिद्धार्थ काश्यप के साथ इंडियन आइडल के आर्टिस्ट गिरीश बिस्वाजी के दल ने संगत की। उनके साथ ‘राधे-राधे’ फेम अमित गुप्ता, साक्षी होलकर एवं ईशान खान ने गीतों की प्रस्तुति दी। भजन संध्या में युवा संगीतकार काश्यप ने संगीत निर्देशन भी किया। भजनों की प्रस्तुति के बाद बनारस के गंगा घाट का आरती दल मंच पर आया और अपनी महाआरती प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। समिति द्वारा आरती में उपस्थित सभी राम भक्तों को दीपक एवं भोग की थाल उपलब्ध कराई गई। इससे प्रत्येक रामभक्त ने महाआरती भी की और प्रभु को भोग लगा कर प्रसादी ग्रहण की। संचालन विकास शैवाल ने किया।

गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं, डॉ. जलज व प्रो. हाशमी से सीखकर आगे बढ़ा हूं- सिद्धार्थ काश्यप

भजन संध्या के आरंभ में युवा संगीतकार सिद्धार्थ काश्यप ने कहा कि रतलाम मेरी जन्मभूमि है और मुंबई कर्मभूमि। संगीत का संस्कार और प्रेरणा मुझे रतलाम से मिली है और यहीं से लेखन, संगीत एवं गाने की प्रेरणा मिली है। यही वह भूमि है, जहां डॉ. जयकुमार जलज और प्रोफेसर अजहर हाशमी राम वाला हिंदुस्तान लिखते हैं, उन्हीं से सीखकर मैं आगे बढ़ा हूं। आज पहली बार श्रीराम नवमी के अवसर पर मेरा रतलाम में पहला सार्वजनिक कार्यक्रम हो रहा है। इससे मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।

काश्यप ने कहा इस आयोजन के लिए मैं श्री राम जन्मोत्सव समिति का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। कतर के दोहा में फीफा वर्ल्ड कप में मेरे इंस्ट्रूमेंट बैंड के परफॉर्म के बाद जब मैं रतलाम आया, तो यहां के लोगों ने एक आयोजन रतलाम में करने की बात कही थी। उस समय मेरा मन रतलाम में ऑडिटोरियम बनने पर ‘परफेक्ट अम्लगेशन’ का पहला प्रोग्राम यहीं करने का था, लेकिन समिति अध्यक्ष गोविंद जी के प्रयासों से पहला कार्यक्रम आज करने का मौका मिला है, जो मुझे हमेशा याद रहेगा।