झूम के बरसा भादौ : 24 घंटे में बाजना में गिरा 10 इंच पानी, जिले में दर्ज हुई औसत 5 इंच से अधिक बारिश, नदी-नाले उफने, धोलावड़ के सभी गेट खुले

24 घंटे से जारी भारी बारिश के कारण जिले के नदी-नाले उफन पड़े। निचली बस्तियों में पानी भरने से जनजीवन आस्तव्यस्त हो गया।

झूम के बरसा भादौ : 24 घंटे में बाजना में गिरा 10 इंच पानी, जिले में दर्ज हुई औसत 5 इंच से अधिक बारिश, नदी-नाले उफने, धोलावड़ के सभी गेट खुले
करमदी स्थित पुलिया पर पानी से आने से मार्ग अवरुद्ध हो गया।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शुक्रवार दोपहर से शुरू हुई बारश आज भी जारी है। बीते 25 घंटे में जिले में 5 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है। सर्वाधिक 10 इंच बारिश बाजना विकासखंड में दर्ज की गई जबकि रतलाम शहर में आंकड़ा 5 इंच के करीब पहुंच चुका है। सबसे कम पिपलौदा में हुई। बाजना व आसपास के क्षेत्र में हुई बारिश के कारण माही नदी का जलस्तर बढ़ गया। जिले के अन्य नदी-नाले भी उफन पड़े। जलस्तर बढ़ने से धोलावड़ जलाशय (सरोज सरोवर) बांध के सभी गेट खोलने पड़े। ज्यादा बारिश के चलते कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने आंगवाड़ियों और स्कूलों में शनिवार की छुट्टी घोषित कर दी।

(धोलावड़ डेम)

मौसम विभाग ने रतलाम सहित प्रदेश के आठ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था। यह सही साबित हुआ। जिले में शुक्रवार दोपहर से झमाझम बारिश जारी है। जिला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार से शनिवार सुबह 8:00 बजे तक बाजना विकासखंड में 251 मिमी (करीब 10 इंच) बारिश दर्ज की गई। इसी प्रकार आलोट में 171 मिमी (करीब 7 इंच), रावटी में 152 मिमी, सैलाना में 125 मिली, पिपलौदा में 95 मिमी, ताल में ... मिमी, जावरा में 74 मिमी एवं रतलाम शहर में 85 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस तरह जिले में बीते 24 घंटे के दौरान औसत 131.25 मिमी बारिश हुई।

इस साल अब तक सर्वाधिक बारिश बाजना में

इस मानसून सत्र में जिले में अब तक सबसे ज्यादा बारिश बाजना क्षेत्र में दर्ज की गई है। यहां 1348 मिमी पानी गिरा। जावरा में 1071 मिमी, आलोट में 1057 मिमी, रतलाम में 926 मिमी, रावटी में 942 मिमी, सैलाना में 1050 मिमी, ताल में 826 मिमी, पिपलौदा में 735 मिमी बारिश दर्ज की गई।

(हनुमान ताल)

पिछले साल से अभी भी 5 इंच कम बारिश

इस वर्ष अभी तक कुल 995.13 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है। यह पिछले साल इस अवधि तक हुई बारिश से लगभग 125 मिलीमीटर (5 इंच) कम है। पिछले साल इस समय तक 1120.58 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी।

नदी-नाले उफनने से आवागमन अवरुद्ध

(तेलनी नदी)

तेज बारिश के कारण जिले के अधिकतर नदी-नालों में का स्तर काफी बढ़ गया। इससे छोटी रपटों और पुलियाओं के ऊपर से पानी बह रहा है। इसका असर आवागमन पर पड़ा है। जिला मुख्यालय के पास मथुरी गांव में एक पेड़ धराशायी होने से रास्ता बंद हो गया। लोगों को रास्ता बदलकर आवागमन करना पड़ा रहा है। हतनारा में मलेनी नदी, बजना में माही, कुंडा में तेलनी नदी का जलस्तर भी काफी ज्यादा हो गया है। सैलाना स्थित केदारेश्वर का झरने में पानी का बहाव बढ़ने से नीचे शिवलिंग तक पहुंचने का रास्ता बंद हो गया। करमदी स्थित पुलिया और कनेरी की रपट पर पानी होने से लोग आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं।

दूध-सब्जी की आपूर्ति ठप, स्कूल-आंगनवाड़ी बंद

(कनेरी रपट)

भारी बारिश के चलते कलेक्टर सूर्यवंशी ने शनिवार सुबह जिले में आंगनवाड़ियों और 12वीं कक्षा तक के स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी। हालांकि, मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट पहले ही जारी कर दिया जिसके चलते इंदौर, उज्जैन, झाबुआ आदि जिलों में पहले ही छुट्टी घोषित कर दी गई थी। रतलाम में इसका निर्णय सुबह देर से हुआ। तब तक कई स्कूलों में बच्चे पहुंच चुके थे, उन्हें वहां जाकर छुट्टी का पता चला। इससे बच्चे और अभिभावक परेशान हुए। दूध और सब्जियों की आपूर्ति पर भी असर पड़ा। नदी-नालें उफनने के कारण ग्रामीण इलाकों के रास्ते भी बंद हो गए। इससे दूध और सब्जी की पहुंच प्रभावित हुई।